बिहार के सीतामढ़ी में पुनौरा धाम में बिहार सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट पर जोर दे रही है. यह परिसर अब भव्य होने जा रहा है. राज्य सरकार ने जमीन अधिग्रहण को मंजूरी दे दी है. इस जगह को माता सीता की जन्मस्थली के रूप में जाना जाता है. शुक्रवार को बिहार कैबिनेट ने यहां की विकास परियोजनाओं से जुड़ी फाइल को मंजूरी दे दी है. इससे पहले राज्य पर्यटन विभाग के प्रस्ताव की समीक्षा भी की गई.
सरकार ने मंदिर परिसर से सटे इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए 50 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने की मंजूरी दी है. राज्य सरकार के इस कदम से श्रद्धालुओं में खुशी का माहौल देखा जा रहा है. वहीं, बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के विशेषज्ञों का कहना है कि पर्यटन विभाग ने उनके अधिकार क्षेत्र में अतिक्रमण किया है.
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'पहले 16.63 एकड़ जमीन का अधिग्रहण किया था'
बताते चलें कि इससे पहले राज्य सरकार ने मौजूदा मंदिर परिसर के आसपास के क्षेत्र के पुनर्विकास के लिए 16.63 एकड़ जमीन अधिग्रहित की थी. अब 50 एकड़ जमीन और अधिग्रहण की मंजूरी दी है.
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'श्रद्धालुओं के लिए तीर्थस्थल माना जाता है पुनौराधाम'
सीतामढ़ी ज़िले में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर को पुनौरा धाम के नाम से जाना जाता है. माना जाता है कि माता सीता का जन्म इसी जगह पर हुआ था. सीतामढ़ी विशेष रूप से रामायण सर्किट का हिस्सा है. ये रामायण में वर्णित एक दर्जन से ज्यादा महत्वपूर्ण जगहों का केंद्र माना जाता है और श्रद्धालुओं के लिए तीर्थस्थल माना जाता है. इस जगह को केंद्र द्वारा धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के लिए चिह्नित किया गया है.