भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे ने साल 1978 में इंडियन एयरलाइंस के विमान को 'हाईजैक' कर लिया था. उन्होंने इंदिरा गांधी की रिहाई की मांग को लेकर ऐसा किया था. वरिष्ठ कांग्रेस नेता भोलानाथ पांडे उत्तर प्रदेश में दो बार विधायक रहे थे. उनका शुक्रवार को निधन हो गया, वे 71 वर्ष के थे. भोलानाथ पांडे का पार्थिव शरीर लखनऊ में उनके घर पर रखा गया है और उनका अंतिम संस्कार शनिवार किया जाएगा. वे उत्तर प्रदेश के दोआबा (अब बैरिया) विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक रहे.
भोलानाथ पांडे को न केवल राजनीति में उनके योगदान के लिए याद किया जाता है, बल्कि 20 दिसंबर 1978 को खिलौना बंदूक दिखाकर इंडियन एयरलाइंस की फ्लाइट IC 410 को 'हाईजैक' करने के लिए भी याद किया जाता है. इंदिरा गांधी को आपातकाल के बाद घोटाले से जुड़े आरोपों में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद कर दिया गया था.
भोलानाथ ने फ्लाइट हाईजैक कर उनकी रिहाई की मांग की थी. उन्होंने विमान के दिल्ली में लैंड होने से पहले अपने दोस्त देवेंद्र पांडे के साथ मिलकर ऐसा किया था. विमान में 132 लोग सवार थे. इमरजेंसी के दौर के दो पूर्व मंत्री एके सेन और धर्मबीर सिन्हा भी विमान में सवार थे.
कैसे 'हाईजैक' हुआ था इंडियन एयरलाइंस का विमान
दरअसल, कोलकाता से दिल्ली आ रही फ्लाइट ने शाम 5:45 बजे लखनऊ से उड़ान भरी. फ्लाइट दिल्ली पहुंचने में बस 15 मिनट दूर थी, तभी 15वीं पंक्ति में कुछ हंगामा हुआ. भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे अपनी सीट से उठे और कॉकपिट में पहुंच गए. कॉकपिट में घुसने के बाद उन्होंने फ्लाइट कैप्टन से घोषणा करवाई कि फ्लाइट को हाईजैक कर लिया गया है और अब यह दिल्ली की बजाय पटना जा रही है. कुछ देर बाद घोषणा हुई कि फ्लाइट वाराणसी जाएगी.
फ्लाइट कैप्टन एमएन भट्टीवाला ने एक इंटरव्यू में बताया था कि दोनों ने पायलटों को पहले नेपाल जाने को कहा था, लेकिन उन्होंने मना कर दिया था. भोलानाथ और देवेंद्र ने उन्हें बांग्लादेश जाने के लिए भी कहा था, लेकिन उन्होंने फिर से मना कर दिया. यह घटना काफी अजीब थी.
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इस दौरान भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे ने इंटरकॉम पर भाषण दिया और खुद को युवा कांग्रेस का सदस्य बताया. उन्होंने कहा कि वे अहिंसा में विश्वास करते हैं और यात्रियों को कोई नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. भोलानाथ पांडे ने यह भी मांग की थी कि इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी के खिलाफ सभी मामले वापस लिए जाएं. दोनों ने विमान में 'इंदिरा जिंदाबाद' और 'संजय जिंदाबाद' के नारे लगाए थे, जिस पर यात्रियों ने तालियां बजाईं और जयकारे लगाए थे.
रिपोर्ट्स के अनुसार, ज्यादातर यात्रियों ने इस घटना को गंभीरता से नहीं लिया. जब फ्लाइट वाराणसी में लैंड हुई तो भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे ने उत्तर प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री राम नरेश यादव से मुलाकात की थी, जो केंद्र में सत्ता में मौजूद जनता पार्टी के सदस्य थे. घंटों की बातचीत और इंदिरा गांधी को रिहा किए जाने के आश्वासन के बाद विमान को जाने दिया गया. इसके बाद भोलानाथ पांडे और देवेंद्र पांडे ने सरेंडर कर दिया था.
हालांकि, साल 1980 में इंदिरा गांधी के प्रधानमंत्री के रूप में वापस आने के बाद भोलानाथ और देवेंद्र के खिलाफ आरोप हटा दिए गए और दोनों को कांग्रेस ने उत्तर प्रदेश में 1980 के विधानसभा चुनाव में टिकट दिया था. भोलानाथ पांडे ने एक इंटरव्यू में कहा था कि फ्लाइट की हाईजैकिंग पूरी तरह से एक प्रोटेस्ट था, जिसका उद्देश्य इंदिरा गांधी को रिहा करने के लिए जनता पार्टी सरकार पर दबाव डालना था.
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