कानपुर शूटआउट के मुख्य आरोपी विकास दुबे के एनकाउंटर मामले में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई. तीन जजों वाली खंड पीठ की अगुवाई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया एसए बोबडे ने की. सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामला हमारे संज्ञान में है, हमें समय दिया जाए.
सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एनकाउंटर मामले में जांच के लिए हम जांच समिति गठित करने पर विचार कर रहे है. इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने मुठभेड़ की सीबीआई या एसआईटी जांच कराने की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने यूपी सरकार से गुरुवार तक जवाब मांगा है.
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हैदराबाद मामले में जिस तरह से कोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज की निगरानी में जांच का आदेश दिया था, उसी तर्ज पर हम इस मामले में भी सोच रहे हैं. इस साल की शुरुआत में हैदराबाद एनकाउंटर मामले में अपने आदेश का हवाला देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम कुछ कर सकते हैं, जैसे हमने वहां किया.
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इस पर यूपी सरकार का कहना है कि राज्य द्वारा सब कुछ किया जा रहा है. सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि हमारा जवाब कोर्ट की न्यायिक भावना को संतुष्ट करेगा. माना जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट एक फैक्ट-फाइंडिंग कमेटी गठित कर सकती है. इसका ऐलान सोमवार को किया जा सकता है.
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याचिका में क्या की गई है मांग
सुप्रीम कोर्ट में मुंबई के वकील घनश्याम उपाध्याय और वकील अनूप अवस्थी ने जनहित याचिका दायर की है. याचिका में यूपी पुलिस की भूमिका की जांच की मांग की गई है. हालांकि याचिका मुठभेड़ से पहले देर रात दायर की गई थी, जिसमें विकास दुबे की भी एनकाउंटर किए जाने की आशंका जाहिर की गई थी.
संजय शर्मा