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कम निवेश में बंपर रिटर्न, मुंबई और दिल्ली को पछाड़ ये शहर बना प्रॉपर्टी का 'किंग'

दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु जैसे शहरों में जहां प्रीमियम सेगमेंट के घर बिक रहे हैं वहीं कोलकाता में किफायती घरों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जिसकी वजह से यहां लोगों की निवेश में रुचि बढ़ी है.

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कोलकाता का प्रॉपर्टी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है (Photo- Incredibleindia)
कोलकाता का प्रॉपर्टी मार्केट तेजी से बढ़ रहा है (Photo- Incredibleindia)

भारत के रियल एस्टेट मार्केट में हमेशा से दिल्ली-एनसीआर, मुंबई और बेंगलुरु का राज रहा है, लेकिन अब कोलकाता का रियल एस्टेट बाजार बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है. इस शहर में लोग निवेश करके 25 फीसदी तक मुनाफा कमा रहे हैं. मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता भारत के अन्य बाज़ारों से अलग नजर आ रहा है, रिटर्न में यह वृद्धि कोलकाता को पहली बार घर खरीदने वाले लोगों के लिए भी शीर्ष पसंद बना रही है.

पहले मुंबई दिल्ली को मुनाफे वाला शहर माना जाता था, लेकिन देश की राजधानी और मायानगरी मुंबई को आखिर कोलकाता ने कैसे पीछे छोड़ दिया और वो प्रॉपर्टी मार्केट का नया किंग बन गया.  

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क्यों कोलकाता बना किंग?

कोलकाता में निवेश पर इतना शानदार रिटर्न (ROI) मिलने का राज़ उन परिस्थितियों के मेल में छिपा है, जो अत्यधिक महंगे पश्चिमी और दक्षिणी बाज़ारों में उपलब्ध नहीं हैं. मुंबई और दिल्ली-एनसीआर के विपरीत, जहां घरों की कीमतें saturation Point पर पहुंच चुकी हैं, कोलकाता अभी भी आकर्षक प्रवेश मूल्य (Appealing Entry Price) दे रहा है. इसका सीधा मतलब है कि यहां कम कीमत पर संपत्ति खरीदना संभव है, जिससे भविष्य में मूल्य वृद्धि की जबरदस्त गुंजाइश बनी रहती है, वहीं इसके मुकाबले दिल्ली और मुंबई जैसे शहरों में प्रॉपर्टी के दाम इतने बढ़ गए हैं कि मिडिल क्लास भी घर खरीदने से कतरा रहा है.  

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रेंटल इनकम में कोलकाता है 'बादशाह'

मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट के मुताबिक कोलकाता ने एक और मोर्चे पर बाज़ी मार ली है. यहां किराये से होने वाली आय देश के सभी बड़े शहरों में सबसे ज़्यादा है. ज़्यादातर बेहतरीन इलाकों में यह कमाई 6% से भी ऊपर चली जाती है. इसका मतलब है कि निवेशकों को हर साल किराये के रूप में लगातार और मोटा मुनाफ़ा मिलता रहता है. जब इस लगातार आने वाली किराये की कमाई को, प्रॉपर्टी की बढ़ती क़ीमत (Appreciation) में जोड़ दिया जाता है, तो कुल मुनाफ़े का मार्जिन सीधा आसमान छू लेता है.

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सस्ता बेस प्राइस, बड़ा फ़ायदा

मुंबई या बेंगलुरु के मुकाबले कोलकाता में घर खरीदना काफी सस्ता है, बेस प्राइस कम होने का सीधा गणित यह है कि अगर प्रॉपर्टी की कीमत में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी होती है, तो वह फायदा परसेंटेज के हिसाब से बहुत बड़ा हो जाता है. यही वजह है कि एक आम निवेश की अवधि में, यहां निवेशकों को 25% तक का कुल मुनाफा मिलने की रिपोर्ट आ रही है. 

सस्ता निवेश, मोटा मुनाफ़ा: कोलकाता का गणित

बेंगलुरु और मुंबई जैसे शहरों में प्रति वर्ग फुट रेट 20,000 से 50,000 रुपये तक है. वहीं कोलकाता आज भी देश के बड़े शहरों में सबसे सस्ता बना हुआ है. कोलकाता के जो नए इलाके तेजी से उभर रहे हैं, वहां भी क़ीमतें औसतन सिर्फ 3,500 से 8,000 रुपये प्रति वर्ग फुट के आस-पास हैं. 

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इस कम क़ीमत का सीधा मतलब है कि निवेशकों को प्रॉपर्टी खरीदने के लिए बहुत कम पैसा लगाना पड़ता है. जाहिर है, जब आपने कम दाम में कोई प्रॉपर्टी ख़रीदी हो और उसकी क़ीमत में थोड़ी सी भी बढ़ोतरी हो जाए, तो निवेश पर आपका मुनाफ़ा (ROI) मुंबई जैसे महंगे बाज़ारों के मुक़ाबले प्रतिशत के लिहाज़ से कई गुना बड़ा हो जाता है. 

नाइट फ्रैंक इंडिया और मैजिकब्रिक्स की रिपोर्ट्स के अनुसार, कोलकाता में छोटे आकार (500 वर्ग फुट तक) और किफायती सेगमेंट के घरों की मांग सबसे अधिक है. यह सीधा संकेत देता है कि कोलकाता का बाजार वास्तविक मध्यम-वर्गीय परिवारों के लिए बेहद आकर्षक है, जो कम बजट में अपने घर का सपना पूरा करना चाहते हैं. वहीं मुंबई, दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरू जैसे शहरों में प्रीमियम सेगमेंट पर जोर दिया जा रहा है. जिसके एक खास वर्ग के लोग भी घर खरीद रहे हैं.

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निवेश पर बेहतर रिटर्न (Capital Appreciation)

प्रॉप इक्विटी (PropEquity) की रिपोर्ट के अनुसार, लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के मामले में कोलकाता ने कई बार दिल्ली-एनसीआर और मुंबई को पीछे छोड़ दिया है, जिससे यह निवेशकों के लिए भी आकर्षक बन गया है. 2023 के दौरान कोलकाता के आवासीय बाजार में बिक्री में साल-दर-साल 16% की प्रशंसनीय वृद्धि देखी गई. कुछ तिमाहियों में तो बिक्री में 25% तक की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की गई है.

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किसी भी शहर के प्रॉपर्टी मार्केट के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर उसकी जीवन रेखा होता है. कोलकाता ने इस मोर्चे पर भी विकास किया है. कोलकाता मेट्रो का तेजी से हो रहा विस्तार, खासकर न्यू टाउन, राजारहाट और जोका जैसे नए क्षेत्रों तक, ने इन इलाकों की पहुंच और मूल्य दोनों को बढ़ाया है.

दिल्ली-एनसीआर और मुंबई मेट्रो क्षेत्र के कुछ हिस्सों में बिक्री में तिमाही दर तिमाही गिरावट दर्ज की गई है, जो इन महंगे बाजारों में खरीदारों की सुस्त भावना या अस्थिर मांग को दर्शाती है.

कुल मिलाकर कोलकाता ने यह साबित कर दिया है कि रियल एस्टेट का 'किंग' वह नहीं है जो सबसे महंगा है, बल्कि वह है जो सबसे ज़्यादा खरीदारों के सपनों को साकार कर सकता है.


 

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