Sania Mirza: भारत की स्टार खिलाड़ी सानिया मिर्जा और उनके जोड़ीदार हमवतन रोहन बोपन्ना को ऑस्ट्रेलियाई ओपन टेनिस टूर्नामेंट के मिक्स्ड डबल्स के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा. इस तरह से सानिया का अपने ग्रैंड स्लैम करियर का अंत खिताब के साथ करने का सपना पूरा नहीं हो पाया. उन्होंने अपने करियर में छह ग्रैंड स्लैम खिताब जीते हैं. बोपन्ना ने फ्रेंच ओपन के रूप में मिक्स्ड डबल्स का एक ग्रैंड स्लैम खिताब जीता है.
सानिया और बोपन्ना की जोड़ी मेलबर्न के रॉड लेवर एरेना में खेले गए फाइनल में लुइसा स्टेफनी और राफेल माटोस की ब्राजीलियाई जोड़ी से 6-7 (2) 2-6 से हार गई. फाइनल में हार के बाद 36 साल की सानिया की आंखों से आंसू छलक पड़े. सानिया ने घोषणा की है कि फरवरी में दुबई में होने वाला डब्ल्यूटीए टूर्नामेंट उनके करियर का आखिरी टूर्नामेंट होगा.
भावुक सानिया आंसू नहीं रोक सकीं
हार के बाद 42 साल के रोहन बोपन्ना ने सानिया को उनके शानदार करियर के लिए शुभकामनाएं दीं, लेकिन इसी दौरान सानिया अपने आंसू नहीं रोक सकीं. बोपन्ना ने बताया कि सानिया ने देश के ढेरों युवाओं को खेल के प्रति प्रेरित किया है. जब बोपन्ना तारीफ कर रहे थे, तब सानिया भावुक हो गईं और उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े.
खुद को संभालते हुए सानिया ने माइक थामा और सभी का शुक्रिया किया. साथ ही विजेता जोड़ी को बधाई भी दी. इसके बाद उन्होंने कहा, 'मेरा प्रोफेशनल करियर मेलबर्न से ही 2005 में शुरू हुआ था. ग्रैंड स्लैम करियर को अलविदा कहने के लिए इससे अच्छी जगह हो ही नहीं सकती थी. माफी चाहूंगी (रोते हुए).'
सानिया ने इतने ग्रैंड स्लैम खिताब जीते
यहां से फिर सानिया ने खुद को संभाला. अपने आंसू पोंछते हुए कहा, 'यहां जब सेरेना विलियमस के खिलाफ खेली थी तो 18 साल की थी. 18 साल पहले ही कैरोलिना के खिलाफ खेली. यहां खेलना हमेशा मेरे लिए सम्मान की बात रही. यह मेरे घर जैसा है.'
बता दें कि सानिया ने मिक्स्ड डबल्स में 3 ग्रैंड स्लैम जीते हैं. सानिया के छह ग्रैंड स्लैम खिताब में से तीन मिश्रित युगल हैं, जो उन्होंने महेश भूपति (2009 ऑस्ट्रेलियाई ओपन, 2012 फ्रेंच ओपन) और ब्राजील के ब्रूनो सोरेस (2014 अमेरिकी ओपन) के साथ जीते. सानिया ने अपने तीनों महिला युगल ग्रैंड स्लैम खिताब हिंगिस (विम्बलडन 2015, अमेरिकी ओपन 2015 और ऑस्ट्रेलियाई ओपन 2016) के साथ मिलकर जीते.
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