CAA पर बोल रहे केरल के राज्यपाल आरिफ खान का विरोध, कहा- चुप नहीं करा सकते

केरल के कन्नूर में आयोजित भारतीय इतिहास कांग्रेस कार्यक्रम में राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को विरोध का सामना करना पड़ा. उन्होंने जैसे ही CAA पर हुए विरोध प्रदर्शन पर बोलना शुरू किया तो इतिहासकार इरफान हबीब स्टेज पर पहुंचे और उन्हें रोकने की कोशिश की.

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आरिफ मोहम्मद खान (फाइल फोटो- पीटीआई) आरिफ मोहम्मद खान (फाइल फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 11:43 PM IST

  • प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब, स्टेज पर चढ़कर मुझे बोलने से रोका
  • दूसरों की विचारधारा के खिलाफ असहिष्णुता, संविधान की भावना के खिलाफ

केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान एक बार फिर से सुर्खियों में हैं. उनका आरोप है कि प्रसिद्ध इतिहासकार इरफान हबीब ने स्टेज पर चढ़कर उन्हें बोलने से रोका, जब वो संशोधित नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में हुए प्रदर्शन पर चर्चा कर रहे थे.

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इस संबंध में केरल के राज्यपाल ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने बताया है कि मंच से बोलने के दौरान कैसे इरफान हबीब उन्हें रोकने पहुंच गए? इस दौरान उनके सुरक्षागार्ड्स के साथ हल्की धक्का-मुक्की भी हुई है. केरल के राज्यपाल ने इस घटना की निंदा की है.

केरल गवर्नर के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किए ट्वीट में कहा गया है, 'इरफान हबीब ने राज्यपाल के उद्घाटन भाषण को बाधित करने की कोशिश की. उन्होंने मौलाना अबुल कलाम आजाद को कोट करने पर राज्यपाल के कहा कि उन्हें गोडसे को कोट करना चाहिए. उन्होंने राज्यपाल के एडीसी और सुरक्षाकर्मी को धक्का भी दिया.'

उन्होंने थोड़ी देर बाद एक और ट्वीट किया. इसमें उन्होंने लिखा, 'मैं पहले के वक्ताओं का जवाब दे रहा था और लोगों को संविधान की मूल भावना समझाने की कोशिश कर रहा था. लेकिन मंच और सामने बैठे लोगों ने मुझे बोलने से रोका. जो पूरी तरह असंवैधानिक है. यह दूसरों की विचारधारा के खिलाफ असहिष्णुता को दर्शाता है.'

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क्या है मामला?

बता दें कि केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान, शनिवार को कन्नूर में आयोजित 'भारतीय इतिहास कांग्रेस' पर भाषण दे रहे थे. इस दौरान उन्हें अप्रत्याशित रूप से कुछ प्रतिनिधियों के विरोध का सामना करना पड़ा. राज्यापल ने इससे पहले 'कन्नूर विश्वविद्यालय' में 'भारतीय इतिहास कांग्रेस' के 80वें अधिवेशन का उद्घाटन किया.

राज्यपाल ने जब संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के बारे में बोलना शुरू किया तब प्रेक्षागृह में आगे की पंक्ति में बैठे कुछ प्रतिनिधियों ने उनका विरोध किया.

इस पर खान ने बार-बार कहा, ‘आपको विरोध का पूरा अधिकार है. लेकिन आप मुझे चुप नहीं करा सकते.’

उन्होंने यह भी कहा, ‘जब आप चर्चा और विमर्श के लिए दरवाजे बंद कर देते हैं, तब आप हिंसा को प्रोत्साहित करते हैं.’

दूसरे राज्यों के विश्वविद्यालयों से आए कुछ छात्रों ने तख्तियां लेकर नारे लगाए, जिन्हें पुलिस ने हटा दिया.

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घटना पर चिंता जताते हुए भारतीय इतिहास कांग्रेस के सचिव ने कहा, ‘कुछ प्रतिनिधि शांतिपूर्ण तरीके से तख्तियां लेकर खड़े थे. उन्हें पुलिस ने गलत तरीके से भगाया.’

खान का भाषण समाप्त होने के बाद कुछ प्रतिनिधियों ने ‘केरल के राज्यपाल शर्म करो’ के नारे भी लगाए.’

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