अपने इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और तमाम मित्र देशों से मदद तो मिली, लेकिन अभी भी देश के हालात बदहाल है. पाकिस्तान पर बाहरी कर्ज 130 अरब डॉलर है, जबकि महंगाई से देश की जनता को राहत नहीं मिल पा रही है. इस बीच अब पाकिस्तान के केंद्रीय बैंक State Bank Of Pakistan (SBP) ने एक बड़ी चेतावनी जारी की है. बैंक की ओर से कहा गया है कि महंगाई दर में बड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.
'महंगाई को काबू करना बड़ी चुनौती...'
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (SBP) के गवर्नर जमील अहमद ने बुधवार को चेतावनी देते हुए कहा कि बजटीय उपायों से पाकिस्तान की महंगाई दर बढ़ने की उम्मीद है. Dawn की रिपोर्ट के मुताबिक, घरेलू मोर्चे पर महंगाई दर को नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती है. स्टेट बैंक गवर्नर ने अनुमान जाहिर करते हुए कहा कि वित्त वर्ष 25 में मुद्रास्फीति 11.5 फीसदी होगी, लेकिन बजटीय उपायों और एनर्जी प्राइस के कारण यह 13.5 फीसदी तक पहुंच सकती है.
उन्होंने यह चेतावनी भी दी कि आने वाली सर्दियों में गेहूं की बढ़ती कीमतें (Wheat Price Hike) इस महंगाई को और बढ़ा सकती हैं. अहमद के मुताबिक, फिलहाल ग्लोबल मार्केट में कच्चे तेल की कीमतें गिर रही हैं, लेकिन मिडिल-ईस्ट में पैदा हुए संघर्ष के हालात इसमें इजाफा करने वाले साबित हो सकते हैं, जिसका असर भी Pakistan पर देखने को मिल सकता है.
FY25 के लिए देश पर 26 अरब डॉलर का कर्ज
रिपोर्ट के मुताबिक, SBP Governor जमील अहमद ने MNA नवीद कमर की अध्यक्षता वाली फाइनेंशियल एंड रेवेन्यू पर नेशनल असेंबली की स्थायी समिति के सामने चालू वित्त वर्ष के लिए देश के विदेशी और घरेलू क्षेत्र के प्रदर्शन के बारे में जानकारी देते हुए महंगाई को लेकर आगाह किया है. उन्होंने कहा कि महंगाई बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन मित्र देशों द्वारा दिए गए कर्ज को आगे बढ़ाने के कारण चालू वित्त वर्ष में प्रबंधन सुचारू रह सकता है.
आंकड़े पेश करते हुए उन्होंने कहा कि वित्त वर्ष 25 के लिए पाकिस्तान पर बकाया कर्ज भुगतान 26.2 अरब डॉलर है. हालांकि, 12.3 अरब डालर के कर्ज को एक साल बढ़ाने के लिए चीन, सऊदी अरब और यूएई राजी हो गए हैं. जमील अहमद ने कहा कि ये रोलओवर FY25 में सरकार के लिए राहत की सांस जैसा है.
भारी कर्ज के बोझ तले दबा पाकिस्तान
चीन, सऊदी अरब और UAE की ओर से पाकिस्तान के कर्ज को एक साल के लिए आगे बढ़ाने का फैसला ऐसे समय में आया है, जबकि पाकिस्तान को उम्मीद है कि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) इस महीने के अंत में 7 अरब डालर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे सकता है. एसबीपी के गवर्नर जमील अहमद ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने ही 1.5 अरब डॉलर का कर्ज चुकाया है, जबकि चालू वित्त वर्ष के अंत तक 8.5 अरब डॉलर का भुगतान किया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि देश का बाहरी कर्ज 130 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
'एक दशक से GDP ग्रोथ सीमित...'
SBP के गवर्नर जमील अहमद ने बताया कि पाकिस्तान में महंगाई दर (Pakistan Inflation Rate) को नियंत्रित करने के लिए लगातार उपाय लागू किए गए हैं और उम्मीद है कि इसे 5 से 7 फीसदी के बीच लाया जा सके. इसके साथ ही उन्होंने Pakistan GDP Growth का जिक्र करते हुए माना कि पिछले करीब एक दशक में जीडीपी ग्रोथ 3.5 फीसदी तक सीमित रही है, जो कि देश की जनसंख्या वृद्धि की तुलना में मामूली है.
जमील अहमद ने घरेलू निर्यात को 10 फीसदी से बढ़ाकर 15 फीसदी करने की आवश्यकता पर जोर दिया. इससे पहले पॉलिसी रिसर्च एंड एडवाइजरी काउंसिल (PRAC) की ओर से स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान से पॉलिसी रेट 19.5 फीसदी से घटाकर 17.5 फीसदी करने का आग्रह किया गया है.