असम की घटना पर मुस्लिम देशों के संगठन OIC ने की भारत की आलोचना

असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी क्षेत्र के एक फोटोग्राफर का शव के साथ बर्बरता का वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद विपक्ष, मानवाधिकार संगठनों और पाकिस्तान के मंत्रियों तक ने इस पूरे मामले की तीखी आलोचना करते हुए केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की थी. अब इस्लामिक सहयोग संगठन ने भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्य असम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ 'व्यवस्थित तरीके से चल रहे उत्पीड़न और हिंसा' की आलोचना की है.

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असम हिंसा पर बोला ओआईसी असम हिंसा पर बोला ओआईसी

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 08 अक्टूबर 2021,
  • अपडेटेड 11:16 AM IST
  • असम मुद्दे पर आईओसी ने भारत सरकार को घेरा
  • पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर आईओसी से लगा चुका है गुहार

असम के दरांग जिले में पिछले महीने पुलिस और स्थानीय लोगों के बीच हिंसक झड़प हुई थी. इस अतिक्रमण हटाओ अभियान के दौरान दो लोगों की जान चली गई थी. हालांकि इसी हिंसा के दौरान असम के दरांग जिले के ढोलपुर गोरुखुटी क्षेत्र के एक फोटोग्राफर का शव के साथ बर्बरता का वीडियो वायरल हो गया था जिसके बाद विपक्ष, मानवाधिकार संगठनों और पाकिस्तान के मंत्रियों तक ने इस पूरे मामले की तीखी आलोचना करते हुए केंद्र सरकार को घेरने की कोशिश की थी. अब इसी घटना का उल्लेख करते हुए इस्लामिक सहयोग संगठन(आईओसी) ने मुस्लिम समुदाय के खिलाफ उत्पीड़न और हिंसा की निंदा की है. 

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इस्लामिक सहयोग संगठन ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर लिखा, "ओआईसी के जनरल सेक्रेटरी ने भारत के नॉर्थ-ईस्ट राज्य असम में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ 'व्यवस्थित तरीके से चल रहे उत्पीड़न और हिंसा' की आलोचना की है. राज्य के सैकड़ों मुस्लिम परिवारों से घर खाली कराए जाने के दौरान हुए प्रदर्शन में कई मुस्लिमों की जानें चली गईं."

ओआईसी के एक और ट्वीट में लिखा, इस मामले में मीडिया रिपोर्ट्स शर्मनाक हैं. भारत सरकार और भारतीय अधिकारियों को इस मामले में एक जिम्मेदारी भरा रवैया अपनाना चाहिए. इसके अलावा, एक और ट्वीट में ये भी कहा गया कि भारत सरकार को मुस्लिम अल्पसंख्यकों की रक्षा करनी चाहिए और उनकी धार्मिक और सामाजिक मौलिक स्वतंत्रता का सम्मान करना चाहिए. इस ट्वीट में ये भी लिखा था कि किसी भी राष्ट्रीय संप्रभुता वाले देश में बातचीत के जरिए मुद्दों को सुलझाने का तरीका सबसे बेहतर होता है. हालांकि, अभी तक भारत के विदेश मंत्रालय की तरफ से इस टिप्पणी पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. 

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कश्मीर मुद्दे को लेकर पाकिस्तान ने ओआईसी से किया था आग्रह

गौरतलब है कि सितंबर महीने में पाकिस्तान ने इस्लामिक सहयोग संगठन (OIC) से आग्रह किया था कि उन्हें कश्मीर विवाद के स्थायी समाधान के लिए प्रयासों में तेजी लानी चाहिए. पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने न्यूयॉर्क में ओआईसी कॉन्टैक्ट ग्रुप की मीटिंग को संबोधित करते हुए कहा था कि कश्मीरियों की उम्मीदें अब ओआईसी और मुस्लिम एकता पर ही टिकी हुई हैं. उन्होंने सभी से आग्रह किया था कि संयुक्त राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण मंचों मसलन यूएन महासभा और ह्यूमन राइट्स काउंसिल पर इस मुद्दे को उठाया जाना चाहिए.

इससे पहले सऊदी अरब में भारतीय राजदूत की इस्लामिक देशों के संगठन (ओआईसी) के महासचिव से मुलाकात हुई थी. इस दौरान कश्मीर के मुद्दे पर चर्चा की रिपोर्ट के बीच भारत ने कहा था कि इस्लामिक देशों को 'निहित स्वार्थों' से सतर्क रहने की जरूरत है. इस मुद्दे पर अरिंदम बागची ने कहा था, 'हमारे राजदूत ने भारत के बारे में कुछ गलतफहमियों को दूर करने की आवश्यकता से उन्हें अवगत कराया, जो कि ओआईसी में कुछ देशों के निहित स्वार्थों के कारण फैली हैं. आईओसी को भी ऐसे स्वार्थी तत्वों से सतर्क रहना चाहिए कि उनके मंच का इस्तेमाल भारत के आतंरिक मामलों में टिप्पणी करने और भारत विरोध प्रचार के लिए न किया जाए. एकतरफा प्रस्तावों और पूर्वाग्रहों से भरी धारणा को लेकर इस्लामिक देशों को सतर्क रहना चाहिए.'

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