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कोरोना ने बढ़ाई चिंता, फेफड़ों के बाद अब दिमाग को बना रहा निशाना

aajtak.in
  • 16 जून 2020,
  • अपडेटेड 4:19 PM IST
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कोरोना वायरस के मामले पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ रहे हैं. ये महामारी लोगों को अलग-अलग लक्षणों से संक्रमित कर रही है. अब तक आईं रिपोर्ट्स के अनुसार कोरोना वायरस का असर फेफड़ों, किडनी और दिल पर ज्यादा पड़ता है लेकिन एक नई स्टडी के अनुसार कोरोना वायरस दिमाग पर भी हमला कर सकता है. इतना ही नहीं, ये वायरस मस्तिष्क की कोशिकाओं को कई गुना तेजी से संक्रमित कर सकता है.

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शोधकर्ताओं का कहना है कि एक बार ये वायरस अगर मस्तिष्क के तंत्रिका कोशिकाओं  (Neurons) में पहुंच गया तो सिर्फ तीन दिनों के अंदर ये अपनी संख्या दस गुना तक बढ़ा सकता है. ये स्टडी जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी की टीम ने की है.

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टीम का कहना है कि इस स्टडी के निष्कर्षों से वायरस को तेजी से बढ़ने या फिर मस्तिष्क को संक्रमण से बचाने वाले ब्लड ब्रेन बैरियर में वायरस को पहुंचने से रोकने में मदद मिलेगी. जॉन्स हॉपकिंस ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉक्टर थॉमस ने Financial Times को बताया, 'यह जानना बहुत महत्वपूर्ण है कि हमारा सबसे अनमोल अंग वायरस से सीधा प्रभावित हो सकता है.'

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शोधकर्ताओं ने इस वायरस को 'मिनी ब्रेन' से भी जोड़ा है. छोटी-छोटी कोशिकाओं से बना ये मिनी ब्रेन एक ऐसा तंत्र हैं जो बिल्कुल मस्तिष्क संरचना की तरह काम करता है. शोध में इस बात की जानकारी मिली है कि वायरस ने ACE2 प्रोटीन के जरिए मिनी ब्रेन में न्यूट्रॉन को संक्रमित किया, कोरोना वायरस शरीर में यहीं से प्रवेश करता है.

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इसके बाद कोरोना वायरस मस्तिष्क कोशिकाओं के भीतर तेजी से बढ़ने लगता है और तीन दिनों के अंदर यह दस गुना तक बढ़ जाता है. शोधकर्ताओं ने हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया है कि क्या ये वायरस खुद न्यूरोलॉजिकल समस्याओं का कारण बनता है या फिर शरीर के अन्य अंगों पर इसका प्रभाव पड़ने के बाद ये समस्या आती है. इस स्टडी की अभी समीक्षा की जा रही है.

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वैज्ञानिकों के सामने अभी इस बात का पता लगाने की चुनौती है कि मानव मस्तिष्क पर कोरोना वायरस का क्या और कितना प्रभाव पड़ता है. अप्रैल में आई वुहान की एक स्टडी के मुताबिक 214 में से एक तिहाई मरीजों को  न्यूरोलॉजिकल समस्याएं थीं. इसमें स्ट्रोक, एन्यूरिज्म, चक्कर आना और बेहोशी शामिल थे. ये लक्षण ज्यादातर गंभीर रूप से बीमार लोगों में थे.

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स्पेन की एक रिपोर्ट के अनुसार, वहां के दो अस्पतालों में भर्ती कोरोना वायरस के आधे मरीजों में बाद में न्यूरोलॉजिक लक्षण आ गए.

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