बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार ने रविवार को एक बार फिर साफ किया कि वो राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) में ही अब बने रहेंगे और अब कोई राजनीतिक पलटी नहीं मारेंगे.
न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पटना में आयोजित खेलो इंडिया यूथ गेम्स के उद्घाटन समारोह में उन्होंने यह बयान दिया, जहां देशभर से आए हजारों युवा खिलाड़ियों की उपस्थिति में उन्होंने एनडीए में अपनी निष्ठा दोहराई.
नीतीश कुमार ने अपने भाषण में कहा, 'मैं यहीं रहने वाला हूं, मेरी पार्टी ने पहले मुझे इधर-उधर जाने को कहा था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. मुझे मुख्यमंत्री किसने बनाया? वह थे स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी.'
बता दें कि नीतीश कुमार 1990 के दशक के मध्य से भाजपा के सहयोगी रहे हैं, लेकिन 2013 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार बनने के बाद असहमति के कारण उन्होंने एनडीए से नाता तोड़ लिया था. इसके बाद उन्होंने 2015 में आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव के साथ महागठबंधन बनाकर चुनाव लड़ा और सफलता भी पाई.
हालांकि, यह गठबंधन ज्यादा समय तक नहीं चला और 2017 में नीतीश कुमार ने एक बार फिर भाजपा से हाथ मिला लिया. यह साझेदारी 2022 तक चली, जब उन्होंने एनडीए छोड़कर फिर से महागठबंधन में वापसी की और भाजपा पर जेडीयू को तोड़ने की साजिश का आरोप लगाया.
2024 के लोकसभा चुनाव से पहले, नीतीश ने महागठबंधन और इंडी गठबंधन से नाता तोड़ते हुए फिर एनडीए का दामन थाम लिया. यह कदम राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना, क्योंकि उन्होंने खुद इंडी गठबंधन के निर्माण में अहम भूमिका निभाई थी.
अब जबकि राज्य में विधानसभा चुनाव करीब हैं तो नीतीश कुमार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वो अब एनडीए में ही रहेंगे और कोई 'राजनीतिक पलटी' नहीं मारेंगे. उनके इस बयान को एनडीए को मजबूती देने के इरादे से दिया गया बयान माना जा रहा है.