MP: ग्वालियर में 108 टन गोबर से बना 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत, 10 हजार गौ-वंश वाली गौशाला में उमड़ा जनसैलाब

Govardhan Pooja: राजधानी भोपाल में CM मोहन यादव ने गोवर्धन पूजा के अवसर पर कहा कि आज पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा हर्षोल्लास से की जा रही है. हर घर, हर गौ-शाला, हर गांव, वृंदावन है और हम सब गोपाल बन गए हैं.

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ग्वालियर में बना MP का सबसे ऊंचा गोवर्धन पर्वत.(Photo:Screengrab) ग्वालियर में बना MP का सबसे ऊंचा गोवर्धन पर्वत.(Photo:Screengrab)

सर्वेश पुरोहित

  • ग्वालियर ,
  • 22 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:23 PM IST

MP News: ग्वालियर की लाल टिपारा गौशाला में इस बार मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी गोवर्धन पूजा का भव्य आयोजन हुआ. गोवर्धन पूजा के अवसर पर यहाँ आस्था और प्रकृति के अद्भुत संगम की झांकी देखने को मिली.

गौशाला परिसर में करीब 108 टन गोबर का उपयोग करके 21 फीट ऊंचा गोवर्धन पर्वत तैयार किया गया, जो आकर्षण का केंद्र रहा. 10 हजार से अधिक गायों वाली इस आदर्श गौशाला में भगवान गोवर्धन की पूजा की गई और उन्हें 56 भोग अर्पित किए गए. 

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इस भव्य धार्मिक आयोजन में ग्वालियर-चंबल, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे. कार्यक्रम में मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, सांसद भारत सिंह कुशवाह, कलेक्टर रुचिका चौहान और नगर निगम कमिश्नर संघप्रिय सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे. श्रद्धालुओं ने गौशाला में गोवर्धन पूजा करने पर अलौकिक आनंद का अनुभव करने की बात कही. 

गौशाला के प्रबंधक संत ऋषभदेव ने बताया कि इस तरह के आयोजन से गौ-संरक्षण और धार्मिक आस्था का महत्व बढ़ता है.

वहीं, राजधानी भोपाल के रवींद्र भवन में आयोजित गोवर्धन पूजा के राज्य स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि हमारी हर परंपरा और उत्सव में प्रकृति के प्रति आदर और समाज के प्रति उत्तदायित्व समाहित है. गोवर्धन पूजा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. 

उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति ने हमें छोटी से छोटी चीज प्रदान करने वालों के प्रति भी आभार करना सिखाया है. आज हम प्रकृति के उसी दाता स्वरूप को प्रणाम कर रहे हैं. आज के दिन गोवर्धन और गौवंश की पूजा कर हम संसार को प्रकृति, पर्यावरण और पशुधन संवर्धन का संदेश देते हैं. यह सनातन संस्कृति की देन है. यह वास्तव में प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण का उत्सव है. यह हमें स्मरण कराता है कि धरती पर जो भी है, उसके साथ सामंजस्य ही जीवन है. 

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CM ने कहा कि गोवर्धन पूजा 'जियो और जीने दो' के विचार और उपलब्ध खाद्य सामग्री और संसाधनों को समाज के साथ मिल-बांटकर साझा करने का प्रतीक है. हमारी संस्कृति और परम्पराओं को बचाए रखने की हम सबकी जिम्मेदारी है. राज्य सरकार द्वारा गोवर्धन पूजा का आयोजन इसी उद्देश्य से किया गया है.  

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