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स्टील या अलॉय...! जानिए कौन से Wheels आपकी कार के लिए है फायदेमंद, पढें पूरी डिटेल

अलॉय व्हील्स (Alloy Wheels) को "मैग व्हील्स" के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि 1960 के दशक तक व्हील्स निर्माण के शुरुआती दिनों में रेसिंग कारों के लिए मैग्नीशियम को सबसे बेहतर धातु के तौर माना जाता था. आजकल एंट्री लेवल और सस्ती कारों में स्टील व्हील्स (Steel Wheels) का चलन है, हालांकि इसके अपने फायदे भी हैं.

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Alloy Wheels vs Steel Wheels
Alloy Wheels vs Steel Wheels

Alloy Wheels Vs Steel Wheels: आमतौर पर कारों के लिए दो तरह के व्हील आते हैं, एक है स्टील-व्हील और दूसरा है अलॉय-व्हील. एंट्री लेवल और सस्ती कारों में ज्यादातर स्टील व्हील ही देखने को मिलते हैं, वहीं मिड-रेंज और टॉप वेरिएंट्स में स्टील-व्हील्स देखे जाते हैं. आज-कल कारों में अलॉय व्हील का क्रेज ज्यादा देखने को मिलता है. अलॉय व्हील आपकी कार के साइड प्रोफाइल और लुक को ज्यादा आकर्षक बनाते हैं. हालांकि इन दोनों तरह के व्हील्स के निर्माण में यूनिक फीचर्स और तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है और इन दोनों व्हील्स के अपने अलग-अलग फायदे और नुकसान भी होते हैं. आज हम आपको अपने इस लेख में इन दोनों तरह के व्हील्स के बारे में विस्तार से बताएंगे. 

सबसे पहले बात करते हैं अलॉय व्हील्स की, Alloy Wheel न केवल कार को खूबसूरती प्रदान करते हैं बल्कि इसकी हैंडलिंग को भी बेहतर बनाते हैं. दरअसल, अलॉय व्हील्स को कई अलग-अलग धातुओं के मिश्रण से तैयार किया जाता है, जिसमें एल्यूमीनियम और मैग्नीशियम प्रमुख हैं. ये इसे हल्का बनाते हुए मजबूती प्रदान करते हैं. सबसे अच्छी बात ये होती है कि, इसे कास्टिंग या फोर्जिंग प्रक्रिया के माध्यम से निर्मित किया जाता है, और अधिकांश मॉर्डन कारों में इसे विकल्प (Optional) के तौर पर भी पेश किया जाता है. 

अलॉय व्हील्स (Alloy Wheels) को "मैग व्हील्स" के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि 1960 के दशक तक व्हील्स निर्माण के शुरुआती दिनों में  रेसिंग कारों के लिए मैग्नीशियम को सबसे बेहतर धातु के तौर माना जाता था. मैग्नीशियम वजन में हल्की होता है और इसे रेसिंग व्हीकल्स के लिए उपयुक्त माना जाता है. हालांकि, मैग्नीशियम में क्रैकिंग (Cracking) की भी समस्या देखने को मिलती है. 1960 -1970 के दशक के अंत में मैग्नीशियम व्हील्स का इस्तेमाल कम हो गया, क्योंकि उस दौर में एल्यूमीनियम से बने अलॉय व्हील्स को पेश किया गया, इन्हें अलॉय रिम्स भी कहा जाता है. मोटरस्पोर्ट्स में इस मेटल का व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है क्योंकि यह मैग्नीशियम से अधिक टिकाऊ है.

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Alloy Wheels
Alloy Wheels

Alloy Wheels के फायदे: 

वजन में हल्का होना: 

अलॉय व्हील्स का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि ये वजन में स्टील व्हील्स के तुलना में हल्का होता है. कम वजन के चलते शुरुआती एक्जेलरेशन, हैंडलिंग तो बेहतर होती है बल्कि इससे कार के माइलेज पर भी सकारात्मक असर देखने को मिलता है. इसके अलावा हीट कम होने के कारण टायर लाइफ भी बढ़ता है. 

स्टायलिश लुक: 
 
कार का साइड प्रोफाइल आकर्षक होना लोगों की नज़र में सबसे पहले चढ़ता है. ऐसे में अलॉय व्हील्स सबसे कारगर साबित होते हैं. यदि सेडान कार है तो उसका एयरोडायनमिक डिज़ाइन और कूपे स्टाइल लुक और साथ में अलॉय व्हील्स उसके साइड प्रोफाइल में चार चांद लगा देते हैं. वहीं छोटी कारों या एसयूवी के लिए आप स्पोर्टी डिजाइन वाले अलॉय व्हील्स का भी चुनाव कर सकते हैं. इस समय बाजार में कई अलग-अलग डिज़ाइन के व्हील्स मौजूद हैं, जिसमें डायमंड कट, लेज़र कट और क्रोम प्लेटेड इत्यादि शामिल हैं. 

परफॉर्मेंस:  

अलॉय व्हील्स का सीधा असर वाहन के परफॉर्मेंस पर भी देखने को मिलता है. कई रिपोर्ट्स में दावा किया जाता है कि ये कार के राइड क्वालिटी को बेहतर बनाते हैं. क्योंकि स्टील के व्हील पूरी तरह से सस्पेंशन पर निर्भर होत हैं वहीं अलॉय व्हील्स का हल्का होना इन्हें इस मामले में काफी मदद करते हैं. अलॉय व्हील्स कोल स्प्रिंग को कम डेंसनेस प्रसारित करते हैं. इसके अलावा हैंडलिंग और स्टैबिलिटी को बनाए रखते हुए स्टीयरिंग और कॉर्नरिंग को भी बेहतर बनाते हैं. 

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जंग से छुटकारा: 

अलॉय व्हील्स में एक और बड़ा फायदा यह भी देखने को मिलता है कि ये रस्ट-रेजिस्टेंट गुणवत्ता वाले होते हैं. यानी कि आपको इस बात की चिंता नहीं रहती है कि व्हील्स में जंग लग जाएगी. हालांकि ये बेनिफिट आपको बेहतर क्वॉलिटी वाले अलॉय में ही मिलेगी, और इनकी चमक लंबे समय तक बरकरार रहती है. 

Alloy Wheels के कुछ नुकसान: 

जाहिर है कि, हर तकनीक जहां कुछ फायदे देती है वहीं अपने साथ कुछ नुकसान भी लाती है. आमतौर पर अलॉय व्हील्स किसी भी स्टील व्हील के मुकाबले ज्यादा महंगे होते हैं और इसका सीधा असर आपके जेब पर पड़ता है. कई बार दोनों के बीच (अलॉय और स्टील) कीमतों में तकरीबन 50% का अंतर देखने को मिल जाता है. इसके अलावा अलॉय व्हील्स भले ही देखने में खूबसूरत लगें लेकिन स्टील व्हील्स के मुकाबले ये उतने मजबूत नहीं होते हैं. कई बार इनके क्रैक होने का डर बना रहता है. अलॉय व्हील्स की मरम्मत भी महंगी होती है, एक बार शेप बिगड़ने के बाद इन्हें दुबारा ओरिजन शेप में लाना मुश्किल होता है. 

Steel Wheel
Steel Wheels

क्या होता है स्टील व्हील:

स्टील लोहे के अन्य रूपों की तुलना में मजबूत और फ्रैक्चर प्रतिरोधी माना जाता है. यानी कि ये आसानी से टूटता नहीं है और यही गुणवत्ता स्टील व्हील्स मे भी देखने को मिलता है. लोहे और कार्बन के मिश्रण से तैयार इस धातु में कई अन्य तत्व मौजूद या जोड़े जा सकते हैं. स्टेनलेस स्टील्स में आमतौर पर अतिरिक्त 11% क्रोमियम की मात्रा होती है. इसकी जबरदस्त मजबूती और कम लागत के कारण, इसका उपयोग इमारतों, बुनियादी ढांचे, औजारों, जहाजों, ट्रेनों, कारों, मशीनों, बिजली के उपकरणों और हथियारों में किया जाता है. 

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स्टील व्हील के फायदे: स्टील व्हील के अपने कुछ फायदे हैं- 

किफायती: 

स्टील व्हील्स का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि, ये किफायती होते हैं. जैसा कि हमने आपको पूर्व में बताया कि आमतौर पर इनका इस्तेमाल एंट्री लेवल और किफायती कारों में देखने को मिलता है. साधारण मैन्युफैक्चरिंग प्रोसेस और सस्ते मेटल के नाते इनकी कीमत कम होती है. अलॉय व्हील की तुलना में आप आधी कीमत में एक स्टील व्हील खरीद सकते हैं. 

लांग लाइफ: 

लोहे और कार्बन के मिश्रण से तैयार इस धातु में कई अन्य तत्व भी मौजूद होते हैं जो इसे मजबूती प्रदान करते हैं. ये धातु अपने नाम से ही खुद को परिभाषित करता है 'Steel', इसके टूटने या क्रैक होने की संभावना काफी कम होती है. इसके अलावा किसी आपात स्थित या दुर्घटना में यदि स्टील व्हील्स मुड़ जाते हैं तो इन्हें आसानी से और कम लागत में रिपेयर भी कराया जा सकता है. अपने ट्फ क्वॉलिटी और हर तरह के रोड कंडिशन में दौड़ने की गुणवत्ता के चलते स्टील व्हील्स की लाइफ ज्यादा होती है. 

किफायती रिपेयरिंग:

जैसा कि हमने बताया कि, इसकी रिपेयरिंग काफी आसान और किफायती होती है, आपको इसके लिए ज्यादा पैसे खर्च करने की जरूरत नहीं होती है. अलॉय व्हील्स की तुलना में बिना शेप को डैमेज किए या व्हील्स को तोड़े इन्हें दुबारा ओरिजनल शेप में लाया जा सकता है.  

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स्टील व्हील के नुकसान: 

भारी वजन: 

स्टील व्हील्स वजन में हैवी होते हैं, जिसका असर कार के परफॉर्मेंस और माइलेज दोनों पर देखने को मिलता है. हैवी होने के कारण स्टील व्हील्स वाली कारों की राइडिंग आसान नहीं होती है, इसके अलावा शुरुआती एक्जेलरेशन और स्टीयरिंग पर भी इनका असर महसूस किया जा सकता है. 

जंग लगने का डर: 

स्टील व्हील्स ऐसे धातु से बने होते हैं कि, इनमें जंग (Rust) लगने का डर ज्यादा होता है, खासकर नमी वाले इलाके में कार को ड्राइव करने या पार्क करने पर. हालांकि, पाउडर-कोटिंग से, स्टील के पहियों में जंग को काफी हद तक समाप्त किया जा सकता है, जिससे उनकी चमक और चमक लंबे समय तक बनी रह सकती है. लेकिन पुराने वाहनों में ये समस्या आमतौर पर देखी जाती है. 

लुक से समझौता: 

स्टील व्हील्स पारंपरिक डिज़ाइन के साथ ही आते हैं, जो कि कार को सिंपल लुक देते हैं. इसलिए आपको अपनी कार के साइड प्रोफाइल के लुक से समझौता करना पड़ता है. हालांकि आप व्हील-कैप इत्यादि का इस्तेमाल कर अपनी कार को एक बेहतर लुक जरूर दे सकते हैं. लेकिन अलॉय व्हील्स इस समय ज्यादा ट्रेंड में है तो इस मामले में आपको अपनी जेब और शौक दोनों में से किसी एक चुनना होगा. 

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