जीएसटी काउंसिल के नए नियमों के लागू होने से घर खरीदने का सपना देख रहे लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है. आज से रियल एस्टेट सेक्टर में जीएसटी के नए नियम प्रभावी हो गए हैं, जिससे घर खरीदना अब पहले से कहीं ज़्यादा सस्ता हो जाएगा. यह बदलाव न केवल खरीदारों को सीधा आर्थिक लाभ देगा, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर में भी पारदर्शिता और स्थिरता लाएगा.
अभी तक घर बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री जैसे सीमेंट और पेंट पर 28% और स्टील और टाइल्स पर 18% जीएसटी लगता था, जिससे घर की कुल लागत काफी बढ़ जाती थी. नए नियमों के अनुसार, निर्माण सामग्रियों पर लगने वाले टैक्स में कमी की संभावना है, जिससे बिल्डर्स कम लागत में घर बना सकेंगे. इसका सीधा लाभ आम ग्राहकों को मिलेगा.
आजतक के 'निर्माण भारत समिट' में गौर ग्रुप के सीएमडी मनोज गौर ने जीएसटी में बदलाव का स्वागत करते हुए कहा था-' इन नए नियमों से रियल एस्टेट सेक्टर में एक महत्वपूर्ण बदलाव आने की उम्मीद है. पहले घर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाले करीब 250 से ज़्यादा सामानों पर अलग-अलग टैक्स दरें लगती थीं, इससे लागत का अनुमान लगाना और उसे स्थिर रखना काफी मुश्किल था'.
अब, जीएसटी के तहत एक समान टैक्स व्यवस्था लागू होने से निर्माण लागत में स्थिरता आएगी. डेवलपर्स को कच्चे माल की कीमतों में लगातार हो रहे बदलावों और अलग-अलग टैक्स दरों के कारण अपनी निर्माण लागत को हर साल बढ़ाने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी. पहले, टैक्स में बदलाव का सीधा असर घर की कुल लागत पर पड़ता था, जिसका बोझ अंत में घर खरीदारों पर पड़ता था. जीएसटी में स्थिरता आने से डेवलपर्स के लिए लागत का प्रबंधन करना आसान होगा.
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यह कदम न केवल घर खरीदारों को फायदा पहुंचाएगा, बल्कि यह रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक बूस्टर डोज की तरह काम करेगा. लागत में स्थिरता आने से डेवलपर्स बिना ज़्यादा चिंता के नए प्रोजेक्ट्स शुरू कर सकेंगे. इससे रियल एस्टेट मार्केट में नए घर और फ्लैट्स की उपलब्धता बढ़ेगी.
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इसके अलावा, जीएसटी के नियमों से निर्माण कार्य में पारदर्शिता आएगी, जिससे ग्राहकों का भरोसा इस सेक्टर पर और मजबूत होगा. जब ग्राहक एक निश्चित और पारदर्शी कीमत पर घर खरीद पाएंगे, तो यह फैसला लेने में उन्हें आसानी होगी. कुल मिलाकर, जीएसटी का यह बदलाव रियल एस्टेट सेक्टर को एक मजबूत और टिकाऊ विकास की दिशा में आगे बढ़ाएगा.