मुलायम सिंह को मिली कोठी अब नहीं रहेगी सपा के पास, सबसे पॉश इलाके में 250 रुपए प्रति माह था किराया

मुलायम सिंह यादव के नाम पर यह कोठी मुरादाबाद के पॉश इलाके सिविल लाइंस क्षेत्र में ग्राम छावनी के पास स्थित है, जिसका किराया प्रति माह 250 रुपए हैं. लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली इस कोठी में वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी का जिला कार्यालय संचालित हो रहा है. इस कोठी का स्वामित्व राज्य सरकार के पास है, और यह राजस्व अभिलेखों में सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज है.

Advertisement
मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (File Photo: Maneesh Agnihotri) मुलायम सिंह यादव और अखिलेश यादव (File Photo: Maneesh Agnihotri)

आशीष श्रीवास्तव

  • मुरादाबाद ,
  • 01 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 10:58 AM IST

मुरादाबाद में जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी को दी गई सरकारी कोठी का आवंटन रद्द कर दिया है.यह कोठी वर्ष 1994 में तत्कालीन मुख्यमंत्री और सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नाम पर केवल 250 रुपये प्रति माह किराए पर आवंटित की गई थी.अब जिला प्रशासन ने समाजवादी पार्टी की स्थानीय इकाई को 30 दिनों के भीतर यह कोठी खाली करने का आदेश जारी कर दिया है.

Advertisement

सिविल लाइंस में बनी है यह कोठी

यह कोठी मुरादाबाद के पॉश इलाके सिविल लाइंस क्षेत्र में ग्राम छावनी के पास स्थित है, जहां पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज समेत कई सरकारी संस्थान मौजूद हैं.लगभग 1000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में फैली इस कोठी में वर्तमान समय में समाजवादी पार्टी का जिला कार्यालय संचालित हो रहा है.इस कोठी का स्वामित्व राज्य सरकार के पास है, और यह राजस्व अभिलेखों में सरकारी संपत्ति के रूप में दर्ज है.

नामांतरण न होने से निरस्त हुआ आवंटन

प्रशासन की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद कोठी का नामांतरण नहीं कराया गया.नियमानुसार, किसी सरकारी आवंटन के मूल लाभार्थी की मृत्यु होने पर संपत्ति का नामांतरण आवश्यक होता है.चूंकि ऐसा नहीं किया गया, इसलिए प्रशासन ने आवंटन को समाप्त कर दिया.

Advertisement

सरकारी जरूरतों को ध्यान में रखकर लिया गया निर्णय

बताया जा रहा है कि जिलाधिकारी अनुज सिंह की ओर से यह निर्णय राज्य सरकार की प्राथमिकताओं के अनुरूप लिया गया है. अधिकारियों का कहना है कि सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन और विभिन्न विभागों की जरूरतों के लिए भूमि और भवन की मांग लगातार बढ़ रही है.विशेषकर अधिकारियों के आवास के विस्तार के लिए भूमि की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए यह कोठी वापस लेने का निर्णय लिया गया.

एडीएम (वित्त) ने जारी किया नोटिस

इस संबंध में एडीएम (वित्त) ने समाजवादी पार्टी के जिलाध्यक्ष को नोटिस भेजते हुए निर्देश दिए हैं कि कोठी को एक माह के भीतर खाली कर दिया जाए. यदि तय समयसीमा में कोठी खाली नहीं की जाती, तो प्रशासन आगे की कानूनी कार्रवाई करेगी.

प्रशासनिक कार्रवाई, राजनीतिक रंग

इस कार्रवाई को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं.कुछ लोगों का मानना है कि यह फैसला नियमों के तहत लिया गया है, जबकि कुछ इसे राजनीतिक निर्णय मानकर देख रहे हैं.हालांकि प्रशासन का कहना है कि यह केवल नियमानुसार की गई एक सामान्य प्रक्रिया है, जिसका उद्देश्य सरकारी संपत्ति का प्रभावी और उचित उपयोग सुनिश्चित करना है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement