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'हमारा पैसा डूबा, एक जनरेशन भी खत्म हो गई, नहीं मिला घर...' Logix Blossom Zest में फ्लैट लेकर फंसे खरीदार

लोगों का आरोप है कि Logix Blossom Zest में पिछले आठ सालों से काम बंद है. इस प्रोजेक्ट में करीब 2700 फ्लैट हैं, जिनमें से लगभग 850 लोगों को पजेशन मिला है, लेकिन पजेशन पाने वाले लोग भी कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं.

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 Logix Blossom Zest के बायर्स को पजेशन का इंतजार(Photo-ITG)
Logix Blossom Zest के बायर्स को पजेशन का इंतजार(Photo-ITG)

नोएडा के सेक्टर 143 में स्थिति Logix Blossom Zest के बायर्स ने सालों पहले अपने लिए सपनों के घर का ख्वाब देखा था. मेहनत की कमाई लगाकर इन लोगों ने इस उम्मीद में घर बुक किया था कि एक दिन अपने घर में सुकून से रहेंगे. लेकिन साल दर साल गुजरते गए और लोगों का ये सपना आज तक पूरा नहीं हो पाया. बिल्डर ने इमारतें तो खड़ी कर दीं, लोग इस आस में थे कि जल्द ही घर का काम पूरा हो जाएगा. लेकिन उनका ये इंतजार आज तक खत्म नहीं हुआ और लोग अभी भी अपने घर के पजेशन के इंतजार में बैठे हैं. 

इस प्रोजेक्ट में फ्लैट बुक कराने वाले कृष्ण गोयल बताते हैं- ' मैंने यहां पर 2014 में स्टूडियो अपार्टमेंट बुक किया था. उस वक्त यहां स्ट्रक्चर खड़ा हो चुका था. बिल्डर ने एक साल में पजेशन देने का वादा किया था. 3 साल के बाद यहां पर काम बंद कर दिया गया. हम लोग 80 फीसदी पेमेंट कर चुके हैं करीब 11-12 साल हो गए हैं और अभी तक इसकी स्थिति वैसी की वैसी है, जैसे 12 साल पहले थी.'

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कब खत्म होगा बायर्स का इंतजार? 

एक और घर खरीदार निशा कहती हैं-' 2013 में बड़ी मुश्किल से ये फ्लैट बुक किया था, अब हम ईएमआई भी दे रहे हैं और किराया भी अग ये घर नहीं मिलेगा तो हमारे लिए बहुत ही मुश्किल हो जाएगी. मेरे पति 58 साल के हैं, 2 साल में रिटायर हो जाएंगे, तब हम लोग कहां जाएंगे. हमारे लिए फाइनेंशियली बहुत दिक्कत आ जाएगी. इसलिए कुछ तो करना ही पड़ेगा.'

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रवि शंकर, जिन्होंने अपनी पूरी जमापूंजी इस प्रोजेक्ट में लगा दी, अपनी बेबसी जाहिर करते हुए कहते हैं-, "मेरी आधी सैलरी घर की ईएमआई और रेंट भरने में जाती है. हम अपने घर को देखने के लिए भी नहीं जा सकते. हमारा पैसा जा चुका है, और कई लोग तो इस दुनिया से भी जा चुके हैं एक जनरेशन खत्म हो गई और पता नहीं हम लोग कभी अपने घर में शिफ्ट भी हो पाएंगे या नहीं". 

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दूसरे बायर्स की परेशानियां

लोगों का आरोप है कि Logix Blossom Zest में पिछले आठ सालों से काम बंद है. इस प्रोजेक्ट में करीब 2700 फ्लैट हैं, जिनमें से लगभग 850 लोगों को पजेशन मिला है, लेकिन पजेशन पाने वाले लोग भी कई तरह की परेशानियों से जूझ रहे हैं. उनकी शिकायत है कि सोसायटी में रखरखाव की कमी है और सुरक्षा या बुनियादी सुविधाएं भी ठीक से नहीं दी जा रही हैं. 

सोसायटी में रहने वाले सतेंद्र कुमार बताते हैं- "मुझे 2018 में बिना रजिस्ट्री के पजेशन मिला था. नोएडा अथॉरिटी से लगभग 1000 फ्लैटों के लिए सीसीओसी (कंप्लीशन कम ऑक्युपेंसी सर्टिफिकेट) मिला है, लेकिन इनमें से सिर्फ 850 लोगों को कब्जा मिला. यहां 850 लोगों के लिए कम से कम 100 सिक्योरिटी स्टाफ की जरूरत है, जबकि 5-6 लोग ही हैं. हाउसकीपिंग स्टाफ भी सिर्फ 10-12 लोग हैं."

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फ्लैट में रहने वाले लोग भी परेशान

एक दूसरे घर खरीदार रविकांत शर्मा ने बताया- "करीब 9 साल हो गए हैं, यहां कोई काम नहीं हुआ. पहले बिल्डर ने कुछ नहीं किया, और उसके बाद कुछ बायर्स NCLT (National Company Law Tribunal) चले गए. फिलहाल, RP (Resolution Professional) यहां का काम देख रहे हैं".

क्या कहते हैं  इस प्रोजेक्ट के RP?

लोगों की शिकायतों के बाद aajtak.in ने इस सोसायटी का कामकाज संभाल रहे लोगों से बात की तो उन्होंने लोगों की शिकायतों पर जवाब देते हुए बताया-  

प्रोजेक्ट अभी कॉरपोरेट इन्सॉल्वेंसी रिजोल्यूशन प्रोसेस (CIRP) के तहत है और M.L. विज रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के तौर पर काम कर रहे हैं. CIRP में हमेशा की तरह, रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल के पास फंड्स की कमी रहती है, इसलिए वो सिर्फ उतनी ही सुविधाएं दें सकते हैं, जितने पैसे उपलब्ध हैं. इस वजह से, बुनियादी ढांचे को बेहतर करने के लिए कोई बड़ा खर्चा नहीं किया जा सकता. 

कंपनी को सिर्फ 5 टावरों के लिए ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट मिला है. CIRP शुरू होने के बाद हमने 150 फ्लैटों का पजेशन दे दिया है. बाकी आवंटियों से अनुरोध है कि वो आगे आएं और पजेशन लें. कृपया उन आवंटियों के नाम बताएं जिन्हें पजेशन चाहिए, लेकिन हमने मना किया या देरी की. प्लीज समझें कि जिन फ्लैटों का काम पूरा नहीं हुआ और ऑक्यूपेंसी सर्टिफिकेट नहीं मिला, उनका पजेशन नहीं दिया जा सकता.

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घर के इंतजार में बायर्स

CIRP शुरू होने के बाद प्रोजेक्ट के रखरखाव में सुधार

  • लिफ्ट की मेंटेनेंस के लिए मूल कंपनी के साथ कॉन्ट्रैक्ट किया है, अब सारी लिफ्टें काम कर रही हैं.
  • सिक्योरिटी और फैसिलिटी मैनेजमेंट एजेंसी नियमित काम कर रही हैं और उनकी पेमेंट समय पर हो रही है, कोई बकाया नहीं है. अगर निवासी इनसे खुश नहीं हैं, तो नई एजेंसी चुन सकते हैं, बशर्ते वो बढ़ी हुई लागत देने को तैयार हों,
  • CIRP के दौरान हमने ये सुधार किए हैं-
  •  निवासियों की मदद से करीब 18 करोड़ रुपये खर्च करके परमानेंट बिजली कनेक्शन लिया गया. 650 से ज्यादा निवासियों अपने लिए अलग मीटर ले लिए हैं. पहले लोग डीजल जनरेटर पर निर्भर थे और भारी बिल भर रहे थे.
  • हरियाली के लिए 100 से ज्यादा पौधे लगाए गए हैं
  • बच्चों के सारे खेलने के उपकरण ठीक कराए या बदल दिए गए हैं.
  • गलियारों की सारी लाइटें ठीक की जा रही हैं या LED से बदली जा रही हैं. दो टावरों में काम पूरा हो चुका है.
  • निर्माण के दौरान बेसमेंट में जमा मलबा हटा दिया गया है.

बेसमेंट में पानी जमा होने की बात है, तो ये शायद संरचना की समस्या है और इसे ठीक करने में काफी खर्च आएगा. ये मामला अभी जांच में है. निवासी चाहें तो आगे आएं, बात करें और फैसला लें. अगर फंड्स मिलें, तो रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल इस काम को भी कर सकता है.

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