प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) समिट में शामिल हुए और इसके बाद होटल रिट्ज कार्लटन में उनकी रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ द्विपक्षीय वार्ता हुई. ट्रंप टैरिफ अटैक के बीच इस मीटिंग पर इसलिए भी सभी की नजर रही, क्योंकि ये बातचीत ऐसे समय में हुई है, जबकि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूसी तेल और हथियारों की खरीद को लेकर भारत पर दबाव बनाते हुए 25% का एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया है, जिसके बाद भारत पर कुल टैरिफ बढ़कर 50% हो गया है.
इससे पहले पीएम मोदी ने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात की थी. बता दें कि भारत और रूस में बड़ा कारोबारी रिश्ता है और दोनों देश एक-दूसरे से कई जरूरी चीजों का आयात-निर्यात करते हैं. तेल और हथियार इसमें अहम हैं. आइए जानते हैं उन सामानों के बारे में जो भारत रूस से खरीदता है और रूस भारत से मंगाता है.
तेजी से बढ़ा रूस-भारत में कारोबार
सिर्फ कच्चा तेल और हथियार ही नहीं, रूस से भारत और भी जरूरी सामानों का आयात करता है, जबकि चाय-कॉफी और मसालों से लेकर दवाइयां तक भारत से रूस को निर्यात की जाती हैं. बीते दिनों भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बताया था कि रूस-भारत के बीच वस्तु व्यापार पांच गुना बढ़कर 2021 में 13 अरब डॉलर से 2024-25 में करीब 68 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.
क्रूड ऑयल: भारत को अपनी ऊर्जा जरूरतों के लिए ज्यादातर कच्चा तेल आयात करता है और रूस मिलने वाले सस्ते तेल के आयात में तेज बढ़ोतरी देखने को मिली है. इसे भारत में रिफाइन करके पेट्रोल, डीजल और अन्य पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स बनाए जाते हैं. उत्पाद बनाए जाते हैं. ताजा आंकड़ों पर गौर करें, तो साल 2022 से भारत ने रूसी तेल के आयात में तेज इजाफा किया और अब रोजाना करीब 1.7 से 2.2 मिलियन बैरल रूसी तेल आयात करता है. रिपोर्ट्स की मानें तो कुल रूसी क्रूड निर्यात का करीब 37 फीसदी भारत आयात कर रहा है. हालांकि, इसका सबसे बड़ा खरीदार चीन है.
हथियार: कच्चे तेल के अलावा भारत-रूस के बीच डिफेंस रिलेशन भी गहरा है. बीते छह दशक से रूस भारत का सबसे बड़ा डिफेंस ट्रेड पार्टनर है. 2025 तक भारत ने रूस से $60 बिलियन से ज्यादा का रक्षा सामान खरीदा है, जो कुल आयात का 60% है. सुखोई और मिग जैसे लड़ाकू विमानों के साथ ही भारत S-400 ट्रायम्फ एयर डिफेंस सिस्टम रूस की ही सबसे उन्नत तकनीक है, जो भारत ने 2018 में 5.4 अरब डॉलर में खरीदा था. इसकी ताकत पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत-पाकिस्तान संघर्ष के दौरान दुनिया ने देखी थी.
ये सामान भी रूस से मंगाता है भारत
अंतराष्ट्रीय व्यापार पर यूनाइटेड नेशंस कॉमट्रेड डेटावेस पर नजर डालें, तो 2024 के दौरान रूस से भारत का आयात 68 अरब डॉलर के आसपास रहा और वहां से आने वाले सामानों की लिस्ट में इसमें सबसे बड़ा हिस्से रूसी तेल का था. लिस्ट देखें, तो इसमें प्रमुख तौर पर...
| सामान | आयात की कीमत (2024) |
| क्रूड, ऑयल प्रोडक्ट्स | 59.53 अरब डॉलर |
| वनस्पति तेल | 2.25 अरब डॉलर |
| फर्टिलाइजर्स | 1.61 अरब डॉलर |
| मोती-महंगे स्टोन | 783.15 मिलियन डॉलर |
| खाद्य उत्पाद | 577.37 मिलियन डॉलर |
| लोहा-स्टील | 423.11 मिलियन डॉलर |
| पेपर-पेपर बोर्ड | 161.44 मिलियन डॉलर |
| एल्युमिनियम | 123.18 मिलियन डॉलर |
भारत से क्या-क्या खरीदता है रूस?
रूस, भारत से कई तरह के कृषि उत्पाद और इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट खरीदता है. जिन भारतीय सामानों की रूस में सबसे ज्यादा डिमांड है, उनमें फार्मा प्रोडक्ट्स, इंजीनियरिंग प्रोडक्ट्स, केमिकल्स, इलेक्ट्रॉनिक्स के साथ ही एग्रीकल्चर प्रोडक्ट शामिल हैं. 2024 में प्रमुख सामानों के ट्रेड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो...
| सामान | रूस को भारत के निर्यात की कीमत (2024) |
| मशीनरी, रिएक्टर, बॉयलर | 1.11 अरब डॉलर |
| इलेक्ट्रिकल-इलेक्ट्रॉनिक्स | 424.21 मिलियन डॉलर |
| फार्मा प्रोडक्ट | 413.48 मिलियन डॉलर |
| ऑर्गेनिक केमिकल | 362 मिलियन डॉलर |
| कॉफी-चाय, मसाले | 105.77 मिलियन डॉलर |
इसके अलावा भारत रूस को झींगा (श्रिंप), चावल, कॉटन, शुगर और सीसा समेत अन्य सामान भी बड़ी मात्रा में निर्यात करता है. इन आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है और दोनों देशों की बीच बड़ी व्यापारिक साझेदारी है. वहीं ट्रंप टैरिफ टेंशन के बीच ये और बढ़ाने की तैयारी चल रही है.