अफगानिस्तान सरकार के मीडिया प्रमुख दावा खान की तालिबानियों ने की हत्या

अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान मिनापाल की शुक्रवार को हत्या कर दी गई. तालिबानियों ने उनकी हत्या की थी. दावा खान, राष्ट्रपति के भी प्रवक्ता रह चुके हैं.

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अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान. (फाइल फोटो) अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान. (फाइल फोटो)

गीता मोहन

  • नई दिल्ली,
  • 06 अगस्त 2021,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST
  • तालिबान का अफगानिस्तान में बढ़ रहा आतंक
  • सरकारी अधिकारियों को आतंकी बना रहे निशाना
  • सूचना अधिकारी थे दावा खान, तालिबानियों ने मारा

अफगानिस्तान में तालिबान का आतंक पांव पसारता जा रहा है. तालिबान आतंकियों ने शुक्रवार को अफगानिस्तान सरकार के शीर्ष मीडिया और सूचना अधिकारी दावा खान मीनापाल की हत्या कर दी. दावा खान मिनापाल सरकारी मीडिया और सूचना केंद्र (जीएमआईसी) के प्रमुख थे.

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक दावा खान अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की आउटरीच टीम में प्रवक्ता के रूप में भी काम किया था. मंगलवार को मैदान वरदाक प्रांत के सैयद अबाद जिले के जिला गवर्नर की भी तालिबान लड़ाकों ने काबुल में हत्या कर दी थी.

अफगानिस्तान में तालिबान का कहर बढ़ता जा रहा है. तालिबानी आतंकी लगातार सरकार, सरकारी अधिकारियों और सरकार समर्थकों को निशाना बना रहा हैं, उनकी हत्याएं कर रहे हैं. अमेरिका के अफगानिस्तान से पांव खींचने के बाद एक बार फिर, यह देश तालिबान के कब्जे में आता दिख रहा है.

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दरअसल अफगानिस्तान में 20 साल बाद अमेरिका ने अपने पांव वापस खींच लिए थे. अफगानिस्तान में तालिबानी अब लगातार सरकार के लिए खतरा बनते जा रहे हैं. तालिबान का कब्जा अफगानिस्तान के कई शहरों पर है. 

वहीं पाकिस्तान, ईरान, ताजिकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान को जोड़ने वाले हेरात, फरहा, कंधार, कुंदुज, तखकर और बदख्शां जैसे प्रातों में कई हाईवे और बॉर्डर पोस्ट पर तालिबानियों का कब्जा है. तालिबानी अफगानिस्तान में समानांतर सरकार भी चला रहे हैं.

रूस की अफगानिस्तान पर है नजर

भारत अफगानिस्तान में शांति चाहता है. अफगानिस्तान के विदेश मंत्री मोहम्मद हनीफ ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से आपातकालीन मदद मांगी थी. भारत की नजर अफगानिस्तान पर बनी हुई है. वहीं रूस द्वारा बुलाई गई अफगानिस्तान पर एक महत्वपूर्ण बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया गया है. 11 अगस्त को कतर में होने वाली इस बैठक में अमेरिका, चीन और पाकिस्तान के शामिल होने की उम्मीद है.

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