वर्ल्ड बैंक ने उम्मीद से ज्यादा मजबूत घरेलू खपत और एग्रीकल्चर एंड ग्रामीण मजदूरी में बेहतर प्रदर्शन का हवाला देते हुए फाइनेंशियल ईयर 2026 के लिए भारत के सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की ग्रोथ रेट के अनुमान को पिछले 6.3 फीसदी से बढ़ाकर 6.5 फीसदी कर दिया है.
हालांकि वर्ल्ड बैंक ने वित्त वर्ष 2027 के लिए अनुमान घटाकर 6.3% कर दिया है, जो भारतीय निर्यात पर संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा लगाए गए हाई टैरिफ के कारण है. वर्ल्ड बैंक ने अपने नए साउथ एशिया अपडेट में कहा कि साउथ एशिया की कुल ग्रोथ 2026 में धीमी होकर 5.8% रहने की उम्मीद है, जो 2025 में 6.6% होगी, क्योंकि व्यापार में रुकावट और AI समेत उभरती टेक्नोलॉजी इस सेक्टर के लिए कई चुनौतियां पैदा कर रही हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2026 के लिए पूर्वानुमान को कम कर दिया गया है, क्योंकि कई चीजें ग्रोथ को प्रभावित कर रही हैं. वहीं भारत को अमेरिका को निर्यात किए जाने वाले माल पर उम्मीद से ज्यादा टैरिफ का सामना भी करना पड़ रहा है. इन चुनौतियों के बावजूद भारत दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था बना रह सकता है. इसका बड़ा कारण- घरेलू मांग, विशेष रूप से ग्रामीण उपभोग से, मजबूत बनी हुई है और GST रिफॉर्म से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है.
भारत पर एशिया में सबसे ज्यादा टैरिफ
रिपोर्ट में अमेरिकी टैरिफ के बढ़ते बोझ को लेकर भी जानकारी दी गई है. शुरुआत में, भारत को प्रतिस्पर्धियों की तुलना में कम टैरिफ का सामना करना पड़ सकता था, लेकिन अगस्त 2025 तक, अमेरिका ने भारत के लगभग तीन-चौथाई निर्यात पर 50% शुल्क लगा दिया.
2024 में अमेरिका को भारतीय निर्यात कुल वस्तु निर्यात का लगभग पांचवा हिस्सा होगा, जो सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 2% है. तुलनात्मक रूप से, बांग्लादेश और श्रीलंका पर अभी 20% टैरिफ है, जबकि नेपाल, भूटान और मालदीव पर 10% टैरिफ है. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका को भारतीय वस्तुओं पर प्रभावी टैरिफ अब कुल 52% है.
AI से बदलेगा साउथ एशिया की इकोनॉमी
वर्ल्ड बैंक ने कहा कि AI को अपनाने से साउथ एशिया की अर्थव्यवस्था में भी नया आयाम जुड़ने की संभावना है. इस क्षेत्र में लगभग 22% नौकरियां ऐसे कार्यों से जुड़ी हैं जिन्हें जनरेटिव एआई द्वारा ऑटोमैटिक किया जा सकता है. जबकि खासतौर से कम स्किल वाले एग्रीकल्चर वर्कफोर्स सुरक्षित है. वहीं बिजनेस सर्विसेज और आईटी में युवा, मिडिल एजुकेटेड कमचारियों को ज्यादा रिस्क का सामना करना पड़ता है.
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में कहा गया है कि ChatGPT जैसे ऐप के आने के बाद AI बेस्ट बिजनेस में नौकरी करीब 20 फीसदी कम हो चुकी हैं. साउथ एशिया की ग्रोथ पर आई ये रिपोर्ट के मुताबिक, मुख्य अर्थशास्त्री, फ्रांजिस्का ओह्नसोर्गे ने क्षेत्र की अर्थव्यवस्था को बदलने में एआई की क्षमता पर जोर दिया है. साथ ही नौकरियों में भी कटौती नहीं करने की चेतावनी दी है. उन्होंने कहा, 'उत्पादक क्षेत्रों में संसाधनों को पहुंचाने और निवेश एवं रोजगार सृजन को बढ़ावा देने के लिए, विभिन्न कंपनियों, गतिविधियों और स्थानों में श्रमिकों का पुनर्वितरण सुगम बनाना महत्वपूर्ण है.'