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ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है जानलेवा, ये लक्षण दिखें तो हो जाएं सावधान

aajtak.in
  • 14 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 5:31 PM IST
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ब्लड क्लॉटिंग यानी खून के थक्के जमना कई बार बेहद खतरनाक हो जाता है इसलिए इसके लक्षण और कारणों को समझना बेहद जरूरी है. भारत के पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी अपने बाथरूम में फिसल कर गिर गए थे जिसकी वजह से उनके दिमाग में ब्लड क्लॉटिंग हो गई थी. सर्जरी के बाद उनकी हालत स्थिर है. आइए जानते हैं कि ये ब्लड क्लॉटिंग क्या है और क्यों खतरनाक है.

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क्या होता है ब्लड क्लॉट?

ब्लड क्लॉट यानी खून का थक्का होने पर खून तरल पदार्थ से एक जेल में बदलने लगता है जिसका स्वरूप एक थक्के जैसा होता है. इसे थ्रोम्बोसिस भी कहते हैं. चोट या कहीं कट लग जाने की स्थिति में ब्लड क्लॉटिंग जरूरी होती है क्योंकि ये शरीर से ज्यादा खून निकलने से रोकता है. लेकिन जब ये क्लॉटिंग शरीर के अंदर नसों में होने लगती है तो खतरनाक बन जाती है. नसों की ब्लड क्लॉटिंग अपने आप सही नहीं होती है. ये स्थिति बहुत खतरनाक होती है और इसकी वजह से जान जाने का भी खतरा रहता है.

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आमतौर पर ब्लड क्लॉटिंग से शरीर को किसी तरह का नुकसान नहीं होता है लेकिन जब ये एक जगह से दूसरे जगह फैलने लगता है तो खतरनाक हो जाता है. टूटने के बाद ये क्लॉटिंग नसों के जरिए दिल और फेफड़ों में पहुंच कर रक्त के प्रवाह को रोक सकता है. ऐसी स्थिति में मेडिकल इमरजेंसी की जरूरत पड़ती है.

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कई तरह के होते हैं ब्लड क्लॉट

ब्लड क्लॉट कई तरह के होते हैं. नसों और धमनियों के जरिए शरीर में रक्त का संचार होता है. धमनियों में बनने वाले रक्त के थक्के को आर्टेरियल क्लॉट कहते हैं. ऐसा क्लॉट बनने पर लक्षण तुरंत दिखने लगते हैं और इसमें तत्काल इलाज की जरूरत होती है. आर्टेरियल क्लॉट की वजह से तेज दर्द और लकवा हो सकता है. इसकी वजह से दिल का दौरा या स्ट्रोक भी हो सकता है. नसों में होने वाले ब्लड क्लॉट को वेनस क्लॉट कहा जाता है. इस तरह की क्लॉटिंग धीरे-धीरे बढ़ती है जो जानलेवा भी हो सकती है.

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इसमें सबसे गंभीर डीप वेन थ्रोम्बोसिस होता है. इस तरह की क्लॉटिंग बाजू, पेल्विस, फेफड़ों और ब्रेन में भी हो सकती है. आमतौर पर सबसे ज्यादा मौत इसी क्लॉटिंग की वजह से होती है.

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ब्रेन ब्लड क्लॉटिंग

ब्रेन में हुई ब्लड क्लॉटिंग को स्ट्रोक भी कहते हैं. ब्रेन की ब्लड क्लॉटिंग की वजह से अचानक और तेज सिरदर्द हो सकता है, बोलने या देखने में कठिनाई होती है और कई दूसरे लक्षण भी दिखाई देते हैं. मस्तिष्क में खून का थक्का बनने से खून का प्रवाह रूक जाता है जिसकी वजह से ब्रेन स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.

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पैर या बाजू में होने वाला ब्लड क्लॉट

सबसे ज्यादा ब्लड क्लॉटिंग पैर के निचले हिस्से में होती है. हाथ या पैर में होने वाली ब्लड क्लॉटिंग की वजह से सूजन, दर्द, स्किन का रंग बदलना और सेंसेशन महसूस होना है. ये लक्षण पूरी तरह क्लॉटिंग के आकार पर निर्भर करता है. दोनों हाथों या दोनों पैरों में एकसाथ क्लॉटिंग होने पर तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

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दिल में खून का थक्का बनना

दिल में खून का थक्का बनने से दिल का दौरा पड़ सकता है. हालांकि दिल में खून का थक्का बहुत कम जमता है लेकिन फिर भी ये हो सकता है. इसकी वजह से दिल में भारीपन महसूस होता है और सांस लेने में तकलीफ हो सकती है.

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पेट में  ब्लड क्लॉटिंग

पेट में खून का थक्का बनने से तेज पेट दर्द और सूजन हो सकती है. हालांकि ये फूड पॉइजनिंग के भी लक्षण हो सकते हैं. ऐसा होने पर डॉक्टर से तुरंत संपर्क करें.

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