विदेश से भारत के लिए दो बुरी खबर आई है, जिससे निवेशकों का सेंटीमेंट बदल सकता है. ग्लोबल ब्रोकरेज फर्म मॉर्गन स्टेनली (Morgan Stanley) ने सेंसेक्स और भारत के विकास ग्रोथ का अनुमान घटा दिया है. विदेशी ब्रोकरेज ने सेंसेक्स के लिए टारगेट अपने साल के अंत को घटाकर 82,000 कर दिया है, जो मौजूदा स्तरों से 9% अधिक है. इससे पहले ब्रोकरेज फर्म ने उम्मीद जताई थी कि साल के अंत तक Sensex 93,000 के स्तर पर पहुंच जाएगा. लेकिन अब टारगेट घटने से निवेशकों के बीच भी टेंशन आ चुकी है.
ब्रोकरेज फर्म ने Sensex के लक्ष्य में संशोधन का श्रेय अमेरिका द्वारा लगाए गए उच्च टैरिफ और ग्लोबल इकोनॉमी ग्रोथ के संभावित प्रभाव को दिया है. हालांकि ब्रोकरेज को घरेलू मार्केट के लिए प्रॉफिट की उम्मीद है, क्योंकि भारत पर अमेरिकी टैरिफ (US Tariff on India) चीन, वियतनाम और साउथ कोरिया जैसे प्रमुख प्रतिस्पर्धियों पर लगाए गए टैरिफ से थोड़ा कम है.
GDP ग्रोथ पर भी घटा टारगेट
मॉर्गन स्टेनली ने वित्तीय, कंज्यूमर सर्किल और टेक्निकल शेयरों पर अपना 'ओवरवेट' रुख बनाए रखा है, जबकि एनर्जी, गूड्स और हेल्थ सर्विस पर "अंडरवेट" बना हुआ है. ब्रोकरेज ने वित्त वर्ष 2026 के लिए GDP Growth अनुमान को भी 40 आधार अंक घटाकर 6.1% कर दिया है.
मॉर्गन स्टेनली ने 2025-26 (अप्रैल-मार्च) में भारत की जीडीपी ग्रोथ के लिए अपने पूर्वानुमान को 40 आधार अंकों से घटाकर 6.1% कर दिया है और अगले वित्तीय वर्ष में अर्थव्यवस्था को केवल 6.3% की थोड़ी तेज गति से बढ़ते हुए देखा है. अमेरिकी निवेश बैंक ने पहले उम्मीद जताई थी कि वित्त वर्ष 26 और वित्त वर्ष 27 दोनों में भारत की जीडीपी 6.5% बढ़ेगी.
अभी भी हाई से काफी नीचे है शेयर बाजार
इस साल 2 अप्रैल को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 70 व्यापारिक साझेदारों पर टैरिफ लगाने का ऐलान किया था, जिससे बाजार की धारणा प्रभावित हुई. नतीजतन, सेंसेक्स और निफ्टी में बड़ी गिरावट आई. साल 2025 में सेंसेक्स और निफ्टी 1% से ज्यादा गिरे हैं. जबकि बाजार ने हाल में कई ताबड़तोड़ रैलियां दिखाई हैं.
RBI ने भी घटाया था ग्रोथ का अनुमान
ट्रंप के 'लिबरेशन डे' पर टैरिफ के ऐलान ने वैश्विक बाजारों में काफी हलचल मचाई है. उन्होंने 'पारस्परिक' टैरिफ का एक सेट पेश किया, जिससे प्रमुख व्यापारिक साझेदारों के साथ चल रहे व्यापार युद्ध में और ग्रोथ की संभावना बढ़ गई और वैश्विक अर्थव्यवस्था में संभावित मंदी के बारे में चर्चा होने लगी. 9 अप्रैल को अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में आरबीआई ने 2025-26 के लिए अनुमानित GDP ग्रोथ को 6.7 प्रतिशत के अपने पहले के आकलन से घटाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया. यह ग्लोबल इफैक्ट का दर्शाता है.
(नोट- यहां बताए गए टारगेट ब्रोकरेज फर्म की राय है. aajtak.in इसकी जिम्मेदारी नहीं लेता. किसी भी तरह के निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की मदद जरूर लें.)