'मम्मी ने दो पैग लिए, पापा और अंकल पीते ही गए...',  बेटे ने बयां की नीले ड्रम में मिली लाश की कहानी

हंसराज का आठ साल का बेटा हर्षल उस खौफनाक रात का गवाह बना. उसके बयान ने पुलिस के सामने पूरी कहानी खोल दी. उसने बताया कि उस रात पापा, मम्मी और अंकल जितेंद्र ने शराब पी थी. मम्मी ने दो पैग लिए थे, पापा और अंकल ज्यादा पी गए. फिर पापा ने मम्मी को मारना शुरू किया. अंकल ने मम्मी को बचाया. मम्मी ने हमें तीनों बच्चों को सुला दिया. हर्षल ने बताया कि रात में जब नींद टूटी तो देखा कि पापा बेड पर पड़े थे.

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पुलिस ने कातिल पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है (फोटो-ITG) पुलिस ने कातिल पत्नी और उसके प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है (फोटो-ITG)

हिमांशु शर्मा

  • अलवर ,
  • 19 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 12:59 PM IST

अलवर की सुनीता तो मेरठ की मुस्कान से खतरनाक निकली. वैसे तो सुनीता ने भी मुस्कान की तरह की प्रेमी के साथ मिलकर पति को मारा और फिर नीले ड्रम में लाश को छिपा दिया. सोनम ने जहां नीले ड्रम में सीमेंट का घोल डाला था तो सुनीता ने लाश गलाने के लिए नमक डाल दिया और उसके ऊपर बड़ा सा पत्थर रख दिया. सुनीता की पूरी कहानी उसके आठ साल के बेटे ने खोल डाली. मासूम ने पुलिस को बताया कि उसकी मां और मकान मालिक अंकल ने मिलकर उसके पिता हंसराज को मौत के घाट उतार दिया और फिर शव को उसी नीले ड्रम में ठूंसकर छिपा दिया, जिसमें पहले पानी रखा जाता था.

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मौत की रात का बेटे ने बताया पूरा सच

हंसराज का आठ साल का बेटा हर्षल उस खौफनाक रात का गवाह बना. उसके बयान ने पुलिस के सामने पूरी कहानी खोल दी. उसने बताया कि उस रात पापा, मम्मी और अंकल जितेंद्र ने शराब पी थी. मम्मी ने दो पैग लिए थे, पापा और अंकल ज्यादा पी गए. फिर पापा ने मम्मी को मारना शुरू किया. अंकल ने मम्मी को बचाया. मम्मी ने हमें तीनों बच्चों को सुला दिया. हर्षल ने बताया कि रात में जब नींद टूटी तो देखा कि पापा बेड पर पड़े थे. सुबह उठा तो देखा कि पापा अब भी वहीं पड़े थे. तभी अंकल जितेंद्र ने कहा कि तेरे पापा मर गए. इसके बाद हर्षल ने देखा कि मम्मी और अंकल ने नीले ड्रम का पानी बाहर डाला. फिर पापा को उसमें डाल दिया. ऊपर से नमक डाला और ढक्कन बंद कर दिया. ड्रम को छुपा दिया गया.

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ड्रम से भट्टे तक का सफर

सुनीता और जितेंद्र यहीं नहीं रुके. बच्चे ने बताया कि दोनों उसे और भाई-बहनों को साथ लेकर ड्रम ईंट भट्टे तक ले गए. वहां कुछ लोग अंकल जितेंद्र के जानने वाले थे. लेकिन किस्मत ने उनका साथ नहीं दिया. पुलिस को भनक लग चुकी थी और टीम वहां पहुंच गई. दोनों गिरफ्तार कर लिए गए.

सुनीता और जितेंद्र का रिश्ता

बच्चे ने पुलिस को बताया कि उसका मकान मालिक अंकल जितेंद्र आए दिन घर आता था. वह मम्मी के साथ रहता, उन्हें प्यार करता और हमें टॉफी-चीजें लाकर देता. यहां तक कि उसी ने हम लोगों का स्कूल में एडमिशन करवाया था. लेकिन जब पापा हंसराज को इस रिश्ते की भनक लगी, तो वे भड़क उठे. मारपीट शुरू हो गई. बच्चे ने कहा पापा मम्मी को बीड़ी से जलाते थे. एक बार तो गुस्से में ब्लेड से मुझ पर भी हमला किया था.

पड़ोसियों की नजर में

हंसराज करीब डेढ़ महीने पहले ही पत्नी और तीन बच्चों के साथ आदर्श कॉलोनी में किराए का मकान लेकर आया था. वह ईंट भट्टे पर मजदूरी करता था. पड़ोसियों ने बताया कि दंपती के बीच अकसर झगड़े होते थे. पिछले दिनों घर में हलचल और बाहर से आने-जाने वालों की आवाजाही कुछ ज्यादा बढ़ गई थी.

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शव से उठी दुर्गंध, पुलिस दंग

गुरुवार को मकान मालिक की पत्नी छत पर गई तो अचानक बदबू से परेशान हो गई. पहले सोचा कोई जानवर मरा होगा, लेकिन जब गंध और तेज हुई तो उसने आसपास तलाश की. नजर नीले ड्रम पर पड़ी. ढक्कन पर भारी पत्थर दबा रखा था. शक गहराया तो पुलिस को बुलाया गया. डिप्टी एसपी राजेंद्र सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे. ड्रम खोला गया तो अंदर का नजारा देखकर सब दंग रह गए. नमक से ढका शव पड़ा था. एफएसएल टीम को मौके पर बुलाकर साक्ष्य इकट्ठे किए गए.

पुलिस की जांच और गिरफ्तारी

शव की पहचान 35 वर्षीय हंसराज उर्फ सूरज (निवासी नवादिया नावजपुर, जनपद शाहजहांपुर, यूपी) के रूप में हुई. शुरुआती जांच में गला रेतकर हत्या की बात सामने आई. पुलिस ने सुनीता और मकान मालिक जितेंद्र को हिरासत में ले लिया.

डिप्टी एसपी राजेंद्र सिंह ने कहा कि मामला बेहद संगीन है. नीले ड्रम से शव बरामद करना अपने आप में सनसनीखेज है. बच्चे का बयान इस केस का सबसे अहम हिस्सा है. इस पूरी वारदात की जड़ घरेलू हिंसा में छुपी है. हंसराज शराब पीकर पत्नी से मारपीट करता था. उसे जलाता-पीटता था. इसी बीच सुनीता का रिश्ता जितेंद्र से गहराया. नतीजा यह हुआ कि पति की मौत की साजिश रच डाली गई. वारदात के बाद कॉलोनी और गांव में दहशत और चर्चा का माहौल है. लोग सुनीता की करतूत को मेरठ की मुस्कान केस से जोड़कर देख रहे हैं. हर कोई कह रहा है कि मुस्कान से भी तेज निकली सुनीता.

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