मोटापे से पीड़ित लोग अपना वजन कम करने के लिए क्या कुछ नहीं करते हैं. लेकिन क्या कभी आपने सोचा है कि आप मिट्टी खाकर भी अपना वजन कम कर सकते हैं.
आपको ये पढ़कर जरूर हैरानी हो रही होगी और आप सोच रहे होंगे कि आखिर कोई मिट्टी कैसे खा सकता है और इसे खाने से वजन कैसे कम हो सकता है, तो बता दें, इस बात की पुष्टि हाल ही में हुई एक स्टडी की रिपोर्ट में की गई है.
स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि डिनर के साथ एक खास तरह की मिट्टी खाने से मोटापे को कंट्रोल किया जा सकता है. स्टडी की रिपोर्ट के मुताबिक, मिट्टी खाने से शरीर में जमी चर्बी बाहर निकल जाती है.
ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पाया कि जिन मोटे चूहों ने एक खास तरह की मिट्टी खाई, ऐसे चूहों का उन चूहों के मुकाबले ज्यादा वजन कम हुआ, जिन्होंने वजन कम करने वाली दवाइयां खाई थीं.
अमेरिकन एक्ट्रेस शेलेन वुडले और ऑस्ट्रेलियन एक्ट्रेस एले मैकफर्सन पुराने जमाने में प्रचलित मिट्टी खाने के न्यट्रिशन ट्रेंड को वापस लेकर आए हैं.
इतिहास पर नजर डालें तो कई संस्कृति में कुछ लोगों में मिट्टी खाने की इच्छा होती थी. इसके अलावा कई गर्भवती महिलाओं और बच्चों में भी मिट्टी खाने की आदत देखी जाती है, जिसको Geophagy कहते हैं.
स्टडी की रिपोर्ट में बताया गया है कि कई संस्कृति के लोग मिट्टी खाते हैं, जिसमें U.S भी शामिल है. हालांकि, दक्षिण अमेरिका में मिट्टी खाना बहुत आम बात है. साल 2015 में इसपर एक डोक्युमेंट्री फिल्म 'ईट व्हाइट डर्ट' के नाम से भी बनाई गई थी. इस फिल्म में दक्षिण अमेरिका के लोगों में kaolin एक तरह की सफेद रंग की मिट्टी खाने की इच्छा को दिखाया गया है.
बता दें, kaolin मिट्टी Kaopectate नाम के ड्रग में पाई जाती है. एंथ्रोपोलॉजिकल रिसर्च से ये पता चलता है कि लोगों में मिट्टी खाने की इतनी इच्छा क्यों होती है. इतिहास की बात करें तो जब लोगों का पेट खराब हो जाता था तो वे मिट्टी खाया करते थे.
लेकिन दक्षिण ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पाया कि अलग-अलग तरह की मिट्टी खराब पेट को सही करने के अलावा वजन कम करने में भी बहुत असरदार साबित हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया कि यूनिवर्सिटी से पीएचडी कर रहे Tahnee Dening ऐसे कंपाउंड बनाने की कोशिश की थी, जिससे शरीर की एंटीसाइकोटिक दवाइयां एब्सोर्ब करने की क्षमता बेहतर हो सके. उन्होंने कहा, मैंने पाया कि मिट्टी के पार्टिकल्स उस तरह से काम नहीं कर रहे थे, जैसा मैंने सोचा था.
मिट्टी के पार्टिकल्स फैट को एब्सोर्ब कर रहे थे. मिट्टी सिर्फ फैट को अपने पार्टिकल्स के अंदर एब्सॉर्ब नहीं कर रही थी, बल्कि ये फैट को शरीर में जमा होने से भी रोक रही थी. इससे ये साफ होता है कि मिट्टी खाने से फैट डाइजेस्टिव सिस्टम द्वारा आसानी से निकल जाता है.
इस बात से पता चलता है कि मिट्टी मोटापे से बचाव करने में मददगार साबित हो सकती है. लेकिन अभी तक ये साफ नहीं हुआ है कि सेलेब्रिटीज के बीच पॉपुलर बेंटोनाइट मिट्टी और दक्षिण में खाई जाने वाली kaolin मिट्टी में एक तरह के ही गुण होते हैं या नहीं.
शोधकर्ताओं ने अपनी थ्योरी की जांच करने के लिए चूहों के एक ग्रुप को हाई फैट डाइट दी. साथ ही वजन कम करने की ओर्लिस्टेट और मोंटमोरिल्लोनाइट नाम की दवाइयों में से कोई एक सप्लीमेंट दिया.
नतीजों में सामने आया कि जिन चूहों ने मिट्टी खाई उनका बहुत कम वजन बड़ा. इससे यह पता चला कि मिट्टी खाने से वजन कम करने की दवाइयों के मुकाबले ज्यादा फैट शरीर से बाहर निकलता है.
शोधकर्ताओं ने कहा, प्रोसेस्ड मिट्टी में शरीर के डाइजेस्टेड फैट और हमारे खाने में मौजूद तेल के साथ मिलने की ज्यादा क्षमता होती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि हम दो अलग तरीकों से फैट डाइजेशन और अब्जॉर्प्शन पर अटैक कर रहे हैं. हम आशा करते हैं कि इससे ज्यादा से ज्यादा वजन कम हो पाए और कोई साइड इफेक्ट्स भी न हों.
हालांकि, Geophagy पर हुईं पिछली कुछ रिसर्च में बताया गया था कि मिट्टी के कम सेवन से सेहत को नुकसान नहीं पहुंचा. लेकिन ज्यादा मिट्टी खाने से कब्ज की समस्या हो सकती है.
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस तरह कि रिसर्च से लोगों में ये जानने की उत्सुक्ता होगी कि आखिर कब और कैसे इसे ट्राई कर सकते हैं. हालांकि, इसे खाना सुरक्षित पाया गया है, लेकिन अभी इसको इंसानों पर ट्राई करने के बाद ही शुरू किया जाएगा.