अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में कई विस्फोटों और गोलीबारी की आवाज सुनी गई. स्थानीय और विदेशी मीडिया के मुताबिक, शनिवार और शुक्रवार की दरमियानी रात धमाकों की आवाज सुनाई दी. हालांकि हताहतों की संख्या अभी स्पष्ट नहीं है.
सोशल मीडिया पोस्ट्स में अज्ञात विमानों द्वारा संभावित हवाई हमलों का दावा किया गया है. कुछ हैंडल्स इन हमलों के पीछे पाकिस्तान का हाथ होने का दावा कर रहे हैं. स्थानीय मीडिया के मुताबिक, अंतरिम तालिबान प्रशासन के मुख्य प्रवक्ता ज़बीहुल्लाह मुजाहिद ने कहा है कि धमाकों की जांच शुरू कर दी गई है.
भारत की यात्रा पर अफगान विदेश मंत्री
काबुल में ये धमाके उस वक्त हुए जब अफगानिस्तान के विदेश मंत्री नई दिल्ली के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वार्ता के लिए भारत पहुंचे हैं. 2021 में सत्ता पर कब्जा करने के बाद से यह तालिबान के किसी नेता की पहली भारत यात्रा है.
आमिर खान मुत्ताकी की छह दिवसीय यात्रा, अंतरिम तालिबान प्रशासन की ओर से अंततः राजनयिक मान्यता प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय शक्तियों के साथ जुड़ाव बढ़ाने के प्रयासों को उजागर करती है.
पाकिस्तान-अफगानिस्तान में तनाव
इन धमाकों के पीछे पाकिस्तान की भूमिका का दावा इसलिए किया जा रहा है क्योंकि सीमा विवाद के चलते तालिबान और पाक सरकार के रिश्ते तनावपूर्ण हो गए हैं. हाल ही में बॉर्डर पर तालिबान और पाक सेना के बीच झड़प भी देखने को मिली थी.
पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने गुरुवार को दावा किया कि अफगानिस्तान के अंतरिम प्रशासन ने कई आतंकवादी समूहों के समूह, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (टीटीपी) के आतंकवादियों को अपनी सीमा से दूर रखने के लिए इस्लामाबाद से फंड की मांग की थी.
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नेशनल असेंबली में बोलते हुए आसिफ ने अफगानिस्तान के अंतरिम प्रशासन पर पाकिस्तान के खिलाफ टीटीपी आतंकवादी समूह का समर्थन करने और अपने देश के अंदर उन्हें सुरक्षित पनाहगाह मुहैया कराने का आरोप लगाया.
पाक रक्षा मंत्री के मुताबिक, 'मैं आईएसआई के महानिदेशक के साथ काबुल गया था और मैंने उनसे कहा कि वे टीटीपी आतंकवादियों को प्रायोजित और समर्थन देना बंद करें. उन्हें अपने क्षेत्र से हटाएं और उनके पनाहगाहों को खत्म करें.'
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