BJP सांसद के सवाल पर खुलासा, सरकारी कंपनियों में भ्रष्टाचार की 1 लाख शिकायतें

लोकसभा में सरकार ने बताया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और सीबीआई में एक लाख 10 हजार 904 शिकायतें पहुंचीं हैं.

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बीजेपी सांसद पंकज चौधरी ने लोकसभा में सरकारी कंपनियों को लेकर सवाल उठाए. बीजेपी सांसद पंकज चौधरी ने लोकसभा में सरकारी कंपनियों को लेकर सवाल उठाए.

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 18 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 2:41 PM IST

देश की सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है. इन कंपनियों में भ्रष्टाचार से जुड़ी एक लाख से अधिक शिकायतें केंद्रीय जांच एजेंसियों के पास पहुंचीं हैं. यह खुलासा हुआ है बीजेपी के महराजगंज से छठी बार सांसद बने पंकज चौधरी के लोकसभा में पूछे गए सवाल पर. लोकसभा में सरकार ने बताया है कि सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और सीबीआई में एक लाख 10 हजार 904 शिकायतें पहुंचीं हैं.

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दरअसल, महराजगंज के बीजेपी सांसद पंकज चौधरी ने 17 जुलाई को सरकार से पूछा था कि क्या सीवीसी या सीबीआई को सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) में हो रही गड़बड़ियों की शिकायत मिली है. सांसद ने खासतौर से राष्ट्रीय वस्त्र निगम लिमिटेड (एनटीसी) में गड़बड़ियों के बारे में जानकारी मांगी थी. इस सवाल के जवाब में कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय में राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने पिछले तीन वर्षों के दौरान सरकारी क्षेत्र के उपक्रमों के खिलाफ केंद्रीय सतर्कता आयोग को मिली शिकायतों का ब्यौरा दिया.

उन्होंने बताया कि 2016 में 51207, 2017 में 26052 और 2018 मे 33645 शिकायतें मिलीं. वहीं मंत्री ने सीबीआई को मिली सूचनाओं का भी ब्यौरा दिया. बताया कि 2016 में 111, 2017 में 92 और 2018 में 78 शिकायतें मिलीं.

सरकार ने बताया कि सीवीसी को वर्ष 2016 से जून 2019 के बीच राष्ट्रीय वस्त्र निगम लिमिटेड से संबंधित 49 शिकायतें मिलीं थीं. जिसमें 21 शिकायतों को दर्ज कर 26 शिकायतों को संबंधित संगठन के मुख्य सतर्कता अधिकारी को कार्रवाई के लिए भेजा दिया गया, वहीं एक शिकायत को रिपोर्ट के लिए भेजा गया. इसके अलावा सीबीआई ने वर्ष 2016 से 2019 के दौरान राष्ट्रीय वस्त्र निगम लिमिटेड के कार्मिकों के खिलाफ छह शिकायतें दर्ज की गई. इसमें से एक मामले में विभागीय कार्रवाई करने की सिफारिश की गई.

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