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कंगाल PAK से मदद क्यों मांग रहे ट्रंप? सोने के खजाने 'Reko Diq' पर भी अमेरिका की नजर!

Donald Trump ट्रंप प्रशासन PAK Finance Minister मुहम्मद औरंगजेब के बीच बीते अक्तूबर में हुई मीटिंग के बाद अब एक रिपोर्ट में दावा किया जा रहा है कि अमेरिका अपने लोकोमोटिव बिक्री और मिनरल एक्सप्लोरेशन पर पाकिस्तान से सहयोग मांग रहा है.

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रेको दिक माइनिंग कंपनी के लिए 1.25 अरब डॉलर का लोन मंजूर! (File Photo: ITG)
रेको दिक माइनिंग कंपनी के लिए 1.25 अरब डॉलर का लोन मंजूर! (File Photo: ITG)

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने टैरिफ अटैक (Donald Tump Tariff Attack) से दुनिया को डराया है और अपनी बादशाहत दिखाई है. वहीं कुछ चीजों पर दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था अमेरिका अब कंगाल पाकिस्तान से सहयोग मांगता नजर आ रही है. जी हां, एक रिपोर्ट के मुताबिक, US ने लोकोमोटिव की बिक्री और मिनरल एक्सप्लोरेशन पर पाकिस्तान से सहयोग मांगा है. इसमें सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि अमेरिकी अधिकारियों ने जरूरी मिनरल्स के मामले में Pakistan के सहयोग को एक बड़ी प्राथमिकता बताया है.

आर्थिक संकट में फंसे PAK से सहयोग
पाकिस्तान, जो खुद बड़े आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से उबर नहीं पा रहा है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) से लेकर तमाम वैश्विक निकायों और मित्र देशों की मदद के बाद भी देश के हालात बदतर बने हुए हैं. लेकिन इसके बावजूद अमेरिका जैसा देश उससे सहयोग की मांग कर रहा है. द एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट में पाकिस्तानी सरकारी सूत्रों के दावों का हवाला देते हुए कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व वाले US एडमिनिस्ट्रेशन ने अमेरिकी लोकोमोटिव की बिक्री और मिनरल एक्सप्लोरेशन में सहयोग के लिए पाकिस्तान से संपर्क किया है. इसमें एक्सप्लोरेशन में तेजी के लिए एग्रीमेंट शामिल हैं.

रिपोर्ट की मानें, तो इसमें सरकारी सूत्रों ने दावा किया कि इस मामले पर चर्चा बीते अक्टूबर में IMF की एनुअल मीटिंग में PAK Finance Minister मुहम्मद औरंगजेब के वाशिंगटन दौरे के दौरान हुई थी. पाकिस्तानी अधिकारियों ने तभी से ट्रांसपोर्ट और मिनरल सेक्टर में US की दिलचस्पी का वैल्यूएशन शुरू कर दिया था. Muhammad Aurangzeb ने US प्रेसिडेंट के इंटरनेशनल इकोनॉमिक रिलेशंस के स्पेशल असिस्टेंट रेमंड एमोरी कॉक्स और साउथ एंड सेंट्रल एशिया के सीनियर डायरेक्टर रिकी गिल से मुलाकात की थी. सूत्रों ने दावा किया है कि मीटिंग के दौरान, गिल ने पहले से जारी एक टेंडर के तहत अमेरिकी लोकोमोटिव खरीदने के लिए पाकिस्तान से सपोर्ट मांगा था. बता दें कि पाकिस्तान ने पहले अमेरिका से 55 लोकोमोटिव खरीदे थे.

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Reko Diq के लिए इतना Loan मंजूर!
द एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक, अमेरिका की ओर से व्यापार को आसान बनाने के लिए प्रस्तावित 5 फीसदी डिजिटल सर्विस टैक्स (Digital Service Tax) को वापस लेने के पाकिस्तान के फैसले की भी तारीफ की है. आगे सूत्रों ने बताया कि अमेरिकी अधिकारियों ने जरूरी मिनरल्स में सहयोग को एक बड़ी प्राथमिकता बताया. रिपोर्ट की मानें, तो अमेरिकी कांग्रेस (US Congress) ने जरूरी मिनरल्स में वैश्विक निवेश के लिए 135 अरब डॉलर का फंड बनाया है, जबकि US एग्जिम बैंक ने बलूचिस्तान में सोने का खजाना कहे जाने वाली रेको दिक (Reko Diq) की माइनिंग कंपनी के लिए USD 1.25 अरब के लोन को मंजूरी भी दी है.

एक अलग मीटिंग में अमेरिका के स्टेट डिपार्टमेंट के ब्यूरो ऑफ इकोनॉमिक, एनर्जी एंड बिजनेस अफेयर्स के एक सीनियर अधिकारी थॉमस लेर्स्टन ने पाकिस्तान के जरूरी मिनरल्स सेक्टर में वाशिंगटन की दिलचस्पी दोहराई है. उन्होंने एक्सट्रैक्शन में तेजी लाने के लिए रिजर्व असेसमेंट और ऑफटेक एग्रीमेंट पर सहयोग का प्रस्ताव रखते हुए कहा है कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस US की स्ट्रेटेजिक प्राथमिकता होगी.

क्यों खास है PAK की रेको दिक खदान?
Pakistan Reko Diq खदान को लेकर एक पुरानी रायटर्स की रिपोर्ट की मानें, तो देश के बलूचिस्‍तान में चगाई जिले के रेको दिक ईरान और अफगानिस्तान से जुड़ी सीमा के पास स्थित करोड़ों टन सोने-तांबे (Gold-Copper) का भंडार है. एक अनुमान के मुताबित, इसमें करीब 590 करोड़ टन का खनिज भंडार है. इसमें प्रति टन खनिज भंडार में करीब 0.22 ग्राम सोना और करीब 0.41 फीसदी तांबा मिल सकता है. 1995 में रेको दिक में पहली बार खुदाई हुई थी, तब 200 किलो सोना और 1700 टन तांबा सिर्फ 4 महीने में ही निकाला गया था. एक्सपर्ट्स ने अनुमान जाहिर किया था कि यहां मौजूद सोने की अनुमानित कीमत करीब 2 ट्रिलियन डॉलर हो सकती है.

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यही नहीं साल 2022 में आई ब्लूमबर्ग की एक रिपोर्ट में भी बताया गया था कि रेको दिक दुनिया में सबसे बड़े अविकसित तांबे और सोने के भंडार में से एक है, जो आधी शताब्दी से अधिक समय तक 2,00,000 टन तांबे और 2,50,000 औंस सोने का उत्पादन करने में सक्षम है. गौरतलब है कि साल 2011 में Reko Diq खनन परियोजना को सस्पेंड कर दिया गया था, क्योंकि पाकिस्तान ने बैरिक और एंटोफगास्टा पीएलसी को इसे विकसित करने के लिए एक लाइसेंस देने से इनकार कर दिया था. तब से लगातार इस पर विवाद जारी है.

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