कांग्रेस की ओर से सत्ता में आने के बाद तीन तलाक बिल खत्म किए जाने के ऐलान के बाद सत्ता पक्ष की ओर से इस पर पलटवार शुरू हो गया है. अमेरिका में इलाज करा रहे केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने तीन तलाक विधेयक वापस लेने के वादे पर कांग्रेस की जमकर आलोचना करते हुए शुक्रवार को कहा, 'लोगों के जमीर को झकझोरने वाली बरेली की 'निकाह हलाला' जैसी घटनाओं को असंवैधानिक घोषित कर दिया जाना चाहिए.'
मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, 'बरेली में एक महिला को उसके पति ने दो बार तलाक दिया और फिर से उससे विवाह किया. इस दौरान महिला को दो बार निकाह-हलाला और इद्दत की मुद्दत का पालन करना पड़ा. पहले तलाक के बाद महिला का निकाह हलाला उसके ससुर के साथ हुआ फिर दूसरी बार उसके पति के भाई के साथ.'
'मुसलमानों में तलाक देने के बाद यदि कोई व्यक्ति पत्नी से फिर निकाह करना चाहती है तो महिला को निकाह-हलाला करना होता है. इसमें महिला को किसी दूसरे पुरुष के साथ निकाह कर, वैवाहिक संबंध बनाने होते हैं, फिर उससे तलाक लेना होता है. उसके बाद उसे इद्दत की मुद्दत पूरा करनी होती है.'
'बरेली निकाह-हलाला' क्या आपकी जमीर को नहीं झकझोरता?' शीर्षक से फेसबुक पर लिखे एक पोस्ट में अरुण जेटली ने लिखा है, 'दुर्भाग्यवश, जब सुबह के अखबार में यह खबर पढ़ कर लोगों का जमीर जागना चाहिए था; अखिल भारतीय कांग्रेस समिति के अध्यक्ष और उनके साथी अल्पसंख्यक सम्मेलन में तीन तलाक पर सजा का प्रावधान करने वाला विधेयक वापस लेने का वादा कर रहे हैं.' यह विधेयक फिलहाल संसद में लंबित है.'
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्वर्गीय राजीव गांधी ने शाह बानो मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला पलट कर विधायिका की सबसे बड़ी गलती की. कोर्ट ने उस फैसले में सभी मुसलमान महिलाओं को गुजारा भत्ता का अधिकार दिया था.
उन्होंने आगे लिखा कि इसने पति द्वारा छोड़ दी गई महिलाओं को गरीबी और अभाव में ढकेल दिया. अब 32 साल बाद उनका बेटा पीछे धकेलने वाला और एक कदम उठा रहा है. जो ना सिर्फ उनको गरीबी की ओर धकेल रहा है बल्कि ऐसा जीवन जीने को मजबूर कर रहा है जो मानव अस्तित्व के विरूद्ध है. बरेली की मुस्लिम महिला को जानवरों वाली हालत में धकेल दिया गया है.
उन्होंने लिखा कि मतदाता महत्वपूर्ण है, लेकिन निष्पक्षता भी. राजनीतिक अवसरवादी सिर्फ अगले दिन की सुर्खियों पर ध्यान देते हैं. वहीं राष्ट्र-निर्माता अगली सदी को ध्यान में रखते हैं.'
कुछ महीनों में देश में लोकसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में सियासी वादों और ऐलानों का दौर भी शुरू हो चुका है. कांग्रेस ने गुरुवार को ऐलान किया था कि अगर वह सत्ता में आई तो तीन तलाक कानून को खत्म कर दिया जाएगा. यह कानून वर्तमान मोदी सरकार की ओर से बनाया गया है, जिसका इस्तेमाल वे मुस्लिम पुरुषों को जेल में डालने के लिए और थानों में खड़े करने के लिए करते हैं.
दिल्ली के जवाहर लाल नेहरू स्टेडियम में कांग्रेस अल्पसंख्यक मोर्चा सम्मेलन को महिला कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सुष्मिता देव ने कहा कि मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून का पुरजोर विरोध किया और कांग्रेस भी इस कानून का विरोध करती है. यह महिलाओं का सशक्तिकरण नहीं करेगा बल्कि उनके और मुस्लिम पुरुषों के बीच विभाजन पैदा करेगा.
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