सबरीमाला: BJP-CPIM नेताओं के घर बम से हमला, हिंसा में 1700 से ज्यादा गिरफ्तार

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर फैले हिंसा के कारण केरल आग में जल रहा है. आरोप है कि सीपीआई (एम) और आरएसएस के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में कई जगह तोड़फोड़ की है. हिंसा के आरोप में 1700 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है.

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केरल में हिंसा (फाइल फोटो- PTI) केरल में हिंसा (फाइल फोटो- PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 05 जनवरी 2019,
  • अपडेटेड 9:59 AM IST

सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर फैली हिंसा के कारण केरल आग में जल रहा है. आरोप है कि बीजेपी और आरएसएस कार्यकर्ताओं ने प्रदेश में कई जगह तोड़फोड़ की है. हिंसा के आरोप में 1700 से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी हुई है. इस बीच केरल के कन्नूर जिले में बीजेपी सांसद वी मुरलीधरन के घर पर देसी बम से हमला किया गया. बीजेपी का आरोप है कि इस हमले के पीछे सीपीआई (एम) का हाथ है.

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वहीं, शुक्रवार देर रात सीपीआई (एम) के विधायक एएन शमसीर के घर पर भी बम से हमला हुआ. इसके अलावा पार्टी के जिला सचिव पी शशि के घर पर भी हमला हुआ. सीपीआई (एम) का आरोप है कि यह हमला आरएसएस के कार्तकर्ताओं ने किया है. बता दें कि कन्नूर में ही सीपीआई (एम) कार्यकर्ता वैशाक पर भी हमला हुआ था, जिसमें वह बुरी तरह घायल हो गया. पुलिस ने कन्नूर हिंसा मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार किया है.

बता दें कि श्रीलंका की 50 साल से कम उम्र की एक महिला शुक्रवार को यहां अयप्पा मंदिर में प्रवेश पाने में सफल रही. जिसके बाद राज्य के विभिन्न हिस्सों में हिंसा की घटनाएं तेज हो गईं. इससे एक दिन पहले, भाजपा-आरएसएस तथा दक्षिणपंथी संगठनों की सत्तारूढ़ माकपा के साथ झड़पें हुई थीं. त्रावणकोर देवस्वओम बोर्ड (टीडीबी) ने सबरीमला मंदिर के मुख्य पुजारी से रजस्वला आयु वर्ग की दो महिलाओं बिंदू (42) और कनकदुर्गा (44) के दो जनवरी को प्रवेश के बाद मंदिर बंद करने तथा इसका शुद्धिकरण करने के उनके निर्णय के बारे में स्पष्टीकरण मांगा है.

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मंदिर में घुसी श्रीलंकाई महिला

मुख्यमंत्री पिनराई विजयन कार्यालय में सूत्रों और पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि 47 वर्ष की श्रीलंकाई महिला शशिकला ने वास्तव में मंदिर में प्रवेश किया और पूजा की. दरअसल, इस महिला ने दावा किया था कि पुलिस ने उसे वापस भेज दिया था और वह पूजा नहीं कर पाई. पुलिस ने बाद में शशिकला और उनके पति सर्वणन के मंदिर में दर्शन से संबंधित सीसीटीवी फुटेज भी जारी किए. हालांकि यह साफ नहीं है कि क्या महिला गर्भगृह तक पहुंचने के लिए ‘पदीनेट्टमपदी’ (पवित्र 18 सीढ़ियां) चढ़ी थी.

विजयन ने भाजपा-RSS का उड़ाया मजाक

तिरूवनंतपुरम के बाहरी क्षेत्र करेत्ते में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए विजयन ने भाजपा और आरएसएस का उपहास किया और पूछा कि एक और महिला के सबरीमला मंदिर में पूजा करने के बाद उन्होंने हड़ताल का आह्वान क्यों नहीं किया. विजयन ने संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे राज्य की शांति एवं एकता को बाधित करने का प्रयास कर रहे हैं.

केरल में हिंसा की घटनाओं शुक्रवार को भी जारी रहीं और गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने विभिन्न स्थानों पर देसी बम तथा पत्थर फेंके. पुलिस ने बताया कि मालाबार देवस्वओम (मंदिर प्रशासन) बोर्ड के सदस्य के. शशिकुमार के कोझिकोड में पेरम्ब्रा स्थित घर पर शुक्रवार तड़के देसी बम फेंके गए. उन्होंने बताया कि पथनमथिट्टा में अडूर में मोबाइल की एक दुकान पर भी इसी तरह के विस्फोटक फेंके गए.

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1108 मामले दर्ज, 1700 से ज्यादा गिरफ्तार

पुलिस ने बताया कि अब तक कम से कम 1738 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और हिंसक प्रदर्शनों के संबंध में 1108 मामले दर्ज किए गए हैं. बृहस्पतिवार को हिंदू समर्थक संगठनों ने सुबह से शाम तक हड़ताल का आह्वान किया था. उन्होंने बताया कि इस वक्त 1009 लोग एहतियातन हिरासत में हैं.

पुलिस ने कहा कि 132 पुलिसकर्मियों और 10 मीडियाकर्मियों सहित 174 लोग हिेंसा में घायल हुए हैं. इस बीच, शुक्रवार सुबह करीब छह बजे पंबा पहुंचीं ट्रांसजेंडर कायल को पुलिस ने लौटा दिया और श्रद्धालुओं के प्रदर्शन के कारण उन्हें मंदिर परिसर के अंदर नहीं जाने दिया. उन्होंने बताया कि कायल साड़ी में आयी थीं और बाद में उन्होंने पुरुषों के कपड़े पहन लिए और ‘इरुमुदीकेट्टू’ के साथ मंदिर के अंदर जाने की कोशिश करने लगीं.

चार ट्रांसजेंडरों ने हाल में काली साड़ी पहनकर सबरीमला में पूजा की थी. जब से एलडीएफ सरकार ने पवित्र मंदिर में सभी उम्र की महिलाओं के प्रवेश की अनुमति से संबंधित उच्चतम न्यायालय के फैसले को लागू करने का फैसला किया है तब से मंदिर परिसर में दक्षिणपंथी संगठनों, भाजपा और आरएसएस कार्यकर्ताओं का जबरदस्त विरोध देखने को मिल रहा है.

10-50 साल की महिलाओं के प्रवेश पर 'मनाही'

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पारंपरिक रूप से 10-50 साल की उम्रसमूह की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश की अनुमति नहीं है. इतिहास रचते हुए 40 साल की दो महिलाओं बिंदु और कनकदुर्गा ने दो जनवरी तड़के मंदिर में पूजा की थी. दोनों महिलाओं के मंदिर में प्रवेश के एक दिन बाद बृहस्पतिवार को केरल में हिंसक घटनाएं और प्रदर्शन हुए. महिलाओं के मंदिर में प्रवेश से कुपित भगवा संगठनों के समर्थक प्रदर्शनकारियों ने टायर जलाकर और रोड़े बिछाकर सड़कें जाम कीं.

भाजपा कार्यालय पर फेंका बम

पुलिस ने बताया कि कन्नूर में देसी बम से हमले की चार घटनाएं दर्ज की गईं. राजनीतिक रूप से अस्थिर जिले में माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के बीच लगातार संघर्ष होते रहे हैं. उन्होंने बताया कि कन्नूर में स्थानीय भाजपा के कार्यालय को बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया. पथनमथिट्टा, कन्नूर, कोझिकोड और तिरुवनंतपुरम में सत्तारूढ़ माकपा और भाजपा कार्यकर्ताओं के घरों पर हमले हुए और पथराव किया गया.

देसी बम फेंकने और पथराव करने, छुटभैए समूहों के राज्य की सड़कों पर हंगामा करने, पुलिस और राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों के साथ लड़ाइयों में कई लोग घायल हुए. इन प्रदर्शनों के दौरान छुरा घोंपने से भाजपा के तीन कार्यकर्ता भी घायल हुए.

महिलाओं के प्रवेश के विरोध में हड़ताल

हिंदुत्व समर्थक समूहों के मंच सबरीमला कर्मा समिति और अंतरराष्ट्रीय हिंदू परिषद (एएचपी) ने भगवान अयप्पा के मंदिर में दो रजस्वला महिलाओं के प्रवेश के विरोध में बृहस्पतिवार को हड़ताल का आह्वान किया. इस दौरान हुए प्रदर्शनों से राज्य बुरी तरह प्रभावित हुआ. मंदिर में महिलाओं के प्रवेश के कारण चौतरफा विरोध प्रदर्शनों के बाद बृहस्पतिवार रात उत्तरी केरल में कासरगोड जिले के पलक्कड़ शहर और मंजेश्वरम तालुक में निषेधाज्ञा लागू की गई.

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