'रामलला प्राण प्रतिष्ठा का LIVE प्रसारण नहीं रोक सकते', तमिलनाडु सरकार को सुप्रीम कोर्ट से झटका

सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु से कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के लाइव टेलीकास्ट की इजाजत को खारिज नहीं किया जा सकता है. दरअसल बीजेपी आरोप लगा रही है कि तमिलनाडु की डीएमके सरकार ने राज्यभर में राम मंदिर कार्यक्रमों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

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प्राण प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट को लेकर तमिलनाडु सरकार को लगा सुप्रीम कोर्ट से झटका प्राण प्रतिष्ठा के लाइव टेलीकास्ट को लेकर तमिलनाडु सरकार को लगा सुप्रीम कोर्ट से झटका

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2024,
  • अपडेटेड 2:46 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी कर कहा कि राम मंदिर उद्घाटन के लाइव टेलीकास्ट की इजाजत को खारिज नहीं किया जा सकता. शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि द्रमुक के नेतृत्व वाली सरकार ने कथित तौर पर 'प्राण प्रतिष्ठा' के लाइव टेलीकास्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है.

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शीर्ष अदालत ने कहा कि अनुमति को केवल इसलिए अस्वीकार नहीं किया जा सकता क्योंकि पड़ोस में अन्य समुदाय रहते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार की सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार से कहा, 'यह एक समरूप समाज है, इसे केवल इस आधार पर न रोकें कि अन्य समुदाय भी हैं.

क्या कहा सुप्रीम कोर्ट ने

जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की पीठ ने तमिलनाडु के मंदिरों में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा समारोह के सीधे प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने वाले 20 जनवरी के "मौखिक आदेश" को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि कोई भी मौखिक आदेश का पालन करने के लिए बाध्य नहीं है. पीठ ने तमिलनाडु के वरिष्ठ वकील अमित आनंद तिवारी के बयान को रिकॉर्ड पर लिया कि मंदिरों में 'पूजा अर्चना' या अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के लाइव टेलीकास्ट पर कोई प्रतिबंध नहीं है.

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तमिलनाडु सरकार के वकील ने कहा कि याचिका "राजनीति से प्रेरित" है.पीठ ने अधिकारियों से कारणों को रिकॉर्ड में रखने और उन आवेदनों डेटा तैयार करने को कहा है जिन्हें 'पूजा अर्चना' के लिए अनुमति दी गई है और जिन्हें नहीं दी गई है. पीठ ने याचिका पर तमिलनाडु सरकार से 29 जनवरी तक जवाब भी मांगा हैं. यह याचिका विनोज नाम के व्यक्ति ने दायर की है, जिसमें कहा गया है कि द्रमुक द्वारा संचालित तमिलनाडु सरकार ने "प्राण प्रतिष्ठा" के लाइव टेलीकास्ट पर प्रतिबंध लगा दिया है. हालांकि राज्य सरकार ने आरोपों को झूठा बताकर खारिज कर दिया था.

सुप्रीम कोर्ट ने अधिकारियों से कहा कि वे कानून के मुताबिक काम करें और किसी भी मौखिक आदेश पर कार्रवाई न करें.कोर्ट ने कहा कि हमें भरोसा है कि अधिकारी कानून के मुताबिक काम करेंगे. कोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को प्रासंगिक मापदंडों को ध्यान में रखना होगा.

वित्त मंत्री का राज्य सरकार पर हमला

तमिलनाडु सरकार पर हमला करते हुए केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा, 'दुर्भाग्य स ⁠हिंदुओं से नफरत करने वाली डीएमके सरकार द्वारा पुलिस का दुरुपयोग किया जा रहा है. ⁠क्या किसी भी नागरिक को पीएम का कार्यक्रम देखने से मना किया जा सकता है? डीएमके प्रधानमंत्री के प्रति अपनी व्यक्तिगत नफरत दिखा रही है और उपासकों का दमन कर रही है. ⁠जो लोग राम की पूजा करना चाहते हैं वे इसे देखना पसंद करेंगे. मेरे पूजा करने के अधिकार का उल्लंघन करना कौन सा अधिकार है? यह मेरे और प्रत्येक हिंदू के अधिकार का स्पष्ट उल्लंघन है.'

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