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Alert: प्रीमियम भरने में मत करें देरी! GST बचाने के चक्कर में हेल्थ इंश्योरेंस वालों को हो जाएगा ये बड़ा नुकसान

स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा धारकों खास ध्यान देने की जरूरत है. अगर उनकी पॉलिसी 22 सितंबर से पहले रिनुअल हो रही है, तो समय रहते प्रीमियम का भुगतान कर दें. क्योंकि ऐसे पॉलिसी धारक को 21 सितंबर के बाद भी छूट का लाभ इस साल नहीं मिल पाएगा.

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22 सितंबर से हेल्थ इंश्योरेंस पर मिलेगा GST में छूट का लाभ. (Photo: ITGD)
22 सितंबर से हेल्थ इंश्योरेंस पर मिलेगा GST में छूट का लाभ. (Photo: ITGD)

इंश्योरेंस पॉलिसी पर GST रेट में बदलाव से देश के हजारों पॉलिसीधारक कंफ्यूज हैं. क्योंकि प्रीमियम में छूट का लाभ 22 सितंबर से मिलने वाला है. लेकिन वैसे लोग भी पेमेंट नहीं कर रहे हैं, जिनकी पॉलिसी पर भुगतान की तारीख 21 सितंबर से पहले निर्धारित है. उन्हें लगता है कि 21 सितंबर के प्रीमियम का भुगतान करने से GST में छूट का लाभ मिल जाएगा. लेकिन ये कदम पॉलिसीधारक के लिए नुकसानदेह साबित हो सकता है.

दरअसल, अगर आपकी पॉलिसी की रिनुअल इसी अवधि में है, यानी 22 सितंबर से पहले पेमेंट करना है और बीमा कंपनी ने इनवॉइस (Invoice) जारी कर दिया है, तो हर हाल में आपको आपको पुराने नियम के हिसाब से GST देना ही पड़ेगा, भले ही आप भुगतान 21 सितंबर के बाद में करें. इसका मतलब है कि आप उस छूट का लाभ नहीं उठा पाएंगे जो कुछ ही दिनों बाद लागू होने वाली है.

फिर क्या है उपाय
इस दुविधा से बचने के लिए सबसे अच्छा उपाय है कि आप अपनी बीमा कंपनी से संपर्क करें और पूछें कि क्या वे इनवॉइस (Invoice) को 21 सितंबर के बाद जारी कर सकते हैं. कुछ कंपनियां लचीलापन दिखा सकती हैं, खासकर अगर आपने पहले से भुगतान नहीं किया है. इससे आप GST मुक्त प्रीमियम का लाभ उठा सकते हैं और कवरेज भी बना रहेगा. 

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इसके अलावा, अगर आपकी पॉलिसी की रिनुअल तारीख 21 सितंबर के बाद है, तो आप निश्चित रूप से GST छूट का लाभ उठाएंगे. ऐसे में आपको कोई अतिरिक्त कदम उठाने की जरूरत नहीं है.

समय पर जरूर भरें प्रीमियम 

नियम के मुताबिक स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा धारकों ये खास ध्यान रखना है, कि अगर उनकी पॉलिसी 22 सितंबर से पहले रिनुअल हो रही है, तो समय रहते प्रीमियम का भुगतान कर दें. खासकर अगर सीनियर सिटीजन की पॉलिसी है तो प्रीमियम का भुगतान में कई बिलंब न करें. प्रीमियम में देरी से आपको हेल्थ इंश्योरेंस में कई तरह के लाभ नहीं मिलेंगे. जैसे कि No-Claim बोनस, प्रीमियम में छूट, साथ ही करवेज में खत्म हो सकता है. 

विशेषज्ञों के अनुसार, बीमा क्षेत्र में यह फैसला लंबे समय में इंश्योरेंस (Insurance) को लोगों के लिए और किफायती बनाएगा. लेकिन, टैक्स बचाने के लालच में किसी को भी कवरेज में गैप नहीं आने देना चाहिए यदि बीमा कंपनियां खोई हुई ITC के लिए अजस्ट्मन्ट करें तो ग्राहकों के लिए बचत 18% से कम हो सकती है.

22 सितंबर से प्रीमियम में छूट का तोहफा

इसलिए पुराने पॉलिसीधारक को जीएसटी में छूट का इंतजार करने से फायदा नहीं मिलने वाला है. हालांकि अगर नई पॉलिसी लेनी है तो फिर 22 सितंबर को इंतजार करें, अभी के मुकाबले प्रीमियम की राशि कम लगेगी. बता दें, जीएसटी काउंसिल की बैठक में स्वास्थ्य और जीवन बीमा पर लगने वाले जीएसटी को खत्म कर दिया गया है.

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इस फैसले से उपभोक्ताओं को बड़ी राहत मिलेगी क्योंकि बीमा प्रीमियम सस्ता हो जाएगा. 22 सितंबर 2025 से लागू होने वाले इस बदलाव से बीमा सेक्टर में तेजी आने की उम्मीद है. एलआईसी बीमा धारकों को विशेष रूप से फायदा होगा. 

गौरतलब है कि स्वास्थ्य और जीवन बीमा पालिसियों पर जीएसटी की दर को 18 प्रतिशत से घटाकर शून्य करने का फैसला लिया गया है. अभी तक उपभोक्ताओं को बीमा लेने पर 2.5 फीसदी से 18 फीसदी तक GST देना होता था.

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