बकाये रकम को लेकर टेलीकॉम डिपार्टमेंट (DoT) और पब्लिक सेक्टर की कंपनी गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) के बीच तनाव बढ़ गया है. दरअसल, टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने गेल से अपने 1.72 लाख करोड़ रुपये के बकाये की मांग की है. इस पर सरकारी कंपनी गेल ने कहा है कि एक पैसे का भी बकाया नहीं है.
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने ने गेल को पिछले महीने पत्र भेजकर IP-1 और IP-2 लाइसेंस के अलावा इंटरनेट सेवा प्रदाता (ISP) लाइसेंस का 1,72,655 करोड़ रुपये का भुगतान करने को कहा है. यहां बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से पिछले बकाये को चुकाने के लिए राजस्व को शामिल करने के फैसले के बाद टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने यह मांग की है.
जवाब में गेल ने क्या कहा?
टेलीकॉम डिपार्टमेंट की इस मांग पर गेल ने कहा कि जितना बकाया उसने सरकार को चुका दिया है, उससे अलग उस पर कुछ भी बकाया नहीं है. गेल ने टेलीकॉम डिपार्टमेंट से कहा कि उसने 2002 में आईएसपी लाइसेंस लिया था, जो 2017 में खत्म हो गया था. गेल के मुताबिक कंपनी ने इस लाइसेंस के तहत कोई बिजनेस नहीं किया और कोई रेवेन्यू भी हासिल नहीं हुआ. इसलिए वह कोई रकम नहीं चुका सकती. गेल ने अपने जवाब में कहा कि उसे 2001-12 में 35 करोड़ रुपये की ही कमाई हुई, न कि 2,49,788 करोड़ रुपये की, जिसके आधार पर पिछला बकाया मांगा जा रहा है.
बता दें कि देश की दो टॉप टेलीकॉम कंपनियां भी सरकार द्वारा वसूले जाने वाले एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (AGR) की वजह से बर्बादी की कगार पर पहुंच गई हैं. इस वजह से टेलीकॉम कंपनी वोडा- आइडिया को दूसरी तिमाही में अब तक का सबसे बड़ा 50,921 करोड़ का घाटा हुआ है. यह भारतीय कॉरपोरेट इतिहास का सबसे बड़ा घाटा है. एयरटेल को भी जुलाई-सितंबर, 2019 तिमाही में 23,045 करोड़ रुपये का बड़ा घाटा हुआ है.