देश की सबसे वैल्यूएबल कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड (Reliance Industries Limited) की नींव रखने वाले दिवंगत भारतीय उद्योगपति Dhirubhai Ambani की आज जयंती है. कॉरपोरेट सेक्टर में एंट्री लेने वाले लोगों के लिए वे आज भी एक मिसाल हैं. जेब में 500 रुपये लेकर मायानगर मुंबई पहुंचे धीरूभाई अंबानी ने अपने दिमाग और काबिलियत की दम पर ऐसा कारोबारी साम्राज्य खड़ा कर दिया, जिसका आज दुनिया में डंका है. उनके जन्मदिन के मौके पर धीरूभाई के बड़े बेटे मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) की बहू नीता अंबानी (Nita Ambani) ने कुछ खास अंदाज में उन्हें याद किया.
बहू नीता अंबानी ने ट्वीट कर किया याद
Nita Ambani ने सोशल मीडिया पर एक भावुक पोस्ट कर धीरूभाई अंबानी की जयंती पर उन्हें याद किया. उन्होंने ट्विटर पर उनकी फोटो शेयर करते हुए लिखा, 'आप हद से ज्यादा याद आ रहे हैं पप्पा. जब हम अपनी आंखें बंद करते हैं, अपने विचारों को इकट्ठा करते हैं और प्रेरणा की तलाश करते हैं, तो आप निश्चित रूप से वहां मौजूद होते हैं!'
You are missed beyond measure Pappa. But when we close our eyes, gather our thoughts and look for inspiration, there you are, unfailingly! Thank you for the memories and the motivation to empower us to be the best we can be. 🙏🙏🙏#DhirubhaiAmbani pic.twitter.com/lkvFNiwEul
— Nita Ambani (@nita_ambani01) December 28, 2022
दुनिया के आठवें और एशिया के दूसरे सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी ने अपने ट्विटर पोस्ट (Nita Ambani Tweet) में आगे लिखा, 'इन यादों और सशक्त बनाने के लिए आपका धन्यवाद, जिनसे हमें सबसे अच्छा बनने के लिए प्रेरणा मिली.'
17 साल की उम्र में छोड़ा था देश
भारतीय कॉरपोरेट सेक्टर में अलग पहचान बनाने वाले Dhirubhai Ambani का पूरा नाम धीरजलाल हीराचंद अंबानी था. उनका जन्म 28 दिसंबर 1932 को सौराष्ट्र के जूनागढ़ जिले में हुआ था. दसवीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद ही उन्होंने पैसे कमाने के लिए काम-काज शुरू कर दिया था और महज 17 साल की उम्र में नौकरी के लिए अपने भाई के पास यमन चले गए थे.
500 रुपये से रिलायंस की शुरुआत
यमन में पेट्रोल पंप पर 300 रुपये प्रति माह की सैलरी पर नौकरी करने के कुछ साल बाद उन्होंने वापस भारत का रुख किया और यहां आकर पूरी प्लानिंग और मार्केट की जानकारी इकठ्ठा कर मायानगर मुंबई में दस्तक दी. जब वे मुंबई में कारोबार करने का मन बनाकर और आखों में बड़े सपने लेकर पहुंचे थे, तो उनकी जेब में महज 500 रुपये थे. इस छोटी सी रकम और मजबूत हौसले की दम पर उन्होंने रिलायंस कंपनी बनाकर विदेशों में भारतीय मसाले भेजना और विदेश से पॉलिस्टर भारत में लाना शुरू कर दिया.
जुलाई 2002 में हुआ था निधन
देखते ही देखते रिलायंस का कारोबार आगे बढ़ने लगा और रिलायंस नाम मार्केट की पहचान बनता चला गया. कंपनी की तेज रफ्तार के साथ ही धीरूभाई अंबानी का अमीर बनने का सपना भी पूरा होता चला गया और वे देश के सबसे अमीरों की लिस्ट में पहुंच गए. 6 जुलाई 2002 को सिर की शिरा फट जाने के कारण धीरूभाई अंबानी का निधन मुंबई के एक अस्पताल में हो गया था. इसके बाद उनकी कंपनी को बेटों मुकेश अंबानी (Mukesh Ambani) और अनिल अंबानी (Anil Ambani) ने आगे बढ़ाया. 500 रुपये से शुरू हुई ये कंपनी आज 17 लाख करोड़ से ज्यादा मार्केट कैप वाली फर्म बन चुकी है.