'अमेरिका को माकूल जवाब देंगे...' परमाणु ठिकानों पर हमले के बाद ईरानी सेना प्रमुख ने US को दी खुली चेतावनी

ईरानी सशस्त्र बलों के नए चीफ ऑफ स्टाफ अब्द अल-रहीम मौसवी ने सोमवार सुबह एक बयान में कहा कि अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर हमला करके ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और स्पष्ट रूप से इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ा है.

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ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ अब्द अल-रहीम मौसवी. (AP Photo) ईरानी सशस्त्र बलों के चीफ ऑफ स्टाफ अब्द अल-रहीम मौसवी. (AP Photo)

aajtak.in

  • तेहरान,
  • 23 जून 2025,
  • अपडेटेड 9:12 PM IST

ईरान ने एक बार फिर दोहराया है कि वह अपने परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिकी हमलों का जवाब जरूर देगा, साथ ही उसने इजरायल के खिलाफ मिसाइल और ड्रोन हमलों की एक नई श्रृंखला शुरू कर दी है. ईरानी सशस्त्र बलों के नए चीफ ऑफ स्टाफ अब्द अल-रहीम मौसवी ने सोमवार सुबह एक बयान में कहा कि अमेरिका ने फोर्डो, नतांज और इस्फहान परमाणु स्थलों पर हमला करके ईरान की संप्रभुता का उल्लंघन किया है और स्पष्ट रूप से इस्लामिक गणराज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ा है.

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उन्होंने इजरायल का संदर्भ देते हुए कहा, 'अपराधी अमेरिका को यह पता होना चाहिए कि उसने ईरान पर हमला करके अपने नाजायज और आक्रामक संतानों को दंडित करने के अलावा, ईरानी सशस्त्र बलों को अपने देश की संप्रभुता की रक्षा के लिए कोई भी कार्रवाई करने के लिए स्वतंत्र कर दिया है, और हम इससे कभी पीछे नहीं हटेंगे. नेतन्याहू की सजा जारी रहेगी. हम अमेरिकी आक्रामकता का उचित जवाब देंगे. तीनों परमाणु प्रतिष्ठानों को हुए नुकसान की परवाह किए बिना, हम अमेरिका के खिलाफ जवाबी कार्रवाई करेंगे, क्योंकि उसने हमारे देश पर हमला किया है.' 

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अमेरिकी हमलों का उद्देश्य मरते जायोनी शासन को पुनर्जीवित करना

इब्राहीम जोल्फागरी, जो इजरायल के खिलाफ ईरान के जवाबी हमलों के प्रवक्ता के रूप में काम कर रहे हैं, उन्होंने सोमवार को अपने टेलीविजन पर दिए गए एक बयान में कहा कि अमेरिका के हमलों का उद्देश्य 'मरते हुए जायोनी शासन को पुनर्जीवित करना' था, लेकिन वास्तव में ये ईरानी सशस्त्र बलों के वैध और विभिन्न लक्ष्यों के दायरे का विस्तार करेंगे, और क्षेत्र में युद्ध के विस्तार के लिए आधार तैयार करेंगे.'अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प का जिक्र करते हुए जोल्फागरी ने कहा, 'गैम्बलर ट्रंप, आपने यह युद्ध शुरू किया है, हम इसे खत्म करेंगे.'

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इस बीच संयुक्त राज्य अमेरिका का मानना ​​है कि ईरान जल्द ही मध्य पूर्व में उसके सैन्य ठिकानों को निशाना बनाकर जवाबी हमले कर सकता है. एक अमेरिकी अधिकारी ने रायटर्स से नाम न बताने की शर्त पर बातचीत करते हुए कहा कि ईरान का जवाबी हमला अगले एक या दो दिन में हो सकता है. उन्होंने कहा कि अमेरिका अब भी एक कूटनीतिक समाधान की तलाश में है, जिसके तहत तेहरान किसी भी हमले से बच सकेगा. अमेरिकी अधिकारियों ने ईरान को अमेरिका पर जवाबी हमला करने के खिलाफ चेतावनी दी है. उन्होंने कहा कि ईरान द्वारा किसी भी जवाबी कार्रवाई का जवाब अमेरिका पहले किए गए हवाई हमलों से कहीं अधिक ताकत से देगा.

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अमेरिका ने मध्य पूर्व में अपने सैन्य ठिकानों-सैनिकों की सुरक्षा बढ़ाई 

जॉइंट चीफ ऑफ स्टाफ के चेयरमैन जनरल डैन केन ने रविवार को कहा कि अमेरिकी सेना ने इराक और सीरिया सहित क्षेत्र में सैनिकों की सुरक्षा बढ़ा दी है. मध्य पूर्व में अमेरिका की एक बड़ी सेना तैनात है, इस क्षेत्र में उसके करीब 40,000 सैनिक हैं. उनमें से कुछ एयर डिफेंस सिस्टम, फाइटर जेट्स और वॉरशिप को हैंडल करते हैं जो दुश्मन की मिसाइलों का पता लगा सकते हैं और उन्हें मार गिरा सकते हैं. हालांकि, उनकी ओर से किया गया हमला, दुश्मन को उनकी लोकेशन जानने और जवाबी कार्रवाई करने में मदद करेगा.

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रॉयटर्स ने पिछले हफ्ते बताया था कि पेंटागन ने मध्य पूर्व के उन ठिकानों से कुछ विमान और जहाजों को हटा दिया है जो किसी भी संभावित ईरानी हमले के दायरे में आ सकते हैं. अमेरिका ने कतर की राजधानी दोहा के बाहर रेगिस्तान में 24 हेक्टेयर के अल उदीद एयर बेस से भी अपने विमान हटा लिए हैं. यह मध्य पूर्व का सबसे बड़ा अमेरिकी बेस है और इसमें करीब 10,000 सैनिक रहते हैं. तेहरान ने अपनी रक्षा करने और जवाबी कार्रवाई करने की कसम खाई है. लेकिन, संभवतः संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ पूर्ण युद्ध को टालने के प्रयास में, उसने अभी तक अमेरिकी ठिकानों को निशाना नहीं बनाया है, या होर्मुज स्ट्रेट को बंद करके अपने जलमार्ग से गुजरने वाले विश्व के एक-चौथाई ऑयल शिपमेंट को नहीं रोका है.

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