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'ट्रंप का बयान एक नाटक...', पूर्व विदेश सचिव ने आंकड़ों के साथ खोली अमेरिकी प्रोपेगेंडा की पोल

पूर्व भारतीय विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने डोनाल्ड ट्रंप के उस बयान को आंकड़े पेश करते हुए गलत करार दिया है, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति ने दोनों देशों के बीच व्यापार में अमेरिका को भारत का सबसे बड़ा शिकार बताया है.

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पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ट्रंप के बयान पर साधा निशाना (Photo: X/@KanwalSibal/Reuters)
पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने ट्रंप के बयान पर साधा निशाना (Photo: X/@KanwalSibal/Reuters)

अमेरिका की ओर से भारत पर बीते दिनों टैरिफ को एक्स्ट्रा 25% बढ़ाकर 50% कर दिया. इसके बाद भी राष्ट्रपति ट्रंप शांत नहीं हुए और भारत के साथ व्यापार को लेकर अलग-अलग बयान देते नजर आ रहे हैं. हाल ही में उन्होंने भारत पर एकतरफा व्यापार संबंधों का बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह लंबे समय से अमेरिका को अपने सबसे बड़े ग्राहकों में गिनता रहा है, लेकिन बदले में अपने यहां व्यापार का बहुत कम मौका दिया. यही नहीं उन्होंने तो दशकों से भारत-अमेरिका के व्यापारिक रिश्ते को असंतुलित होने की बात कह डाली. इसे लेकर पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए अमेरिकी प्रोपेगेंडा की पोल खोली है. उन्होंने राष्ट्रपति ट्रंप के बयान को नाटक बताया है. 

ट्रंप ने लगाया है बड़ा आरोप
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बयान पर नजर डालें, तो उन्होंने कहा है कि भारत अमेरिका में बड़ी मात्रा में अपने सामान बेचता है, जबकि इसकी तुलना में अमेरिकी कंपनियां बहुत कम व्यापार भारत में कर पाती हैं, क्योंकि भारत में हाई टैरिफ और ये सबसे ज्यादा है, जिससे अमेरिकी प्रोडक्ट्स इंडियन मार्केट में नहीं पहुंच पाते हैं. ट्रंप के मुताबिक, ऐसे में भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक रिश्ता पूरी तरह से एकतरफा है और नुकसानदायक है. 

पूर्व विदेश सचिव बोले- 'ये सच नहीं...'
ट्रंप के इस बयान को लेकर पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने एक सोशल मीडिया पोस्ट शेयर करते हुए कुछ आंकड़े गिनाए हैं और कहा है कि अमेरिका राष्ट्रपति द्वारा व्यापार में अमेरिका को भारत का सबसे बड़ा शिकार बताना, एक नाटक है. अपनी पोस्ट में उन्होंने बताया कि भारत के साथ जहां अमेरिका का व्यापार घाटा सिर्फ 41.5 अरब डॉलर है, जबकि इसकी तुलना में चीन के साथ ये 270 अरब डॉलर है. यूरोपीय यूनियन के साथ 161 अरब डॉलर और मेक्सिको के साथ ये घाटा 157 अरब डॉलर है.

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यहीं नहीं उन्होंने और भी कई देशों के बारे में बताते हुए कहा कि वियतनाम के साथ 113.1 अरब डॉलर, ताइवान के साथ 67.4 अरब डॉलर, जापान के साथ 62.6 अरब डॉलर, साउथ कोरिया के साथ 60.2 अरब डॉलर और कनाडा के साथ अमेरिका का व्यापार घाटा 54.8 अरब डॉलर है, जो भारत की तुलना में कहीं ज्यादा है. ऐसे में ट्रंप के मुताबिक, भारत से व्यापार नुकसानदायक बताना असत्य है. 

लगातार बढ़ा भारत का व्यापार 
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार विस्तार को भी पूर्व भारतीय विदेश सचिव ने आंकड़ों के साथ बताया और कहा कि अमेरिका के साथ भारत का आयात-निर्यात करीब 83.4 अरब डॉलर रहा, जिसमें भारत को अमेरिकी सेवाओं का निर्यात 41.8 अरब डॉलर और अमेरिका का 41.6 अरब डॉलर था. डिफेंस सेक्टर के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि भारत-अमेरिका के बीच डिफेंस ट्रेड साल 2000 में लगभग शून्य था, लेकिन ये साल 2024 में तकरीबन 22 अरब डॉलर तक पहुंच गया है.

अमेरिकी टैरिफ पर खड़े किए थे सवाल
इससे पहले भी पूर्व विदेश सचिव कंवल सिब्बल ने अमेरिका द्वारा भारत पर किए गए टैरिफ अटैक को लेकर सवाल खड़े किए थे. उन्होंने एक पोस्ट के जरिए कहा था कि चीन भी रूस से तेल खरीद रहा है, लेकिन चीन पर जुर्माने की बात नहीं होती, यूरोप तेल खरीद रहा है, क्या उस लोकतंत्र के लिए रूस के युद्ध के लिए धन देना ठीक है? 

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उन्होंने आगे कहा था कि अमेरिका खुद भी रूस से धातुएं समेत अन्य सामान खरीदता है. कंवल सिब्बल के मुताबिक, अमेरिका द्वारा अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता बढ़ाने, खरबों का रेवेन्यू जेनरेट करने और रोजगार बढ़ाने के लिए लाई गई हाई टैरिफ पॉलिसी अच्छी नीति हो सकती है, लेकिन भारत द्वारा अपने सबसे संवेदनशील क्षेत्रों की रक्षा के लिए लगाए गए शुल्क ट्रंप को मंजूर नहीं हैं.

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