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'सिर्फ AK-47 की भाषा समझते हैं ये लोग', नीतीश-अनंत सिंह मुलाकात पर तेजस्वी ने कसा तंज

मोकामा के बाहुबली और पूर्व विधायक अनंत सिंह ने सीएम नीतीश कुमार से मुलाकात की जिसके बाद बिहार की राजनीति में हलचल मच गई है. अनंत सिंह जेल से बाहर आने के बाद पहली बार मुख्यमंत्री से मिले जिस पर अब विपक्षी पार्टी आरेजडी ने निशाना साधा है. तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि ये लोग सिर्फ बंदूक की भाषा समझते हैं और सरकार पर आरोप लगाया कि जो हथियार जब्त करती है, वही उन्हें रिहा भी करती है.

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नीतीश से मिले अनंत सिंह, तेजस्वी ने किया तंज (Photo: ITG)
नीतीश से मिले अनंत सिंह, तेजस्वी ने किया तंज (Photo: ITG)

बिहार के चर्चित बाहुबली और मोकामा के पूर्व विधायक अनंत सिंह ने जेल से बाहर आने के बाद राज्य की सियासत को गर्म कर दिया है. अनंत सिंह ने जेल से रिहा होने के बाद आज पहली बार मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से उनके सरकारी आवास पर मुलाकात की.

यह मुलाकात करीब 15 मिनट तक चली. अनंत सिंह ने जेल से बाहर आते ही अगला विधानसभा चुनाव जेडीयू के टिकट पर लड़ने का ऐलान कर दिया था जिसके बाद सीएम नीतीश से उनकी यह मुलाकात काफी खास मानी जा रही है और चुनाव से पहले इसके कई राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं.

सीएम नीतीश से मिले अनंत सिंह

अनंत सिंह का राजनीतिक इतिहास विवादों से भरा रहा है. उन पर कई आपराधिक मामले दर्ज रहे हैं, जिनमें AK-47 जैसे हथियार रखने का मामला भी शामिल है. जेल से बाहर आने के बाद उनके नीतीश कुमार से मिलने पर विपक्ष ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं.

तेजस्वी ने कसा तंज

इसी कड़ी में RJD नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस मुलाकात पर तीखा प्रहार किया. उन्होंने कहा, मैं इन पर टिप्पणी नहीं करना चाहता, ये सिर्फ AK-47 की भाषा समझते हैं. सरकार इनके घर से AK-47 जब्त करती है और वही सरकार इन्हें रिहा भी करती है. बिहार की जनता अच्छे से जानती है कि कौन क्या है.'

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तेजस्वी ने कहा कि इस विषय पर बोलने के लिए पार्टी के प्रवक्ता मौजूद हैं, लेकिन उनका स्पष्ट इशारा था कि नीतीश कुमार की सरकार अपराधियों को संरक्षण दे रही है. उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि जनता ऐसे मामलों में चुप नहीं बैठेगी और चुनाव में जवाब देगी. तेजस्वी यादव ने अनंत सिंह के साथ-साथ कुछ महीनों पहले रिहा हुए बाहुबली और पूर्व सांसद आनंद मोहन को लेकर भी हमला बोला था.

चुनाव लड़ेंगे अनंत सिंह ?

राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि यह मुलाकात आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले बड़ी राजनीतिक रणनीति का हिस्सा हो सकती है, जहां जेडीयू अपने परंपरागत वोट बैंक को मजबूत करने के लिए विवादित लेकिन प्रभावशाली नेताओं को अपने साथ जोड़ना चाहती है. वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को घेरने में कोई कसर नहीं छोड़ रहा.

बता दें कि बिहार की राजनीति में बाहुबलियों का असर हमेशा से रहा है और मौजूदा घटनाक्रम इस धारणा को और मजबूत कर रहा है कि चुनावी समीकरणों में ऐसे नेताओं की भूमिका अहम बनी हुई है.
 

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