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घर बैठे प्रॉपर्टी खरीद रहे हैं लोग, टेक्नोलॉजी ने कैसे बदला रियल एस्टेट?

भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में एक बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है, जहां एक तरफ सरकार के प्रयासों और नए नियमों ने इस क्षेत्र में पारदर्शिता और विश्वसनीयता बढ़ाई है, वहीं दूसरी तरफ युवा खरीदारों और आधुनिक तकनीक ने इसे एक नया आयाम दिया है.

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घर बैठे कैसे लोग खरीदने लगे हैं घर
घर बैठे कैसे लोग खरीदने लगे हैं घर

आजतक के 'निर्माण भारत समिट' में रियल एस्टेट सेक्टर के दिग्गजों ने भविष्य की दिशा और ग्राहकों की बदलती प्राथमिकताओं पर महत्वपूर्ण बातें साझा कीं. उन्होंने बताया कि कैसे टेक्नोलॉजी और रेरा( RERA) ने मिलकर घर खरीदने के पूरे एक्सपीरियंस को बदल दिया है. अब युवा भी कम उम्र में घर खरीदने की सोच रहे हैं और ऑनलाइन वर्चुअल टूर की मदद से घर बैठे ही प्रॉपर्टी चुन पा रहे हैं. इस बदलाव ने रियल एस्टेट सेक्टर में पारदर्शिता और ग्राहकों का भरोसा बढ़ाया है.

युवाओं में बढ़ा घर खरीदने का क्रेज

ANAROCK Group के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट- रिसर्च एडवाइजरी, आशिम भांजा चौधरी ने बताया कि रियल एस्टेट सेक्टर की तस्वीर कैसे बदल रही है. जहां पहले लोग 50 साल की उम्र में अपना पहला घर खरीदते थे, वहीं आज 25 साल का युवा भी घर खरीदने की योजना बना रहा है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि दिल्ली-एनसीआर में रियल एस्टेट "बबल" की धारणा गलत है. चौधरी के अनुसार, रियल एस्टेट एक स्थिर निवेश है और कीमतों में लगातार बढ़ोतरी होगी, इसलिए घर खरीदने का यह सही समय है.

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टेक्नोलॉजी ने आसान किया प्रॉपर्टी खरीदना

कैसे टेक्नोलॉजी ने रियल एस्टेट के अनुभव को पूरी तरह बदल दिया है. इस पर Colliers India की सीनियर डायरेक्टर और हेड ऑफ लक्ज़री सेल्स किन्नी गांधी ने बताया कि अब ग्राहक घर बैठे-बैठे किसी भी शहर में अपनी पसंद की प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं. इतना ही नहीं कई ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए लोग वर्चुअल टूर कर सकते हैं, जिससे घर को करीब से देखने का मौका मिलता है. इस सुविधा का सबसे ज्यादा फायदा एनआरआई (NRI) ग्राहकों को हुआ है, जो विदेश में रहते हुए भी भारत में आसानी से प्रॉपर्टी खरीद पा रहे हैं.

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Square Yards के को-फाउंडर और सीएफओ, पीयूष बोथरा ने बताया कि घर खरीदना जीवन का एक अहम फैसला होता है. ग्राहकों का भरोसा बनाए रखने के लिए उनका प्लेटफॉर्म सभी प्रॉपर्टी के लेनदेन का रिकॉर्ड रखता है, जिससे पारदर्शिता बनी रहती है. उनकी प्लेटफॉर्म की मदद से लोगों को अपने लिए आशियाने की तलाश करना काफी आसान हो गया है. जिससे लोग किसी भी शहर की प्रॉपर्टी घर बैठे देख सकते हैं. 

रेरा ने बढ़ाई पारदर्शिता

मिडिल-ईस्ट और नॉर्थ अफ्रीका के हेड ऑफ रिसर्च अभिनव जोशी ने रेरा (RERA) की सराहना करते हुए कहा कि इसके आने से रियल एस्टेट सेक्टर में काफी पारदर्शिता आई है. अब ग्राहकों को प्रोजेक्ट्स की सही जानकारी मिल रही है और डेवलपर भी समय पर डिलीवरी दे रहे हैं.

नोएडा या गुड़गांव, कहां रहना बेहतर?

आशिम भांजा चौधरी ने एनसीआर 3.0 (NCR 3.0) पर फोकस करने की बात कही. उनके अनुसार, आने वाले समय में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण नोएडा और आसपास का क्षेत्र सबसे तेजी से विकसित होगा, जो इसे रहने के लिए एक बेहतर विकल्प बनाता है.

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