प्रतापगढ़: भाजपा सांसद के साथ मारपीट के मामले में सीओ सस्पेंड, पुलिस बल उपलब्ध ना कराने पर हुई कार्रवाई

प्रतापगढ़ के सांगीपुर विकास खंड में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता के समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट का मामला सामने आया था. आरोप है कि कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इसके बाद सांसद संगमलाल गुप्ता के काफिले की कई गाड़ियों पर पथराव कर तोड़ फोड़ की गई.

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भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगाया मारपीट का आरोप भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर लगाया मारपीट का आरोप

समर्थ श्रीवास्तव

  • प्रतापगढ़ ,
  • 26 सितंबर 2021,
  • अपडेटेड 12:28 PM IST
  • प्रतापगढ़ के सांगीपुर विकास खंड का मामला
  • आरोग्य मेले के दौरान भिड़े भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता

प्रतापगढ़ के भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता के साथ मारपीट के मामले में क्षेत्राधिकारी (सीओ) लालगंज जगमोहन सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया गया है. शासन की ओर से यह कार्रवाई अपने कर्तव्यों का निर्वहन न करने और एक साथ दो पार्टी के कार्यकर्ताओं के पहुंचने पर उचित पुलिस बल उपलब्ध ना कराने के चलते हुई. 

दरअसल, प्रतापगढ़ के सांगीपुर विकास खंड में एक कार्यक्रम के दौरान भाजपा सांसद संगमलाल गुप्ता के समर्थकों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के बीच जमकर मारपीट का मामला सामने आया था. आरोप है कि कांग्रेसियों ने भाजपा कार्यकर्ताओं को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा. इसके बाद सांसद संगमलाल गुप्ता के काफिले की कई गाड़ियों पर पथराव कर तोड़ फोड़ की गई. मारपीट की इस घटना में सांसद समेत कई कार्यकर्ता के घायल होने की खबर है. 

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आरोग्य मेले के दौरान हुई थी मारपीट

सांगीपुर विकास खंड में आयोजित आरोग्य मेले में भाजपा सांसद के पहुंचने पर हंगामा हो गया था. इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में कांग्रेस के दिग्गज नेता प्रमोद तिवारी और विधायक आराधना मिश्र मोना पहुंचे थे. इसके बाद यहां विवाद हो गया. भाजपा और कांग्रेस समर्थकों के बीच जमकर मारपीट हुई और अफरातफरी मच गई. आरोप है कि कांग्रेसियों की संख्या अधिक होने के कारण भाजपाइयों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा गया.

अखिलेश यादव ने साधा निशाना

भाजपा सांसद पर हुए हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने ट्वीट किया, 'भाजपा सरकार में जिस तरह सरेआम हिंसा को प्रोत्साहन-संरक्षण दिया गया, उसका खामियाज़ा आज उसके ही सांसदों-विधायकों को भुगतना पड़ रहा है. ये अपने जनप्रतिनिधियों तक को संरक्षण नहीं दे पा रही है. उप्र भाजपा सरकार में क़ानून-व्यवस्था फरार है. जनआक्रोश का हिंसक होना अच्छा नहीं होता.'

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