चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) को लेकर भारत समेत कई देशों का शिपमेंट रोक दिया है, जिसके बाद से पूरी दुनिया के इलेक्ट्रॉनिक और ऑटो इंडस्ट्रीज पर संकट छाया हुआ है. हालांकि अमेरिका-यूरोप समेत कुछ देशों का शिपमेंट शुरू कर भी चुका है, लेकिन अभी भारत के शिपमेंट शुरू नहीं हो पा रहा है. चीन ने बार-बार भारत के शिपमेंट के लिए आवेदन रिजेक्ट किया है. लेकिन अब इसका तोड़ भारत ने लगभग खोज लिया है.
एक ऑस्ट्रेलियाई अधिकारी ने कहा कि भारत रेयर अर्थ मिनरल्स (Rare Earth Minerals) के लिए ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत कर रहा है. यह बातचीत चीन के निर्यात में रुकावट के कारण हुई है. दोनों देश (भारत-ऑस्ट्रेलिया) रेयर अर्थ के लिए एक दूसरे से बातचीत कर रहे हैं और ब्लॉक उपलब्ध हैं. इस कारण भारत के लिए शुरुआती स्टेप के ब्लॉक लेने और कुछ कंपनियों के साथ डील करने का मौका है. ये बातें ऑस्ट्रेलिया के न्यू साउथ वेल्स सरकार की व्यापार और निवेश आयुक्त मालिनी दत्त की ओर से कही गईं.
ऑस्ट्रेलिया से तांबा लाने पर फोकस
इकोनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, उन्होंने कहा कि भारत में प्राइवेट और पब्लिक दोनों सेक्टर्स ने ऑस्ट्रेलिया में तांबा ब्लॉक में इन्टरेस्ट दिखाया है. उन्होंने भारत एनर्जी स्टोर (IESA) द्वारा आयोजित भारत एनर्जी स्टोर वीक (IESW) 2025 के अवसर पर ये बातें कहीं. मालिनी ने कहा, 'मैंने जो बातचीत की है, उसके अनुसार तांबे के मामले में भी काफी रुचि है. प्राइवेट और पब्लिक सेक्टर्स की कंपनियों दोनों की रुचि है, जो तांबे (ब्लॉक) की तलाश में हैं.'
बड़ी-बड़ी कंपनियों का निवेश
उन्होंने बताया कि आप जानते हैं कि वहां स्मेल्टर हैं और अडानी जैसी कंपनियों ने बड़ा निवेश किया है. तांबा यहां ज्यादा मात्रा में हैं. यह एक ऐसा क्षेत्र है जिस पर लोग नजर रख रहे हैं. चीन द्वारा रेयर अर्थ मिनरल्स और मैग्नेट के एक्सपोर्ट पर रोक लगाने से घरेलू ऑटो तक प्रभावित हुए हैं. रेयर अर्थ 17 तत्वों से मिलकर बनी धातुओं का एक ग्रुप है. हालांकि ये मिनरल्स अन्य देशों में भी उपलब्ध हैं, लेकिन वहां से एक्सपोर्ट कर पाना भारत के लिए महंगा है.
चीन 92 फीसदी करता है रेयर अर्थ को कंट्रोल
अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के अनुसार, वर्तमान में चीन ग्लोबल खनन किए गए रेयर अर्थ प्रोडक्शन का 61 प्रतिशत उत्पादन करता है, लेकिन वैश्विक उत्पादन के 92 प्रतिशत को कंट्रोल करता है. बता दें कि चीन ने रेयर अर्थ पर प्रतिबंध, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से लगाए गए 146 फीसदी टैरिफ के बाद लगाया था.