1984 के दंगों पर बोले चिदंबरम, हिंसा के लिए राहुल को नहीं ठहरा सकते जिम्मेदार

सिख विरोधी दंगों पर राहुल गांधी ने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं.' 

Advertisement
राहुल गांधी और पी चिदंबरम राहुल गांधी और पी चिदंबरम

वरुण शैलेश

  • लंदन/कोलकाता,
  • 25 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 5:12 PM IST

1984 के सिख दंगों के लिए राहुल गांधी के बयान पर कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि उस समय कांग्रेस शासन में थी. उस समय जो कुछ भी हुआ वह बहुत त्रासदीपूर्ण था और उसके लिए डॉ. मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री रहते हुए संसद में माफी भी मांगी. उस हिंसा के लिए राहुल गांधी को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है. उस समय वह कोई 13 या 14 वर्ष के रहे होंगे. उन्हें दोषी करार नहीं दिया जा सकता है.

Advertisement

गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 1984 के सिख विरोधी दंगों को 'बेहद दुखद त्रासदी' बताया और कहा कि वह किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने का 100 फीसदी समर्थन करते हैं. पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षक द्वारा हत्या के बाद 1984 में हुए दंगों में करीब 3,000 सिख मारे गए थे. उस समय केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी.

ब्रिटेन की दो दिवसीय यात्रा पर आए राहुल गांधी ने ब्रिटेन के सांसदों और स्थानीय नेताओं की सभा में शुक्रवार को कहा कि यह घटना त्रासदी थी और बहुत दुखद अनुभव था, लेकिन उन्होंने इससे असहमति जताई कि इसमें कांग्रेस 'शामिल' थी. कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, 'मुझे लगता है कि किसी के भी खिलाफ कोई भी हिंसा गलत है. भारत में कानूनी प्रक्रिया चल रही है, लेकिन जहां तक मैं मानता हूं उस समय कुछ भी गलत किया गया तो उसे सजा मिलनी चाहिए और मैं इसका 100 फीसदी समर्थन करता हूं.'  

Advertisement

उन्होंने कहा, 'मेरे मन में उसके बारे में कोई भ्रम नहीं है. यह एक त्रासदी थी, यह एक दुखद अनुभव था. आप कहते हैं कि उसमें कांग्रेस पार्टी शामिल थी, मैं इससे सहमति नहीं रखता. निश्चित तौर पर हिंसा हुई थी, निश्चित तौर पर वह त्रासदी थी.'

बाद में प्रतिष्ठित लंदन स्कूल ऑफ इकनॉमिक्स में एक सत्र के दौरान जब उनसे सिख विरोधी दंगों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, 'जब (पूर्व PM) मनमोहन सिंह ने इसके बारे में कहा तो वह हम सभी के लिए बोले. जैसा मैंने पहले कहा था कि मैं हिंसा का पीड़ित हूं और मैं समझता हूं कि यह कैसा लगता है.' दरअसल, राहुल 1991 में लिट्टे द्वारा अपने पिता और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या का जिक्र कर रहे थे.

राहुल गांधी ने कहा, 'मैं इस धरती पर किसी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा के विरुद्ध हूं. मैं परेशान हो जाता हूं जब मैं किसी को आहत होते देखता हूं. इसलिए मैं इसकी 100 प्रतिशत निंदा करता हूं और मैं किसी के भी खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा में शामिल लोगों को सजा देने के 100 फीसदी समर्थन में हूं.'

उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने हिंसा नहीं झेली है, उन्हें लगता है कि हिंसा वही है जो फिल्मों में देखते हैं. कांग्रेस नेता ने कहा, 'ऐसा नहीं है. मैंने उन लोगों को मरते देखा है जिन्हें मैं बहुत प्यार करता था. मैंने उस व्यक्ति (प्रभाकरन) को भी मरते देखा जिसने मेरे पिता को मारा था.' राहुल ने कहा, 'जब मैंने जाफना (श्रीलंका) के तट पर प्रभाकरन को मृत देखा तो मुझे उसके लिए दुख हुआ क्योंकि मैंने उसकी जगह अपने पिता को देखा और अपनी जगह उसके बच्चों को देखा. इसलिए जब आप हिंसा से पीड़ित होते हो तो आप इसे समझते हैं, यह पूरी तरह से आप पर असर डालती है.' 

Advertisement

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement