Chanakya Niti In Hindi: इन 5 जगहों पर एक दिन भी न रुकें, हो सकता है बड़ा नुकसान

चाणक्य कहते हैं कि जीवन की समस्याओं में इन 5 चीजों का अत्यधिक महत्व है. चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से वो बताते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार के स्थान पर बिलकुल भी नहीं ठहरना चाहिए. आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में...

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aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 जनवरी 2021,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST

Chanakya Niti in Hindi: अर्थशास्त्र, राजनीति और कूटनीति समेत कई क्षेत्रों में माहिर रहे आचार्य चाणक्य ने अपने नीतिशास्त्र यानी 'चाणक्य नीति' में मनुष्य के जीवन से जुड़े अनेकों पहलुओं के बारे में लिखा है. वो बताते हैं व्यक्ति को अपने जीवन को किस प्रकार व्यतीत करना चाहिए. चाणक्य नीति में एक श्लोक के माध्यम से वो बताते हैं कि व्यक्ति को किस प्रकार के स्थान पर बिलकुल भी नहीं ठहरना चाहिए. आइए जानते हैं उन जगहों के बारे में...

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धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:। 
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं न वसेत्।।

इस श्लोक में चाणक्य कहते हैं कि जहां कोई सेठ, वेदपाठी विद्वान, राजा और वैद्य (डॉक्टर) न हों, जहां कोई नदी न हो, वहां एक दिन भी नहीं रहना चाहिए. यानी...

  • जिस शहर में कोई भी धनवान व्यक्ति न हो.
  • जिस देश में वेदों को जानने वाले विद्वान न हों.
  • जिस देश में कोई राजा या सरकार न हो.
  • जिस शहर या गांव में कोई डॉक्टर न हो.
  • और जिस स्थान के पास कोई भी नदी न बहती हो, वहां मनुष्य को रहने के बारे में सोचना नहीं चाहिए.

क्योंकि चाणक्य कहते हैं कि जीवन की समस्याओं में इन 5 चीजों का अत्यधिक महत्व है. आपत्ति के समय धन की आवश्यकता होती है जिसकी पूर्ति धनी व्यक्तियों से ही हो पाती है. कर्मकांड के लिए पारंगत पुरोहितों की आवश्यकता होती है. राज्य शासन के लिए राज प्रमुख या राजा की आवश्यकता होती है.

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जल आपूर्ति के लिए नदी और रोग निवारण के लिए अच्छे डॉक्टर की जरूरत होती है. इसलिए चाणक्य इन 5 चीजों को जीवन के लिए अपेक्षित सुविधा के रूप में मानने हुए इनकी आवश्यकता पर बल देते हैं और इन सुविधाओं से सम्पन्न स्थान को ही रहने योग्य मानते हैं.

 

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