करुणानिधि को राष्ट्रीय सम्मान के साथ दी अंतिम विदाई, मरीना बीच पर किया दफन

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि को मरीना बीच में दफना दिया गया है. इससे पहले उनके पार्थिव शरीर को चेन्नई के राजाजी हॉल में रखा गया, जहां लोगों ने उनके अंतिम दर्शन किए.

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मरीना बीच पर करुणानिधि को दफन करते मरीना बीच पर करुणानिधि को दफन करते

राम कृष्ण

  • चेन्नई,
  • 08 अगस्त 2018,
  • अपडेटेड 7:37 AM IST

तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री और DMK प्रमुख एम. करुणानिधि का राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया है. उनको मरीना बीच में दफना दिया गया है. बुधवार को करुणानिधि की अंतिम यात्रा में काफी संख्या में लोग शामिल रहे. बता दें कि मंगलवार शाम चेन्नई के कावेरी अस्पताल में 94 साल की उम्र में उनका निधन हो गया था.

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करुणानिधि के निधन से तमिलनाडु समेत पूरे देश में शोक की लहर है. राज्य में एक दिन का अवकाश और सात दिन का शोक घोषित किया गया है. करुणानिधि के निधन की खबर आते ही डीएमके समर्थक सड़कों पर रोते और बिलखते नजर आए. करुणानिधि के परिजनों ने मरीना बीच में उनको श्रद्धांजलि दी.

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डीएमके चीफ करुणानिधि का मरीना बीच में राष्ट्रीय सम्मान के साथ अंंतिम किया गया. उनको तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री रहे अन्ना दुरै के बगल में दफन कर दिया गया.

- परिजनों ने डीएमके चीफ करुणानिधि को मरीना बीच पर श्रद्धांजलि दी. अब थोड़ी देर में उनको यहां दफना दिया जाएगा.

- तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित समेत राज्य और केंद्रीय मंत्री मरीना बीच पर करुणानिधि को श्रद्धांजलि देते हुए-

 

- एमके स्टालिन, अझागिरी और बहन सेल्वी मरीना बीच पर-

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- कांग्रेस नेता राहुल गांधी, गुलाम नबी आजाद, आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू, टीएमसी के डेरेक ओ ब्रायन और दूसरे नेता भी अंतिम संस्कार के दौरान मौजूद हैं.

- कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी भी मरीना बीच पर करुणानिधि के अंतिम संस्कार के लिए मौजूद हैं.

- करुणानिधि को राजकीय सम्मान देने के लिए मरीना बीच पर तैयारियां की जा रही हैं.

- करुणानिधि की आखिरी यात्रा मरीना बीच के पास पहुंच चुकी है. स्टालिन भी बीच पर पहुंचे.

- सेना के वाहन में ले जाया जा रहा है करुणानिधि का शव. स्टालिन समेत पार्टी के उच्च पदाधिकारी इस वाहन के पीछे चल रहे हैं.

- करुणानिधि की अंतिम यात्रा में उनके समर्थक 100 फीट लंबा बैनर लेकर चल रहे हैं, जिस पर करुणानिधि का चित्र बना हुआ है.

- अंतिम दर्शन के लिए चेन्नई पहुंचे समर्थक बेकाबू भी हो गए, जिसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा.

- करुणानिधि को मरीना बीच ले जाया जा रहा है.

मरीना बीच पर दफनाने की मांग

इससे पहले करुणानिधि को दफनाने को लेकर विवाद भी हुआ. करुणानिधि की पार्टी और उनके समर्थकों ने मांग की कि उन्हें चेन्नई के मशहूर मरीना बीच पर दफनाया जाए और उनका समाधि स्थल भी बने, लेकिन तमिलनाडु सरकार ने ऐसा करने से इनकार किया था. इसी को लेकर आज सुबह मद्रास हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. मद्रास उच्च न्यायालय ने बुधवार को दिवंगत द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) नेता व तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री एम. करुणानिधि पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाए जाने की अनुमति दे दी. 

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(फोटो: करुणानिधि के बेटे एमके स्टालिन, बेटी कनिमोझी विलाप करते हुए, फोटो क्रेडिट - लोकप्रिय)

DMK के वकील ने बताया कि हाईकोर्ट ने करुणानिधि का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर करने की अनुमति दे दी है. इसके अलावा कोर्ट ने आदेश दिया है कि तमिलनाडु सरकार उनका मेमोरियल भी बनाए.

सुनवाई में क्या हुआ...?

कोर्ट में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने डीएमके की मांग के खिलाफ हलफनामा दिया है. सरकार की ओर से कहा गया कि हमने दो एकड़ जमीन और राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार करने का वादा किया है.

मद्रास हाईकोर्ट में पिछले साल डाली गई सभी 6 याचिकाओं को खारिज किया गया है. इन याचिकाओं में मरीना बीच पर किसी भी तरह के समाधि स्थल बनाने का विरोध किया गया था. एक्टिविस्ट ट्रैफिक रामास्वामी ने कहा कि अगर करुणानिधि को मरीना बीच पर दफनाया जाता है, तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है.

तमिलनाडु सरकार ने मरीना बीच पर जमीन देने से किया इनकार

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान तमिलनाडु सरकार ने कहा कि जब करुणानिधि मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने जानकी रामाचंद्रन को भी मरीना बीच पर जगह नहीं दी थी. डीएमके सरकार द्वारा जारी प्रेस रिलीज़ का विरोध नहीं कर सकती है. आपको बता दें कि जानकी रामाचंद्रन सात जनवरी 1988 से 30 जनवरी 1988 तक तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रही हैं.

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तमिलनाडु सरकार की ओर से सीएस वैद्यनाथन ने कहा कि पेरियार द्रविड़ आंदोलन के सबसे बड़े नेता थे, लेकिन क्या उन्हें मरीना बीच पर दफनाया गया?

DMK की ओर से कहा गया कि तमिलनाडु की जनसंख्या सात करोड़ है और एक करोड़ डीएमके फॉलोवर्स हैं. अगर करुणानिधि को मरीना बीच पर नहीं दफनाया गया, तो सभी समर्थक नाराज होंगे. उन्होंने कहा कि करुणानिधि, अन्ना के करीबी थे. वो उन्हें अपनी जिंदगी मानते थे. अगर ऐसे में हम उन्हें गांधी मंडपम में दफनाएंगे तो ये ठीक नहीं होगा.

सुनवाई के दौरान जस्टिस एसएस सुंदर ने कहा कि इस बारे में करुणानिधि के परिवार ने हाईकोर्ट में अपील नहीं की है. BJP नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस बीच कहा कि किसी नेता के कद के अनुसार मरीना बीच पर अंतिम संस्कार तय नहीं हो सकता. पहले भी ऐसे कई नेता हैं, जिनका अंतिम संस्कार या मेमोरियल वहां नहीं है.

मरीना बीच पर दफनाने की अपील

करुणानिधि के पार्थिव शरीर को मरीना बीच पर दफनाने की मांग का कई नेताओं ने भी समर्थन किया है. कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, 'जयललिता की तरह करुणानिधि भी तमिल लोगों की आवाज थे. लिहाजा उनको मरीना बीच में दफनाने की जगह दी जानी चाहिए. मुझे विश्वास है कि तमिलनाडु के मौजूदा नेता इस दुख की घड़ी में उदारता दिखाएंगे.'

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सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी ने भी करुणानिधि को मरीना बीच में दफनाने के लिए जगह देने से इनकार किए जाने को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है. उन्होंने ट्वीट किया कि कलैगनार को मरीना बीच में दफनाने के लिए जगह देने से मना करना दुर्भाग्यपूर्ण है. वो इसके हकदार हैं कि उनको तमिलनाडु के पहले मुख्यमंत्री अन्ना दुरै के बगल में दफनाया जाए.

सुपरस्टार और राजनेता रजनीकांत ने तमिलनाडु सरकार से करुणानिधि के लिए मरीना में जमीन देने की अपील की. उन्होंने कहा कि यही उनके लिए उचित श्रद्धांजलि होगी.

लंबे समय से बीमार थे करुणानिधि

करुणानिधि 29 जुलाई से चेन्नई के कावेरी अस्पताल के इंटेंसिव केयर यूनिट (आईसीयू) में भर्ती थे. अस्पताल की ओर से जारी बयान में कहा गया कि करुणानिधि की उम्र के हिसाब से उनके शरीर के सभी ऑरगन्स काम करना बंद कर दिए थे. बता दें कि पांच बार मुख्यमंत्री रहे करुणानिधि को देखने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद, उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी, केरल के मुख्यमंत्री पी विजयन के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा अस्पताल का दौरा कर चुके हैं.

इसी साल तीन जून को करुणानिधि ने अपना 94वां जन्मदिन मनाया. ठीक 50 साल पहले 26 जुलाई को ही उन्होंने डीएमके की कमान अपने हाथ में ली थी. लंबे समय तक करुणानिधि के नाम हर चुनाव में अपनी सीट न हारने का रिकॉर्ड भी रहा.

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वो पांच बार मुख्यमंत्री और 12 बार विधानसभा सदस्य रहे हैं. अभी तक वह जिस भी सीट पर चुनाव लड़े हैं, उन्होंने हमेशा जीत दर्ज की है. करुणानिधि ने 1969 में पहली बार राज्य के सीएम का पद संभाला था, इसके बाद 2006 में आखिरी बार मुख्यमंत्री बने थे.

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