चीन (China) समेत दुनिया के कई देशों में जैसे-जैसे कोविड-19 (Covid-19) का कहर बढ़ रहा है. तमाम देशों की वित्तीय हालात गड़बड़ाने लगी है. Stock Markets पर भी कोरोना का साया साफ नजर आने लगा है. भारतीय शेयर बाजार में लगातार दूसरे दिन भारी गिरावट देखने को मिली. बीएई का सेंसेक्स (BSE Sensex) गुरुवार को 200 अंक से ज्यादा टूटकर बंद हुआ. बीते कारोबारी दिन बुधवार को भी 30 शेयरों वाला प्रमुख इंडेक्स 635 अंक फिसल गया था.
तेज शुरुआत के बाद फिसला बाजार
सप्ताह के चौथे कारोबारी दिन गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार (Share Market) बीते दिन की भारी गिरावट से उबरते हुए हरे निशान पर खुला था. लेकिन खुलने के तुरंत बाद ही इसमें फिर से गिरावट शुरू हो गई. सुबह 9.15 बजे Sensex ने 190 अंकों की तेजी के साथ 61,257 अंकों पर कारोबार की शुरुआत की थी. वहीं Nifty 90 अंकों की उछाल के साथ 18,288 अंक के लेवल पर खुला था. लेकिन इसके बाद जो गिरावट का सिलसिला शुरू हुआ, वो दिन का कारोबार खत्म होने तक चालू रहा.
सेंसेक्स में 241 अंकों की गिरावट
बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के सेंसेक्स ने 241.02 अंक या 0.39 फीसदी की गिरावट के साथ 60,826.22 के स्तर पर कारोबार क्लोज किया. कारोबार के दौरान बीएसई का सूचकांक 60,656.51 के निचले स्तर तक चला गया था. हालांकि, फिर इसमें मामूली सुधार आता गया. सेंसेक्स की तरह ही नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) निफ्टी भी 18,289 के लेवल पर खुला था, जो 85.25 अंक या 0.47 फीसदी फिसलकर 18,113.85 अंक के स्तर पर बंद हुआ.
बुधवार को आई थी बड़ी गिरावट
बुधवार 21 दिसंबर 2022 को चीन में कोरोना (China Covid) के बेकाबू होने की खबरों का सीधा असर शेयर बाजार निवेशकों (Share Bazar Investors) के सेंटिमेंट्स पर पड़ा और भारी बिकवाली के दवाब में सेंसेक्स और निफ्टी दोनों इंडेक्स भरभराकर गिर गए. कारोबार के अंत में बीएसई का सेंसेक्स 635 अंक टूटकर 61,067 के लेवल पर बंद हुआ था. जबकि एनएसई निफ्टी में 186 अंकों की गिरावट आई थी और यह 18,199 के लेवल पर बंद हुआ था.
चीन से Japan तक कोरोना से हाहाकार
चीन समेत दुनिया के तमाम बड़े देशों में एक बार फिर से कोरोना का विस्फोट हुआ है. जापान इस मामले में सबसे आगे हैं. बीते 24 घंटों में दुनियाभर में 5.37 लाख से ज्यादा केस सामने आए हैं. वहीं 1396 लोगों की मौत महामारी से हुई है. जापान में इस अवधि में 2.06 लाख कोरोना संक्रमण के मामले दर्ज किए गए हैं. यहां 296 लोगों की मौत हुई है. अमेरिका की बात करें तो यहा भी 50 हजार से ज्यादा केस मिले हैं. जबकि 323 लोगों ने अपनी जान गंवाई है.