बांग्लादेश (Bangladesh) एक बार फिर सुर्खियों में है और देश में बीते कुछ दिनों से हिंसा जारी है. खासतौर पर हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की दुनिया में निंदा हो रही है. इस जारी बवाल के बीच भारत विरोधी प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि भले ही बांग्लादेश में भारत विरोधी प्रदर्शन हो रहे हैं, लेकिन पड़ोसी देश भारत पर बड़े स्तर पर निर्भर है और कई जरूरी सामान खरीदता है, जिनका निर्यात रुका तो वो बड़े संकट में फंस जाएगा और भुखमरी के हालात पैदा हो सकते हैं. आइए जानते हैं उन सामानों और प्रोजेक्ट्स के बारे में, जिनके बगैर बांग्लादेश का चलना भी मुश्किल है.
बांग्लादेश में कैसे शुरू हुई हिंसा?
बांग्लादेश में हिंसा की शुरुआत दरअसल, बीते 11 दिसंबर को इंकलाब मंच के नेता शरीफ उस्मान हादी की हत्या के बाद से देखने को मिल रही है. वहीं हिंदू व्यक्ति की हत्या ने इसे और भी हवा दे दी है. इस बीच भारत विरोधी प्रदर्शन भी खूब चल रहे हैं. हालांकि, मोहम्मद यूनुस सरकार (Muhammad Yunus Govt) के अधिकारी इस बात को बखूबी समझते हैं, कि भारत से पंगा देश को कितना भारी पड़ सकता है.
यही कारण है कि भारत के साथ संबंधों में आई तल्खी के बावजूद भी वहां की अंतरिम सरकार सुलह के संकेत दे रही है.यूनुस प्रशासन में फाइनेंशियल एडवाइजर सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार का भारत जैसे बड़े पड़ोसी देश के साथ रिश्तों को खराब करने का कोई इरादा नहीं है.
भारत की नाराजगी कैसे पड़ेगी भारी?
बांग्लादेश का भारत से पंगा लेना जरूरी भी है, क्योंकि काफी हद तक पड़ोसी मुल्क भारत से आने वाले सामानों पर निर्भर है. इनका निर्यात रुकना देश में भुखमरी तक का सबब बन सकता है. इसकी वजह ये है कि भारत बांग्लादेश का दूसरा सबसे बड़ा एक्सपोर्ट पार्टनर है. ट्रेड के आंकड़ों पर नजर डालें, तो ट्रेडिंग इकोनॉमिक्स के मुताबिक, बीते साल भारत ने 11.32 अरब डॉलर का माल एक्सपोर्ट किया था. इनमें कपास, अनाज से लेकर पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स तक शामिल हैं.
ये प्रमुख चीजें भारत से खरीदता है बांग्लादेश (FY2024)
इसके अलावा अनाज भी बड़ी मात्रा में भारत से बांग्लादेश एक्सपोर्ट किया जाता है. FY2024 के आंकड़ों पर नजर डालें, तो चावल (84.55 मिलियन डॉलर), मक्का (15.35 मिलियन डॉलर), ज्वार (1.87 मिलियन डॉलर), गेहूं (734.54 मिलियन डॉलर) का निर्यात किया गया था. इसके अलावा चीनी भी बांग्लादेश में भी भारत से बड़ी मात्रा में जाती है.
50000 मीट्रिक टन चावल खरीदेगा बांग्लादेश
Bangladesh Govt के फाइनेंशियल एडवाइजर सालेहुद्दीन अहमद ने कहा है कि बांग्लादेश के मौजूदा राजनीतिक हालात का भारत के साथ व्यापार और आर्थिक सहयोग पर कोई असर नहीं पड़ेगा. उन्होंने ये भी बताया कि सरकार भारत से 50,000 मीट्रिक टन चावल आयात करेगी. उन्होंने इसे दोनों देशों के आर्थिक संबंधों में मजबूती के लिए उठाया गया कदम बताया है. इसके साथ ही सालेहुद्दीन ने ये भी कहा कि आवश्यक वस्तुओं के आयात में किसी भी प्रकार की कोई बाधा नहीं आएगी.