दरिंदगी की इंतहा, एक ही युवती को चार बार बेचा, 8 साल तक लगातार होता रहा रेप

नाबालिग लड़की को महाराष्ट्र से अगुवा कर बीते 8 सालों में चार बार बेचा गया और दर्जनों लोगों ने उसके साथ रेप और गैंगरेप किया. गैंगरेप की वजह से गर्भवती हो जाने के बाद भी दरिंदों ने उस नहीं छोड़ा और फिर भी उसका बलात्कार करते रहे. पीडित युवती ने एक लड़के और एक लड़की को भी जन्म दिया है और उसके बाद उसे फिर से बेचने की तैयारी चल रही थी.

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सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर

aajtak.in

  • चंडीगढ़,
  • 29 दिसंबर 2019,
  • अपडेटेड 10:43 PM IST

  • हरियाणा में एक ही युवती को चार बार बेचा
  • दर्जनों लोगों ने किया रेप, गैंगरेप
  • गर्भवती होने पर भी रेप करते थे आरोपी

हरियाणा में मानव तस्करी के एक ऐसे गिरोह का पर्दाफाश हुआ है जिसकी कहानी सुनकर आप दंग रह जाएंगे. महाराष्ट्र से तस्करी कर लाई गई एक गरीब नाबालिग लड़की को 4 बार अलग-अलग तस्करों और लोगों के हाथों बेचा गया. इतना ही नहीं इन दरिंदों ने इस दौरान एक बार दो बार नहीं, बल्कि कई बार उससे गैंगरेप किया. लड़की को एक एनजीओ की मदद से उस वक्त बचाया गया जब उसे पांचवीं बार बेचने की तैयारी चल रही थी.

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जानकारी के मुताबिक उस नाबालिग लड़की को महाराष्ट्र से अगवा कर बीते 8 सालों में चार बार बेचा गया और दर्जनों लोगों ने उसके साथ रेप और गैंगरेप किया. गैंगरेप की वजह से गर्भवती हो जाने के बाद भी दरिंदों ने उसे नहीं छोड़ा और फिर भी उसका बलात्कार करते रहे. पीड़ित युवती ने एक लड़के और एक लड़की को भी जन्म दिया है और उसके बाद उसे फिर से बेचने की तैयारी चल रही थी.

मकान मालिक की वजह से बची पीड़ित

यह मामला उस वक्त सामने आया जब हरियाणा के यमुनानगर में एक मकान मालिक ने अपने ही मकान में रहने वाली एक औरत को लड़की की खरीद-फरोख्त करने की बात सुनी. जिस महिला को उन्होंने यह बात करते हुए सुना था वो मानव तस्करी में पहले भी शामिल रही थी और उसका नाम सुनीता शूटर है. वो ऐसे ही एक मामले में पहले भी जेल जा चुकी है.

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मकान मालिक ने जब युवती को बेचे जाने की बात सुनी तो उन्होंने फौरन इसकी सूचना  'आई एम ए ब्लड डोनर' नाम के एक स्थानीय एनजीओ को दी. एनजीओ के लोग वहां पुलिस के साथ पहुंचे और उस युवती की काउंसलिंग की जिसके बाद उसने बीते 8 सालों में खुद पर बीती जुल्म का दास्तान सुनाई.

13 साल की उम्र में हुई थी अगवा, 8 साल में चार बार बेचा

पीड़ित युवती ने बताया कि मानव तस्करी करने वाले एक गिरोह ने उस हरियाणा में बेचा था. इसके बाद उसे हरियाणा के फतेहाबाद शहर से यमुनानगर लाया गया और सुनीता शूटर को बेच दिया. सुनीता शूटर ने उसे मकान मालिक से रिश्तेदार के तौर पर मिलवाया. पीड़ित युवती ने बताया कि उसे  8 साल पहले महाराष्ट्र के चंद्रपुर से अगवा किया गया था, जब वह सिर्फ 13 साल की थी और एक स्थानीय मंदिर में उसे बेचने की डील हुई थी. कथित तौर पर उसका जाह्नवी नाम की एक महिला ने अपहरण कर लिया था, जिसने बाद में उसे आरोपी सुनीता  शूटर को एक लाख रुपये में बेच दिया था.

पीड़िता ने बताया कि उसे हरियाणा के करनाल में रहने वाले एक शख्स को फिर एक लाख रुपये में बेच दिया गया. बेचे जाने के बाद चार लोगों ने बार-बार उसका गैंगरेप किया. फिर उसी कीमत पर उसे एक 42 वर्षीय हरियाणा निवासी को बेच दिया गया. उसने 20 दिनों तक उसके साथ बलात्कार किया. इसके बाद आरोपी सुनीता शूटर ने 20,000 रुपये लेकर नारायणगढ़ के गढ़ी गांव भेज दिया. वहां उसके साथ कुछ लोगों ने सात दिनों तक बलात्कार किया गया. उसे आखिरी बार फतेहाबाद में सात साल पहले 1.5 लाख रुपये में धर्मवीर नाम के शख्स को बेचा गया था.

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पुलिस अधिकारी पर आरोपियों को बचाने का आरोप

इसके बाद आरोपी सुनीता उर्फ सपना उसे आगे इसलिए नहीं बेच पाई क्योंकि उसे सात साल के लिए एक आपराधिक मामले में जेल की सजा हो गई थी. पीड़िता ने कहा मुझे धरमवीर ने प्रताड़ित किया और उसकी मां कमला देवी के निर्देश पर उसके दो भाइयों कृष्ण श्योराण और राकेश कुमार ने बार-बार बलात्कार किया. इतना ही नहीं धरमवीर के दोस्तों जय सिंह और सुनील उर्फ ​​सोनू ने भी उसके साथ रेप किया.

यमुनानगर महिला पुलिस थाने में दर्ज एफआईआर में यह भी कहा गया है कि धरमवीर के भाई कृष्ण श्योराण ने गर्भवती होने के बाद भी उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता ने फ्लोर साफ करने वाला रासायनिक लिक्विड पी कर जान देने की कोशिश भी की लेकिन वह बच गई और एक बेटी और एक बेटे को जन्म दिया.

एनजीओ के स्वयंसेवकों ने यमुनानगर सहायक पुलिस उपनिरीक्षक पर आरोपियों से झूठे शपथ पत्र लेने और पीड़िता को आरोपी सुनीता शूटर को सौंपने की कोशिश करने का आरोप लगाया है. अब पीड़िता ने पुलिस सुरक्षा मांगी है क्योंकि आरोपियों ने उसे गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी दी है.

महाराष्ट्र पुलिस को ट्रांसफर किया गया मामला

इस मामले को यमुनानगर पुलिस ने महाराष्ट्र पुलिस को स्थानांतरित कर दिया है. दिलचस्प बात यह है कि चंद्रपुर, महाराष्ट्र के पुलिस अधिकारियों ने मामले की सूचना दिए जाने के बाद पीड़ित के माता-पिता से संपर्क किया. पीड़िता एक गरीब परिवार से है जो अगुवा किए जाने से पहले अपने माता-पिता और एक भाई के साथ रहती थी.

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पीड़ित की मां एक घरेलू सहायक के रूप में काम करती है जिसने अपना मोबाइल नंबर नहीं बदला क्योंकि वह उम्मीद कर रही थी कि एक दिन उसे अपनी अगवा बेटी के बारे में खबर मिलेगी.

पुलिस ने तस्करी करने वाले गिरोह के सरगना सुनीता उर्फ ​​सपना शूटर उसके बेटे विक्की बेटी निक्की, धरमवीर, कृष्ण श्योराण, राकेश कुमार, कमला देवी, जय सिंह, सुनील उर्फ ​​सोनू और जाह्नवी के खिलाफ धारा 323,328,354,365,366A के तहत मामला दर्ज कर 10 लोगों को गिरफ्तार किया है.

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