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IRCTC SCAM: फ्रॉड, साजिश और पद का दुरुपयोग, लालू फैमिली पर फैसले में कोर्ट ने क्या कहा, क्या-क्या धाराएं लगाईं?

बिहार चुनाव के बीच IRCTC घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने लालू यादव एंड फैमिली के खिलाफ मुकदमा चलाने को कहा है. अदालत ने इन तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी, साजिश और आपराधिक कदाचार की धाराएं लगाने को कहा है.

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कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी पर IPC की धारा 420 के तहत आरोप लगाने को कहा है. (Photo: Getty image)
कोर्ट ने लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी पर IPC की धारा 420 के तहत आरोप लगाने को कहा है. (Photo: Getty image)

आईआरसीटी घोटाले में दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव, पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी और बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया है. दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने तीनों नेताओं के खिलाफ अपने आदेश में कड़े शब्दों का प्रयोग किया और  भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (IRCTC) में कथित अनियमितताओं से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में आरोप तय करने का आदेश सुनाया है.

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने लालू यादव को कहा कि आपने षड्यंत्र रचा, आपने लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग किया, टेंडर प्रोसेसिंग में दखल दिया, और टेंडर हासिल करने की शर्तों में हेराफेरी की गई.

कोर्ट ने लालू यादव को कहा कि आपने कोचर से ज़मीन के टुकड़ों की कम कीमत पर खरीद की साजिश रची, और बाद में इन जमीनों पर प्रभावी नियंत्रण राबड़ी और तेजस्वी को हस्तांतरित करने के लिए अन्य आरोपियों के साथ मिलकर साजिश रची गई. 

विजय कोचर और विनय कोचर इस मामले में अन्य आरोपी हैं. वे राबड़ी देवी की कंपनी सुजाता होटल लिमिटेड में डायरेक्टर थे.

अदालत ने लालू यादव को पूछा कि क्या आप अपने ऊपर लगाए गए आरोप को स्वीकार करते हैं. इस पर लालू यादव ने खुद को बेगुनाह बताया. यही सवाल अदालत ने राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव से पूछा. दोनों ने ही अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया.

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अदालत ने लालू यादव पर लोकसेवक के रूप में साजिश, धोखाधड़ी और आपराधिक कदाचार का आरोप लगाया है. लाल यादव पर षड्यंत्र रचने और लोक सेवक के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप है. 

अदालत ने कहा कि लालू यादव ने कोचर से जमीन के टुकड़ों की कम कीमत पर खरीद की साजिश रची फिर अन्य आरोपियों के साथ मिलकर इन जमीनों पर राबड़ी और तेजस्वी को प्रभावी नियंत्रण हस्तांतरित करने की साजिश रची. 

अदालत ने कहा कि निविदा प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए.

लालू यादव ने IRCTC के होटलों के हस्तांतरण को प्रभावित करने में हस्तक्षेप किया. अदालत में रेल मंत्री के रूप में लालू यादव पर षड्यंत्र रचने और पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाने के लिए सीबीआई द्वारा साक्ष्यों की श्रृंखला प्रस्तुत की गई. 

अदालत ने कहा कि इससे सरकारी खजाने को नुकसान होता है. अदालत को गंभीर संदेह है कि कई लोग लालू यादव परिवार को जमीन का नियंत्रण हस्तांतरित करने की साजिश में शामिल थे. 

लालू-राबड़ी और तेजस्वी के खिलाफ किन धाराओं के तहत चलेगा मुकदमा

विशेष न्यायाधीश विशाल गोगने ने सुनवाई के दौरान कहा कि सीबीआई (Central Bureau of Investigation) द्वारा पेश किए गए साक्ष्य पर्याप्त हैं, इसलिए अब इस मामले में मुकदमा चलेगा. सभी आरोपी आज कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से मौजूद थे.

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इस मामले में अदालत ने कहा कि लालू यादव, राबड़ी देवी, तेजस्वी यादव और अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 420 आईपीसी के तहत आरोप तय किए जाएं.

यह भी पढ़ें: कोर्ट ने पूछा- क्या आप आरोप स्वीकारते हैं? जानें क्या बोले लालू, अदालत में क्या-क्या हुआ

कोर्ट ने आदेश दिया है कि लालू यादव और आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के तहत आरोप तय किए जाएं. 

भ्रष्टाचार निरोधक कानून की धारा 13(2) के अनुसार, जो कोई भी आपराधिक कदाचार करता है, उसे कम से कम एक वर्ष के कारावास से दंडित किया जाएगा, यह सजा सात वर्षों तक हो सकती है. दोषी पाए जाने पर जुर्माना भी लगाया जा सकता है. आपराधिक कदाचार का अर्थ है लोक सेवक का ऐसे तरीकों से व्यवहार करना जो रिश्वतखोरी या अन्य भ्रष्ट आचरण को बढ़ावा देता है. 

अदालत ने सभी आरोपियों के खिलाफ IPC की धारा 120B (साजिश) के तहत और धारा 32 के तहत सामान्य आरोप तय किए जाने का आदेश भी दिया.

मामला क्या है?

यह मामला 2004-2009 के दौरान लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के समय का है. आरोप है कि उन्होंने रेल मंत्रालय के अधीन आईआरसीटीसी के दो होटलों – बीएनआर होटल (रांची, झारखंड) और पुरी होटल (ओडिशा) के रखरखाव और सुधार के ठेकों के आवंटन में भ्रष्टाचार किया.

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लालू ने इन ठेकों को अपनी पत्नी राबड़ी देवी के स्वामित्व वाली कंपनी सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को अनुचित रूप से दिलवाया. इसके बदले, कंपनी ने लालू के परिवार को फायदा पहुंचाया. इन ठेकों में  पारदर्शिता की कमी और पक्षपातपूर्ण आवंटन का आरोप है. 

ठेकों में आईआरसीटीसी के पूर्व ग्रुप जनरल मैनेजर वी.के. अस्थाना, आर.के. गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक रहे विजय कोचर और विनय कोचर भी आरोपी हैं.  सीबीआई का दावा है कि यह एक सुनियोजित साजिश थी, जिसमें सरकारी पद का दुरुपयोग किया गया. मामले में कुल 14 आरोपी हैं.

सीबीआई के आरोपपत्र में क्या है?

इस मामले की सुनवाई सीबीआई कर रही है. सीबीआई के आरोपपत्र के अनुसार 2004 और 2014 के बीच कथित तौर पर एक साजिश रची गई थी जिसके तहत पुरी और रांची स्थित भारतीय रेलवे के बीएनआर होटलों को पहले आईआरसीटीसी को हस्तांतरित किया गया और बाद में इनके संचालन, रखरखाव और रखरखाव के लिए, पटना, बिहार स्थित सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को पट्टे पर दे दिया गया.

एजेंसी ने आरोप लगाया कि निविदा प्रक्रिया में धांधली और हेराफेरी की गई और निजी संस्था सुजाता होटल्स की मदद के लिए शर्तों में फेरबदल किया गया.

आरोपपत्र में आईआरसीटीसी के समूह महाप्रबंधक वी.के. अस्थाना और आर.के. गोयल, और सुजाता होटल्स के निदेशक और चाणक्य होटल के मालिक विजय कोचर और विनय कोचर का भी नाम है.

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डिलाइट मार्केटिंग कंपनी, जिसे अब लारा प्रोजेक्ट्स के नाम से जाना जाता है, और सुजाता होटल्स प्राइवेट लिमिटेड को भी आरोपपत्र में आरोपी कंपनियों के रूप में नामित किया गया है.

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