बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई में एनडीए सरकार के गठन के बाद मंगलवार (आज) को कैबिनेट की पहली बैठक होने जा रही है. कैबिनेट की यह बैठक ना सिर्फ नीतीश सरकार की प्राथमिकताएं तय करेगी, बल्कि एनडीए के चुनावी घोषणापत्र 'संकल्प पत्र 2025' के क्रियान्वयन को ज़मीन पर उतारने का अमली जामा पहनाया जा सकता है.
एनडीए सरकार बनने के बाद कैबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा समेत सभी 26 मंत्री शामिल रहेंगे. माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है.
नीतीश कुमार की अध्यक्षता में होने वाली कैबिनेट की पहली मीटिंग में उन योजनाओं को प्राथमिकता दी जा सकती है, जिन्हें एनडीए ने अपने चुनावी अभियान के दौरान 'पहले 100 दिनों' के एजेंडे में शामिल किया था. इनमें सबसे प्रमुख युवाओं को नौकरी और रोज़गार देने से जुड़ी स्कीमें, महिलाओं के लिए आत्मनिर्भरता कार्यक्रम और गरीबों के लिए पंचामृत योजना आदि शामिल है.
स्पीकर के नाम पर क्या लगेगी मुहर?
बिहार में सरकार गठन की प्रक्रिया पूरी हो गई है और अब बारी 18वीं विधानसभा के गठन की है, जिसकी प्रक्रिया राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान की ओर से विशेष सत्र बुलाने के बाद शुरू होगी. नीतीश की अगुवाई वाले नए मंत्रिमंडल की पहली बैठक मंगलवार को हो रही है. माना जा रहा कि कैबिनेट की इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे सकते हैं.
जेडीयू के वरिष्ठ विधायक नरेंद्र नारायण यादव को राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने विधानसभा का प्रोटेम स्पीकर नियुक्त कर दिया है. नरेंद्र नारायण यादव को राज्यपाल ने प्रोटेम स्पीकर पद की शपथ भी दिला दी है. विधानसभा के विशेष सत्र में प्रोटेम स्पीकर ही सभी 243 नवनिर्वाचित विधायकों को शपथ दिलाएंगे. विधायकों की शपथ के बाद विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव होता है. ऐसे में माना जा रहा है कि कैबिनेट की बैठक में नए स्पीकर के नाम पर भी मुहर लग सकती है.
नीतीश कैबिनेट में क्या रहेगा फ़ोकस?
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अगुवाई में होने वाली कैबिनेट की बैठक में सरकार अपने चुनावी एजेंडे, रोज़गार सृजन और पलायन रोकने को औपचारिक मंजूरी दे सकती है. विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीए ने इन मुद्दों को सबसे बड़ी प्राथमिकता बताया था. ऐसे में उम्मीद है कि नई सरकार की पहली बैठक से ही रोज़गार से जुड़े बड़े फैसलों की शुरुआत हो सकती है.
एनडीए सरकार जल्द ही युवाओं के लिए बड़े पैमाने पर नौकरी अभियान शुरू कर सकती है. एनडीए ने अपने घोषणापत्र में 1 करोड़ से ज्यादा रोज़गार और सरकारी नौकरियों की गारंटी दी थी. माना जा रहा है कि पहली कैबिनेट में नई भर्ती प्रक्रिया को रफ़्तार देने वाला कोई बड़ा निर्णय लिया जा सकता है.
महिला-किसान से जुड़ी योजना पर मुहर
विधानसभा चुनाव से पहले एनडीए के जारी संयुक्त घोषणापत्र में महिलाओं को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए 'मुख्यमंत्री महिला रोज़गार योजना' शुरू करने का वादा किया गया था. कैबिनेट की पहली मीटिंग में इस योजना के बजट और संरचना को लेकर अहम फैसला हो सकता हैय इसके अलावा एनडीए ने किसानों को राहत देने के लिए एमएसपी गारंटी कानून लागू करने और किसान सम्मान निधि बढ़ाने का भरोसा दिया था. पहली बैठक में इस दिशा में शुरुआती कदम या समिति गठन पर निर्णय लिया जा सकता है.
नीतीश सरकार ने चुनाव से पहले बिहार में 7 नए एक्सप्रेसवे, 3600 किमी रेल आधुनिकीकरण और पटना के अलावा चार शहरों में मेट्रो सेवा का वादा किया था. इसलिए कैबिनेट में किसी एक बड़े प्रोजेक्ट की शुरुआत या डीपीआर तैयार करने का ऐलान किया जा सकता है. विशेष रूप से गया और दरभंगा मेट्रो को लेकर शुरुआती तैयारी तेज़ हो सकती है. इसके अलावा गरीब परिवारों के लिए मुफ्त राशन, 125 यूनिट तक मुफ्त बिजली, 5 लाख तक मुफ्त इलाज, पक्का मकान और पेंशन योजना जैसी घोषणाओं पर भी चर्चा होने वाली है.