₹88 लाख फीस वाला H-1B वीजा नियम सिर्फ नए आवेदनों पर लागू, US बोला- भारत से जल्दबाजी में लौटने की जरूरत नहीं

यह नियम 21 सितंबर 2025 को अमेरिकी समयानुसार रात 12:01 बजे से लागू हो रहा है. इसकी घोषणा के बाद से ही इमिग्रेशन वकील और कंपनियां मौजूदा H-1B वीजा धारकों या उनके परिवारों को तुरंत अमेरिका लौटने की सलाह दे रहे थे ताकि वे अतिरिक्त बोझ से बच सकें. हालांकि, अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा धारकों को इस नई फीस का भुगतान नहीं करना होगा.

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अभी तक H-1B वीज़ा के लिए फीस 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच थी. (Photo- ITG) अभी तक H-1B वीज़ा के लिए फीस 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच थी. (Photo- ITG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 11:29 PM IST

राष्ट्रपति ट्रंप के आदेश के बाद H-1B वीजा पर लगाए गए सालाना 100,000 डॉलर की भारी-भरकम फीस को लेकर मचे हड़कंप के बीच अब अमेरिकी प्रशासन ने बड़ी स्पष्टता दी है. शनिवार को एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह नई फीस केवल नए वीजा आवेदकों पर लागू होगी. पहले से वीजा धारक भारतीय या अन्य प्रोफेशनल्स को फिलहाल इसकी चिंता करने की जरूरत नहीं है.

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अमेरिका द्वारा घोषित नई H-1B वीज़ा फीस केवल नए आवेदकों पर लागू होगी, मौजूदा वीज़ा धारकों पर नहीं. एक वरिष्ठ अमेरिकी प्रशासनिक अधिकारी ने एएनआई को बताया, “जो लोग पहले से अमेरिका में हैं, बाहर जा रहे हैं या भारत आने-जाने वाले हैं, उन्हें रविवार से पहले वापस लौटने की कोई जरूरत नहीं है. 100,000 डॉलर की नई फीस केवल नए आवेदनकर्ताओं के लिए है, मौजूदा धारकों के लिए नहीं.”

बता दें कि यह स्पष्टीकरण ऐसे समय आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को (अमेरिकी समयानुसार) एक नया राष्ट्रपति उद्घोषणा पत्र जारी किया. इसका शीर्षक है “Restriction on Entry of Certain Nonimmigrant Workers” है, जिसके तहत H-1B वीजा कार्यक्रम में बड़े बदलाव किए गए हैं. नए नियम के तहत H-1B वीज़ा आवेदन पर सालाना 100,000 डॉलर यानी करीब 88 लाख रुपये की भारी फीस लगाई जाएगी. इस कदम से अमेरिका में काम करने वाले बाहरी प्रोफेशनल्स की टेंशन बढ़ गई है.

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कंपनियां मौजूदा वीजा धारकों को तुरंत बुला रही थी वापस

यह नियम 21 सितंबर 2025 को अमेरिकी समयानुसार रात 12:01 बजे से लागू हो रहा है. इसकी घोषणा के बाद से ही इमिग्रेशन वकील और कंपनियां मौजूदा H-1B वीजा धारकों या उनके परिवारों को तुरंत अमेरिका लौटने की सलाह दे रहे थे ताकि वे अतिरिक्त बोझ से बच सकें. इससे लोगों में टेशन का माहौल था. कंपनियों ने यह भी कहा था कि H-4 वीज़धारक (परिवार) को भी अमेरिका में ही रहना चाहिए. माइक्रोसॉफ्ट जैसी बड़ी टेक कंपनियों ने अपने कर्मचारियों को 'foreseeable future' तक अमेरिका में बने रहने की सलाह दी है, ताकि प्रवेश से वंचित होने का खतरा न रहे.

हालांकि, अब प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि मौजूदा धारकों को इस नई फीस का भुगतान नहीं करना होगा.

अभी तक सिर्फ इतनी थी वीजा की फीस

गौरतलब है कि अभी तक H-1B वीजा के लिए फीस 2,000 से 5,000 डॉलर के बीच थी. ऐसे में यह बढ़ोतरी ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी मानी जा रही है, जिससे खासतौर पर स्टार्टअप, छोटे कारोबार और भारतीय आईटी पेशेवरों पर गहरा असर पड़ने की आशंका है. अमेरिकी नागरिकता और एमिग्रेशन सर्विस (यूएससीआईएस) के ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2022 और सितंबर 2023 के बीच जारी किए गए लगभग 4 लाख H-1B वीजा में से 72 प्रतिशत भारतीयों के हैं.

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भारत सरकार ने भी जारी किया बयान

भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने इस मामले पर बयान जारी किया है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार ने इन रिपोर्टों को देखा है और इसके पूरी तरह प्रभावों का अध्ययन किया जा रहा है. भारतीय उद्योग ने भी प्रारंभिक विश्लेषण जारी कर H-1B कार्यक्रम से जुड़ी कुछ भ्रांतियों को स्पष्ट किया है.

MEA ने कहा कि भारत और अमेरिका की दोनों इंडस्ट्रीज इनोवेशन और रचनात्मकता में निवेश रखती हैं और भविष्य के लिए सर्वश्रेष्ठ रास्ते पर परामर्श कर सकती हैं. कुशल कर्मचारियों की आवाजाही और अनुभव साझा करना दोनों देशों की तकनीकी प्रगति, नवाचार, आर्थिक विकास, प्रतिस्पर्धा और संपत्ति निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है. इस कारण नीति निर्माता हालिया कदमों का मूल्यांकन करते समय दोनों देशों के आपसी लाभ और मजबूत लोगों-के-लोग संबंधों को ध्यान में रखेंगे.

MEA ने चिंता जताते हुए कहा कि नए नियमों से मुश्किलें आएंगी और इसका परिवारों पर मानवीय असर पड़ सकता है. प्रवक्ता ने कहा कि H-1B वीज़ा पर काम कर रहे पेशेवरों और उनके परिवारों के जीवन में उत्पन्न अस्थिरता को कम करना आवश्यक है. भारत सरकार आशा करती है कि ट्रंप प्रशासन और अमेरिकी अधिकारियों इस व्यवधान का उचित समाधान निकालेंगे, ताकि पेशेवर और उनके परिवार अनावश्यक परेशानी का सामना न करें.

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