Uttrakhand में लागू होगा यूनिफॉर्म सिविल कोड, CM पुष्कर सिंह धामी बोले- बनाएंगे एक्सपर्ट कमेटी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) ने गुरुवार को कैबिनेट की पहली मीटिंग में ही राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का फैसला ले लिया है.

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धामी मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी. (फाइल फोटो) धामी मंत्रिमंडल की पहली बैठक में प्रस्ताव को मंजूरी. (फाइल फोटो)

दिलीप सिंह राठौड़

  • देहरादून,
  • 24 मार्च 2022,
  • अपडेटेड 8:20 PM IST
  • यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने वाला देश का पहला राज्य होगा उत्तराखंड
  • ड्राफ्ट के लिए बनाई जाएगी उच्च स्तरीय कमेटी

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami)  ने कैबिनेट में यूनिफॉर्म सिविल कोड पर आखिरकार फैसला ले लिया है. गुरुवार को राज्य मंत्रिमंडल की पहली मीटिंग में ही इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से मंजूरी दे दी गई. अब इसे लागू करने के लिए एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाई जाएगी जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज भी शामिल होंगे. ऐसा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा. 

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मंत्रिमंडल की पहली बैठक के बाद सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा, 12 फरवरी 2022 को हमारी सरकार ने संकल्प लिया था कि राज्य में यूनिफार्म सिविल कोड लाएंगे. इसकी वजह बताते हुए धामी ने कहा कि उत्तराखंड की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत की रक्षा, पर्यावरण की रक्षा और राष्ट्र रक्षा के लिए उत्तराखंड की सीमाओं की रक्षा पूरे भारत के लिए अहम है, इसलिए यूनिफॉर्म सिविल कोड जैसे कानून की जरूरत थी.

CM धामी ने कहा, समान नागरिक संहिता के लिए हम एक उच्च स्तरीय कमेटी बनाएंगे, जिसमें शीर्ष अदालत के सेवानिवृत्त जस्टिस शामिल होंगे और यह कमेटी इस कानून का एक ड्राफ्ट तैयार कर सरकार को सौंपेगी जिसे जल्द से जल्द लागू किया जाएगा. इसको लेकर आज मंत्रिमंडल में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर दिया है. उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा जहां ये कानून लागू होगा. इस यूनिफॉर्म सिविल कोड का दायरा विवाह-तलाक, जमीन-जायदाद और उत्तराधिकार जैसे विषयों पर सभी नागरिकों के लिए समान कानून चाहे वे किसी भी धर्म में विश्वास रखते हों, होगा.

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मुख्यमंत्री ने कहा कि ये 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' संविधान निर्माताओं के सपनों को पूरा करने की दिशा में एक अहम कदम होगा और संविधान की भावना को मूर्त रूप देगा. ये भारतीय संविधान के आर्टिकल 44 की दिशा में भी एक प्रभावी कदम होगा, जो देश के सभी नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता की संकल्पना प्रस्तुत करता है. सर्वोच्च न्यायालय ने भी समय-समय पर इसे लागू करने पर ज़ोर दिया है. साथ ही, इस महत्वपूर्ण निर्णय में हमें गोवा राज्य से भी प्रेरणा मिलेगी जिसने एक प्रकार का 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' लागू करके देश में एक उदाहरण पेश किया है. 

उत्तराखंड में जल्द से जल्द 'यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने से राज्य के सभी नागरिकों के लिए समान अधिकारों को बल मिलेगा. इससे राज्य में सामाजिक समरसता बढ़ेगी, जेंडर जस्टिस को बढ़ावा मिलेगा, महिला सशक्तिकरण को ताकत मिलेगी, और साथ ही देवभूमि की असाधारण सांस्कृतिक आध्यात्मिक पहचान को, यहां के पर्यावरण को सुरक्षित रखने में भी मदद मिलेगी. उत्तराखंड का 'यूनिफॉर्म सिविल कोड' दूसरे राज्यों के लिए भी एक उदाहरण के रूप में सामने आएगा.

विधानसभा चुनाव से पहले 12 फरवरी को मुख्यमंत्री ने कहा था कि राज्य के लिए एक व्यवस्था जरूरी है. उत्तराखंड की सांस्कृतिक  और अन्य चुनौतियों को देखते हुए ऐसा करना जरूरी है.  

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बता दें कि उत्तराखंड में बीजेपी 47 सीटें हासिल करके पूर्ण बहुमत से सरकार बना चुकी है. इस चुनाव में कांग्रेस को 19 सीटों पर संतोष करना पड़ा. वहीं, बसपा और निर्दलीयों को 2-2 सीटें मिलीं.  

 

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