मार्शल द्वीप ने भारत पर परमाणु हथियारों की दौड़ रोकने में विफल रहने का आरोप लगाते हुए सोमवार को उसके खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की अंतरराष्ट्रीय न्याय अदालत (आईसीजे) का दरवाजा खटखटाया है. इस पर भारत ने कड़ी प्रतिक्रिया जताई और आईसीजे को पत्र लिखकर कहा है कि एनपीटी प्रावधान कानूनी बाध्यता के तौर पर उस पर लागू नहीं किए जा सकते.
कानूनी बाध्यता के उल्लंघन का हवाला
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने नई दिल्ली में कहा, 'मार्शल द्वीप गणतंत्र ने भारत समेत सभी परमाणु संपन्न देशों के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय अदालत में कार्यवाही शुरू की है और परमाणु अप्रसार संधि के अनुच्छेद छह के तहत परमाणु निरस्त्रीकरण पर पारंपरिक कानूनी बाध्यता के उल्लंघन का हवाला दिया है.'
स्वरूप ने कहा, 'सरकार मानती है कि एनपीटी, जिसमें भारत पक्षकार नहीं है, के प्रति हमारे संगत और सैद्धांतिक रुख को देखते हुए एनपीटी प्रावधान कानूनी बाध्यता के रूप में भारत पर नहीं लगाए जा सकते.' उन्होंने कहा कि इस मामले में आईसीजे में सुनवाई शीघ्र शुरू होगी.
ब्रजेश मिश्र