तृणमूल कांग्रेस सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने गुजरात पुलिस पर उनकी पार्टी के प्रवक्ता साकेत गोखले को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. ओ ब्रायन ने कहा कि गोखले को जमानत दिए जाने के बाद भी पुलिस उन्हें प्रताड़ित कर रही है.
बता दें कि गोखले को मोरबी पुल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दौरे को लेकर किए गए एक ट्वीट को लेकर गिरफ्तार किया गया था. डेरेक ओ ब्रायन ने गुरुवार को ट्वीट कर कहा कि जमानत मिलने के बाद भी टीएमसी के साकेत गोखले को गुजरात पुलिस प्रताड़ित कर रही है. उन्हें आठ दिसंबर को रात 8.45 मिनट पर दोबारा गिरफ्तार किया गया. उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया, जब वह अहमदाबाद के साइबर पीएस से जा रहे थे. उन्हें बिना किसी वॉरंट के गिरफ्तार कर अज्ञात स्थान पर ले जाया गया. बहुत ही निंदनीय कृत्य.
टीएमसी नेता साकेत गोखले ने अक्टूबर में मोरबी में सस्पेंशन ब्रिज ढहने के बाद प्रधानमंत्री मोदी के दौरे को लेकर एक ट्वीट किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ यह कार्रवाई की गई. उन्हें आठ दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेजा गया था.
डेरेक ओब्रायन ने गुरुवार शाम को ट्वीट कर कहा कि टीएमसी प्रवक्ता गोखले को जमानत मिल गई है. टीएमसी पार्टी अच्छे के लिए लड़ने के लिए हमेशा तैयार है.
पिछले साल टीएमसी में शामिल हुए थे गोखले
साकेत गोखले एक आरटीआई एक्टिविस्ट हैं. उन्होंने अपना करियर एक पत्रकार के तौर पर शुरू किया था. वे कई सालों से राष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर आरटीआई के तहत जानकारी मांगते रहे हैं. उन्होंने हाल ही में बैंक लोन और पेगासस पर कितना बजट पास किया गया था, इसे लेकर जानकारी मांगी थी. पिछले साल अगस्त में साकेत गोखले टीएमसी में शामिल हो गए थे. पार्टी में वे राष्ट्रीय प्रवक्ता के पद पर हैं.
साकेत गोखले पर क्या है आरोप?
गुजरात के मोरबी में अक्टूब में मोरबी में ब्रिज हादसा हो गया था. इसमें 135 लोगों की मौत हो गई थी. TMC के प्रवक्ता साकेत गोखले एक दिसंबर को ट्वीट कर दावा किया था कि ब्रिज टूटने के बाद गुजरात में पीएम मोदी की मोरबी यात्रा के लिए केवल कुछ घंटों के लिए 30 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे.
साकेत गोखले ने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए दावा किया था कि 5.5 करोड़ रुपये विशुद्ध रूप से स्वागत, कार्यक्रम प्रबंधन और फोटोग्राफी के लिए थे. उन्होंने कहा था कि मोदी के इवेंट मैनेजमेंट और पीआर की कीमत 135 लोगों के जीवन से अधिक है. क्योंकि मोरबी ब्रिज हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी गई. हालांकि, गुजरात बीजेपी ने इस दावे को फेक बताया था.
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