बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान महिला डॉक्टर का सार्वजनिक रूप से हिजाब हटाने का मामला अब देशव्यापी राजनीतिक और सामाजिक विवाद का रूप ले चुका है. इस घटना के खिलाफ पटना से लेकर कोलकाता तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिले हैं. वहीं छात्राओं, महिला संगठनों और विपक्षी दलों ने मुख्यमंत्री से माफी की मांग तेज कर दी है.
पटना वूमेन्स कॉलेज में इस मुद्दे पर छात्राओं ने चौपाल लगाकर तीखा विरोध दर्ज कराया. छात्राओं का कहना था कि मुख्यमंत्री ने महिला सुरक्षा और सम्मान के नाम पर वोट लिया, लेकिन उसी मुख्यमंत्री द्वारा एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाई गई और मंच पर मौजूद नेता मुस्कुराते रहे. छात्राओं ने इसे शर्मनाक बताते हुए मुख्यमंत्री से सार्वजनिक माफी की मांग की.
कॉलेज की छात्रा इशिका ने कहा, “अगर आपको चेहरा देखना था तो आप विनम्रता से अनुरोध कर सकते थे. किसी महिला का हिजाब खींचना गलत है. जो नेता उनका समर्थन कर रहे हैं, वे भी उतने ही गलत हैं.”
एक और छात्रा तस्लीम जहरा ने कहा, “हिजाब हमारे लिए डिग्निटी है. किसी भी महिला के लिए उसकी इज्जत सबसे ऊपर होती है. सार्वजनिक मंच पर किसी का हिजाब हटाना गलत है.”
इल्तिजा मुफ्ती ने थाने में दी शिकायत
जम्मू-कश्मीर की पीडीपी नेता इल्तिजा मुफ्ती ने पटना के कोठीबाग थाने में नीतीश कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की मांग करते हुए शिकायत दी है. इल्तिजा मुफ्ती ने कहा कि यह सिर्फ एक महिला डॉक्टर पर नहीं, बल्कि हर भारतीय महिला की स्वायत्तता, पहचान और गरिमा पर हमला है. उन्होंने आरोप लगाया कि मंच पर मौजूद उपमुख्यमंत्री और अन्य नेताओं की प्रतिक्रिया ने मामले को और गंभीर बना दिया.
कोलकाता में महिलाओं का विरोध मार्च
कोलकाता में भी गुरुवार शाम बड़ी संख्या में महिलाओं ने विरोध मार्च निकाला. पार्क सर्कस से गरियाहाट तक निकाले गए इस मार्च में महिलाओं ने नीतीश कुमार के खिलाफ नारे लगाए और माफी की मांग की. टीएमसी नेता फिरहाद हकीम की बेटी प्रियदर्शिनी हकीम ने कहा कि मुख्यमंत्री का कृत्य महिला विरोधी और असंवेदनशील है. प्रदर्शन में हिंदू और मुस्लिम महिलाओं की संयुक्त भागीदारी ने इसे महिला सम्मान और संवैधानिक मूल्यों से जुड़ा मुद्दा बताया.